देहरादून: पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस महासचिव हरीश रावत इन दिनों 'मेरा वृक्ष, मेरा धन' योजना, मडुआ बोनस योजना को समाप्त किए जाने को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साध रहे हैं. उनका कहना है कि कांग्रेस कार्यकाल में शुरू की गई योजनाओं को वर्तमान भाजपा सरकार समाप्त कर रही है.
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि सत्ता परिवर्तन के साथ ही इस मिट्टी को सम्मान देने वाली मोटे अनाज की बुआई को प्रोत्साहित करने वाली मडुआ बोनस योजना को भाजपा सरकार ने समाप्त कर दिया है. भाजपा सरकार ने बहुत अघोषित तरीके से चुपके-चुपके इस योजना को दफना दिया है. उन्होंने कहा कि हमने गाय माता को सम्मान देने के लिए दुग्ध बोनस, प्रकृति और किसान को सम्मान देने के लिए वृक्ष और जल बोनस की नीति क्रियान्वित की. लेकिन मिट्टी को सम्मान मिले, उसके लिए आवश्यक है कि उसके उत्पादों को अच्छा मूल्य मिले और वह किसानों को प्रेरित करें.
इसी उद्देश्य को लेकर हमने मडुआ बोनस एक अम्ब्रेला योजना प्रारंभ की. जिसके तहत मिर्च, राजमा, गहत, झंगोरा, कौणी, चौलाई, काले सोयाबीन, भट्ट आदि पर हमने न केवल समर्थन मूल्य योजना का कवर पहनाया बल्कि उनका न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया. इसके साथ ही प्रति क्विंटल बोनस पर 300 से लेकर 700 रुपए प्रोत्साहन राशि भी दी. जब स्थानीय उत्पादकों को गांव में चेक मिलने शुरू हुए तो लोगों को बहुत सुखद आश्चर्य हुआ.
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इसका प्रभाव 2016 में दिखाई दिया कि मडुआ और मोटे अनाजों की बुआई का क्षेत्र विस्तृत हुआ. लेकिन वर्तमान भाजपा सरकार ने अनाज की बुआई को प्रोत्साहित करने वाली मंडुआ बोनस योजना को समाप्त कर दिया.