देहरादूनः पूरे देशभर में प्रकाश का पर्व दीपावली मनाया जा रहा है. हर तरफ खुशी और उत्साह का माहौल है. इसी कड़ी में कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी दिवाली मनाई. इस दौरान उन्होंने अंकिता भंडारी समेत पहाड़ी के उन बेटियों के नाम भी दीया जलाया जो दरिंदों का शिकार हुईं हैं.
दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने दीपावली के मौके पर अपने आवास पर दीया जलाया. उन्होंने उत्तराखंड की बहादुर बेटियों के नाम भी दीया जलाया. इस दौरान हरीश रावत ने कहा कि उनका ये दीया अंकिता भंडारी के नाम है. जिसने उन दुष्ट आत्माओं के आगे झुकने के बजाय अपने प्राण गंवा दिए.
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ये दीया अंकिता से लेकर काजल समेत उन दलित बेटियों के नाम (Harish Rawat tribute to Ankita Bhandari on diwali) है. जो गरीब व दलित परिवार में जन्मीं और पुरुषों के हवस का शिकार बनीं. ऐसे में यह दीया उन दुष्ट लोगों के मन और मस्तिष्क की दूषित भावना का शमन करें. साथ ही उनके आत्मा में प्रकाश फैले.
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अंकिता भंडारी मर्डर केस: बता दें कि पौड़ी जिले के नांदलस्यू पट्टी के श्रीकोट की रहने वाली अंकिता भंडारी (19) ऋषिकेश के बैराज चीला मार्ग पर गंगा भोगपुर में स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी करती थी. अंकिता इस रिजॉर्ट में 28 अगस्त से नौकरी कर रही थी. वो बीती 18 सितंबर को रहस्यमय तरीके से लापता हो गई थी. जिसके बाद रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने राजस्व पुलिस चौकी में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई. 22 सितंबर तक अंकिता का कुछ पता नहीं चला. इसके बाद मामला लक्ष्मणझूला थाना पुलिस को ट्रांसफर कर दिया गया.
वहीं, जब पुलिस ने जांच की तो वनंत्रा रिजॉर्ट (Vanantra Resort Rishikesh) के संचालक और उसके मैनेजरों की भूमिका सामने आई. रिजॉर्ट के कर्मचारियों से पूछताछ में पता चला कि 18 सितंबर को शाम करीब आठ बजे अंकिता रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर अंकित और भास्कर के साथ रिजॉर्ट से निकली थी, लेकिन जब वो वापस लौटे तो उनके साथ अंकिता (Receptionist Ankita Bhandari) नहीं थी. इस आधार पर पुलिस ने तीनों को हिरासत लिया और पूछताछ की.
आरोपियों ने पुलिस के सामने सारा सच उगल दिया. आरोपियों ने अंकिता भंडारी को नहर में धकेल (Ankita Bhandari Murder Case) दिया था. जिससे उसकी मौत हो गई. मामले में पुलिस ने पूर्व राज्यमंत्री विनोद आर्य (Pulkit Arya father Vinod Arya) के बेटे रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य और उसके दो मैनेजरों को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया. इसके बाद कोर्ट ने तीनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. वहीं, बीती 24 सितंबर को अंकिता का शव चीला बैराज से बरामद हुआ. जिसके बाद शव को एम्स ऋषिकेश ले जाया गया. जहां उसका पोस्टमार्टम किया गया.
वहीं, पोस्टमार्टम रिपोर्ट की जानकारी सार्वजनिक करने की मांग को लेकर मोर्चरी के बाहर कांग्रेसियों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर जमकर हंगामा भी किया, लेकिन स्थिति की नजाकत को देखते हुए डॉक्टरों के पैनल ने हाथों-हाथ रिपोर्ट की जानकारी नहीं दी. पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में उसके शरीर पर चोट के निशान मिले. जिसके आधार पर कहा जा सकता है कि 28 अगस्त से रिजॉर्ट में ड्यूटी ज्वाइन करने के बाद से ही मालिक और उसके सहयोगी उसे प्रताड़ित कर रहे थे. वहीं, श्रीनगर में अंकिता का अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान काफी बवाल भी हुआ था.
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