देहरादूनः उत्तराखंड विधानसभा में मुख्यमंत्री कार्यालय से चालान छोड़ने से जुड़े वायरल पत्र पर विवाद जारी है. इस मामले पर अब पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी मोर्चा खोलते हुए विधानसभा के बाहर धरना दिया और सरकार पर खनन का अवैध कारोबार करने का आरोप लगाया.
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने विधानसभा भवन के बाहर कांग्रेस के समर्थकों के साथ धरना दिया. इससे पहले हरीश रावत स्कूटी पर सवार होकर विधानसभा पहुंचे और इसके बाद विधानसभा के बाहर ही धरने पर बैठ गए. इस दौरान उनके साथ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल समेत दूसरे नेता भी मौजूद रहे.
ये भी पढ़ेंः सीएम धामी के PRO का एसएसपी को लिखा लेटर वायरल, CM ने किया बर्खास्त, जांच के आदेश
इस दौरान कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि बीजेपी के नेता उनकी सरकार पर तमाम आरोप लगाते थे, लेकिन हकीकत यह है कि बीजेपी की मौजूदा सरकार में अवैध खनन जोरों पर चल रहा है. सरकार इस अवैध खनन को प्रोत्साहन (harish rawat alleged dhami govt on illegal mining) दे रही है.
सरकार ने दिया प्राकृतिक संपदा की लूट का लाइसेंसः कांग्रेस नेता हरीश रावत ने तीखा हमला बोलते हुए कहा कि राज्य में प्राकृतिक संपदा की लूट हो रही है. ऐसा लगता है कि सरकार ने लूट का लाइसेंस दे दिया है. खनन माफिया की ओर से लूट मचाया जा रहा है.
जानिए वायरल पत्र का मामलाः दरअसल, सोशल मीडिया पर जो पत्र वायरल हुआ, उसमें प्रेषक का नाम नंदन सिंह बिष्ट (pushkar dhami public relations officer nandan singh) लिखा गया है. मुख्यमंत्री धामी के जनसंपर्क अधिकारी के लेटर हेड पर जारी इस पत्र (pushkar dhami pro letter viral) में चालान निरस्त करने की बात कही गई है.
ये भी पढ़ेंः मुख्यमंत्री के OSD, PRO और कोऑर्डिनेटर के लेटर हेड जारी करने पर रोक, जानिए क्यों लिया फैसला
लेटर में लिखा है, 'मुख्यमंत्री के मौखिक निर्देशानुसार मुझे यह कहने का निर्देश हुआ है कि दिनांक 29.11.2021 को बागेश्वर यातायात पुलिस, बागेश्वर द्वारा किये गए वाहन संख्या यूके 02 सीए 0238, यूके 02 सीए 1238 और यूके 04 सीए 5907 के चालान को निरस्त करने का कष्ट करें.' वहीं, पत्र वायरल होने के बाद शासन प्रशासन में हड़कंप मचा गया.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के जनसंपर्क अधिकारी नंदन सिंह बिष्ट के लेटर हेड पर गाड़ियों के चालान छोड़े जाने का आदेश (Pushkar dhami PRO letter viral) का मामला तूल पकड़ा तो शासन ने पूरे मामले में अधिकारी को बर्खास्त कर मामले की जांच के आदेश दिए हैं. साथ ही एक और आदेश जारी किया है. जिसमें मुख्यमंत्री के ओएसडी, जनसंपर्क अधिकारी और कोऑर्डिनेटर को लेटर हेड प्रयोग नहीं करने के निर्देश दिए गए हैं.
ये भी पढ़ेंः CM धामी के PRO के वायरल पत्र को लेकर बवाल, AAP ने सरकार को बताया खनन प्रेमी