ETV Bharat / state

कोरोना संकट: अन्य राज्यों में फंसे उत्तराखंडियों को लेकर हरदा ने CM त्रिवेंद्र से की अपील

कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप और लॉकडाउन में फंसे लोगों को लेकर उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने चिंता जताई है. हरदा ने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से भी ट्वीट कर अपील की है कि उत्तराखंड आने वाले लोगों की जांच कराई जाए, साथ ही लॉकडाउन का सख्ती से पालन किया जाए.

dehradun
कांग्रेस महासचिव हरीश रावत
author img

By

Published : Mar 28, 2020, 6:49 PM IST

देहरादून: कोरोना वायरस को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार के प्रयासों को लेकर उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत पीएम मोदी और सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की प्रशंसा कर चुके हैं. वहीं, अब पूरे देश में लॉकडाउन के बीच फंसे उत्तराखंड के बेट और बेटियों को लेकर हरदा ने चिंता जताई है. हरीश रावत ने ट्वीट कर त्रिवेंद्र सरकार से इनलोगों को घरवापसी के दौरान मेडिकल चेकअप कराने की बात कही है.

कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने ट्वीट किया कि माननीय मुख्यमंत्री जी से अनुरोध है कि बाहर से हमारे बेटे-बेटियां जो अपने गांव लौट रहे हैं. उनको वापस लाने के साथ साथ राज्य के जितने भी प्रवेश द्वार हैं. उन पर उनका मेडिकल चेकअप कराया जाए और वहां डेडीकेटेड हॉस्पिटल में दो तीन दिन रोका जाय. साथ ही उनको यह सलाह भी दी जाय कि वो लोग अपने गांव में भी लॉकडाउन का पालन करें.

  • माननीय #मुख्यमंत्री जी से दो अनुरोध, बाहर से हमारे बेटे-बेटियाँ, अपने गाँव लौट रहे हैं, उनको लौटने की सुविधा देने के साथ-२ राज्य के जितने प्रवेश द्वार हैं, उन पर उनका मेडिकल चेकअप और हो सके, तो वहाँ डेडीकेटेड हॉस्पिटल में उनको दो-तीन दिन रोका जाय और उनको यह सलाह भी दी जाय कि,

    — Harish Rawat (@harishrawatcmuk) 28 March 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

हरदा ने ट्वीट किया कि कहीं गांव के खुले वातावरण में लोग अपने को संकट से मुक्त न मान लें. यदि गांव तक कोरोना वायरस पहुंचा तो बहुत मुश्किल हो जायेगी. इसलिये मेरे अपने भाई-बहनों से जो गाँव पहुँच रहे हैं. उनसे अनुरोध है कि वो लॉकडाउन की शर्तों के साथ बंधा हुआ समझें. किसी भी हालात में घर से बाहर आवश्यक कार्य के लिये ही निकलें, मगर सामाजिक संपर्क ना करें.

ये भी पढ़े: रुद्रपुर में मिला कोरोना सन्दिग्ध, स्वास्थ्य विभाग में मचा हड़कंप

हरदा ने लोगों से भी अपील की कि हम जहां हैं, वहीं रहें. वहीं हम सबसे अधिक सुरक्षित हैं. सड़कों में जत्थों में लोगों को अपने गांव की ओर जाते देखना अत्यधिक चिंताजनक है. राजस्थान, गुजरात, पंजाब, दिल्ली सभी सरकारें लोगों को बसेरा व भोजन दे रही हैं. स्वयंसेवक व स्वयंसेवी संस्थाएं भी मदद कर रहे हैं.

  • हम जहां हैं, वहीं रहें, वहीं हम सबसे अधिक सुरक्षित हैं, सड़कों में जत्थों में लोगों को अपने गांव की ओर जाते देखना, अत्यधिक चिंताजनक है। #राजस्थान, #गुजरात, #पंजाब, #दिल्ली, सभी सरकारें, लोगों को बसेरा व भोजन दे रही हैं। स्वयंसेवक व स्वयंसेवी संस्थाएं भी मदद कर रही हैं।

    — Harish Rawat (@harishrawatcmuk) 28 March 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

हम यदि अव्यवस्थित तौर पर अपने गांव जायेंगे तो गांव भी असुरक्षित हो जाएगा. हमें सरकार के निर्देशों का कड़ाई से पालन करना चाहिये. लोग अनावश्यक चिंतित हो जा रहे हैं. मुझे जोशीमठ, मुनस्यारी, कौसानी व रानीखेत से भी टेलीफोन आ रहे हैं कि हम अपने गांव जाना चाहते हैं.

ये स्थान इस समय सबसे सुरक्षित और शांत स्थान हैं. जहां प्राकृतिक तौर पर ही सोशल डिस्टेंसिंग बनी हुई है. यह सब घबराहट का नतीजा है. घबराहट छोड़िए जहां हैं वहीं अपने को सुरक्षित मानकर रहें.

देहरादून: कोरोना वायरस को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार के प्रयासों को लेकर उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत पीएम मोदी और सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की प्रशंसा कर चुके हैं. वहीं, अब पूरे देश में लॉकडाउन के बीच फंसे उत्तराखंड के बेट और बेटियों को लेकर हरदा ने चिंता जताई है. हरीश रावत ने ट्वीट कर त्रिवेंद्र सरकार से इनलोगों को घरवापसी के दौरान मेडिकल चेकअप कराने की बात कही है.

कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने ट्वीट किया कि माननीय मुख्यमंत्री जी से अनुरोध है कि बाहर से हमारे बेटे-बेटियां जो अपने गांव लौट रहे हैं. उनको वापस लाने के साथ साथ राज्य के जितने भी प्रवेश द्वार हैं. उन पर उनका मेडिकल चेकअप कराया जाए और वहां डेडीकेटेड हॉस्पिटल में दो तीन दिन रोका जाय. साथ ही उनको यह सलाह भी दी जाय कि वो लोग अपने गांव में भी लॉकडाउन का पालन करें.

  • माननीय #मुख्यमंत्री जी से दो अनुरोध, बाहर से हमारे बेटे-बेटियाँ, अपने गाँव लौट रहे हैं, उनको लौटने की सुविधा देने के साथ-२ राज्य के जितने प्रवेश द्वार हैं, उन पर उनका मेडिकल चेकअप और हो सके, तो वहाँ डेडीकेटेड हॉस्पिटल में उनको दो-तीन दिन रोका जाय और उनको यह सलाह भी दी जाय कि,

    — Harish Rawat (@harishrawatcmuk) 28 March 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

हरदा ने ट्वीट किया कि कहीं गांव के खुले वातावरण में लोग अपने को संकट से मुक्त न मान लें. यदि गांव तक कोरोना वायरस पहुंचा तो बहुत मुश्किल हो जायेगी. इसलिये मेरे अपने भाई-बहनों से जो गाँव पहुँच रहे हैं. उनसे अनुरोध है कि वो लॉकडाउन की शर्तों के साथ बंधा हुआ समझें. किसी भी हालात में घर से बाहर आवश्यक कार्य के लिये ही निकलें, मगर सामाजिक संपर्क ना करें.

ये भी पढ़े: रुद्रपुर में मिला कोरोना सन्दिग्ध, स्वास्थ्य विभाग में मचा हड़कंप

हरदा ने लोगों से भी अपील की कि हम जहां हैं, वहीं रहें. वहीं हम सबसे अधिक सुरक्षित हैं. सड़कों में जत्थों में लोगों को अपने गांव की ओर जाते देखना अत्यधिक चिंताजनक है. राजस्थान, गुजरात, पंजाब, दिल्ली सभी सरकारें लोगों को बसेरा व भोजन दे रही हैं. स्वयंसेवक व स्वयंसेवी संस्थाएं भी मदद कर रहे हैं.

  • हम जहां हैं, वहीं रहें, वहीं हम सबसे अधिक सुरक्षित हैं, सड़कों में जत्थों में लोगों को अपने गांव की ओर जाते देखना, अत्यधिक चिंताजनक है। #राजस्थान, #गुजरात, #पंजाब, #दिल्ली, सभी सरकारें, लोगों को बसेरा व भोजन दे रही हैं। स्वयंसेवक व स्वयंसेवी संस्थाएं भी मदद कर रही हैं।

    — Harish Rawat (@harishrawatcmuk) 28 March 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

हम यदि अव्यवस्थित तौर पर अपने गांव जायेंगे तो गांव भी असुरक्षित हो जाएगा. हमें सरकार के निर्देशों का कड़ाई से पालन करना चाहिये. लोग अनावश्यक चिंतित हो जा रहे हैं. मुझे जोशीमठ, मुनस्यारी, कौसानी व रानीखेत से भी टेलीफोन आ रहे हैं कि हम अपने गांव जाना चाहते हैं.

ये स्थान इस समय सबसे सुरक्षित और शांत स्थान हैं. जहां प्राकृतिक तौर पर ही सोशल डिस्टेंसिंग बनी हुई है. यह सब घबराहट का नतीजा है. घबराहट छोड़िए जहां हैं वहीं अपने को सुरक्षित मानकर रहें.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.