देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा में बैकडोर से हुई कर्मचारियों की भर्ती और बर्खास्तगी का मामला अभी भी गर्म है. विपक्ष इस मुद्दे पर लगातार सरकार और विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रहा. कांग्रेस के दिग्गज नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत तो लगातार इस मुद्दे पर सरकार को लपेट रहे हैं. अब इसी मुद्दे को लेकर एक बार फिर से हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर तंज कसते हुए विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी को कुछ नसीहत दी है.
हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि 'विधानसभा के नियुक्त कर्मचारियों और बर्खास्त कर्मचारियों के मामले में स्पीकर साहिबा की स्पिन बॉल को मुख्यमंत्री ने उल्टे बैट से खेलकर अपने एडवोकेट जनरल को रेफर कर दिया है. ऐसा लगता है कि सत्तारूढ़ दल इस समस्या को समझ ही नहीं पाया है. यह समस्या अवैधानिक नियुक्तियों की नहीं है, यह समस्या इससे बढ़कर कर है. हमारी सामूहिक भूल की है, जिसको हमने साल 2000 से यहां तक परंपरा बना दिया और उसका हल भी सामूहिक तरीके से मानवीय दृष्टिकोण और तार्किक बुद्धि सम्मत निर्णय से ही निकल सकता है. खैर मैं तो भूत हूं, भूत की बात कितने लोग सुनते हैं, मैं नहीं जानता. लेकिन मेरी समझ यही कहती है.
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बता दें कि बीते साल उत्तराखंड विधानसभा में बैकडोर से कर्मचारियों की भर्ती के मामले ने काफी तूल पकड़ा था. इस मामले में सरकार भी बैकफुट पर आ गई थी. हालांकि बाद में अपनी लाज बचाने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पीकर ऋतु खंडूड़ी को पत्र लिखा था और मामले की जांच करने की बात कही थी.
वहीं स्पीकर ऋतु खंडूड़ी ने भी मामले की जांच के लिए तीन सदस्य कमेटी का गठन किया था, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर स्पीकर ऋतु खंडूड़ी ने 2016 से 2021 की बैक डोर से हुई तमाम नियुक्तियां रद्द कर दी थीं. हालांकि बर्खास्त कर्मचारी इस मामले को लेकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट भी गए थे, लेकिन उन्हें वहां से कोई भी राहत नहीं मिली थी. विधानसभा के बर्खास्त कर्मचारी लगातार सड़कों पर सरकार और स्पीकर ऋतु खंडूड़ी के फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.