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तो ये है हरीश रावत के बागी तेवरों की वजह! कांग्रेस प्रभारी देवेंद्र यादव पर BJP के हाथों 'खेलने' का आरोप

उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत की पोस्ट से उत्तराखंड में बवाल मचा हुआ है. कांग्रेस हाईकमान के खिलाफ हरीश रावत के बागी तेवर पर उनके सलाहकार सुरेंद्र अग्रवाल ने खुलासा किया है. सुरेंद्र अग्रवाल ने उत्तराखंड कांग्रेस प्रभारी देवेंद्र यादव पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

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Published : Dec 22, 2021, 7:17 PM IST

Updated : Dec 22, 2021, 7:23 PM IST

देहरादून: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत ने बुधवार को सोशल मीडिया पर अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस हाईकमान पर जो हमला बोला है, उसकी तस्वीर धीरे-धीरे साफ होने लगी है. पार्टी में हरीश रावत किससे नाराज हैं और वो कौन व्यक्ति है जिस पर हरीश रावत ने कटाक्ष किया है, इसको लेकर हरीश रावत के सलाहकार सुरेंद्र अग्रवाल ने खुलासा किया है. उन्होंने इशारों ही इशारों में कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव पर गंभीर आरोप लगाए हैं. वहीं, जब इस मामले पर हरीश रावत से भी सवाल किया गया तो वो कुछ भी बोले बिना चले गए.

दरअसल, हरीश रावत के सलाहकार सुरेंद्र अग्रवाल ने कहा कि हरीश रावत कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं. अगर कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव की मौजूदगी में राहुल गांधी की रैली से उनके पोस्टर हटा दिए जाते हैं, तो उनकी भूमिका संदेह में आ जाती है. संभावना है कि देवेंद्र यादव साजिश में शामिल हों.

तो ये है हरीश रावत के बागी तेवरों की वजह

पढ़ें- अपने विश्राम वाली पोस्ट पर हरीश रावत का बयान, 'समय आने पर दूंगा जवाब, अभी सिर्फ लें आनंद'

वहीं, सुरेंद्र अग्रवाल ने बिना नाम लिए कहा कि, कांग्रेस की कोई बड़ी ताकत बीजेपी के हाथों में खेल रही है, जो कांग्रेस की वापसी की संभावनाओं में बाधा पैदा कर रही है. कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव सब के लिए सम्मानित हैं. प्रभारी का काम होता है सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच में सामंजस्य बैठाकर चले. लेकिन यदि प्रभारी किसी की पार्टी बनते हैं और पार्टी कार्यकर्ताओं को भी इस तरह का आभास हो रहा है, वहीं पार्टी में अंदरखाने इस तरह की फुसफुसाहट भी है कि कांग्रेस के कुछ जिम्मेदार लोगों को बीजेपी अपने जाल में फंसा रही है. हालांकि, प्रभारी देवेंद्र यादव वैसे तो काफी सम्मानित हैं, लेकिन कार्यकर्ता जो इशारा कर रहे हैं, वो बड़ा गंभीर मामला है.

  • BJP may have used ED or CBI to threaten any of our members. They may have misguided our colleague to fulfill their motive of creating differences between Harish Rawat and our members. BJP has done this before and it is a small task for them: Surinder Aggarwal pic.twitter.com/D2L3EjUiKW

    — ANI (@ANI) December 22, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अग्रवाल ने संदेश जताया कि, बीजेपी ने कांग्रेस के किसी सदस्य को धमकाने के लिए ईडी या सीबीआई का इस्तेमाल किया होगा. उन्होंने हरीश रावत और कांग्रेस के सदस्यों के बीच मतभेद पैदा करने के अपने मकसद को पूरा करने के लिए हमारे सहयोगी को गुमराह किया होगा. बीजेपी ने पहले भी ऐसा किया है और यह उनके लिए एक छोटा सा काम है.

  • फिर चुपके से मन के एक कोने से आवाज उठ रही है "न दैन्यं न पलायनम्" बड़ी उपापोह की स्थिति में हूंँ, नया वर्ष शायद रास्ता दिखा दे। मुझे विश्वास है कि #भगवान_केदारनाथ जी इस स्थिति में मेरा मार्गदर्शन करेंगे।#Uttarakhand @INCUttarakhand

    — Harish Rawat (@harishrawatcmuk) December 22, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

दरअसल, हरीश रावत की नाराजगी का जो पूरा मामला सामने निकलकर आ रहा है उसे देखें तो वो राहुल गांधी की देहरादून रैली से जुड़ रहा है. बीती 16 दिसंबर को राहुल गांधी की देहरादून के परेड ग्राउंड में रैली हुई थी. बताया जा रहा है कि इस रैली में राहुल, प्रियंका और सोनिया गांधी के अलावा हरीश रावत के भी पोस्टर लगाए गये थे, लेकिन हरीश रावत के पोस्टरों को हटा दिया गया और ये सब कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव के सामने हुआ.

पढ़ें- कांग्रेस में मगरमच्छ कौन? किसने बांधे हरीश रावत के हाथ-पैर? कहा- बहुत हो गया, अब विश्राम का समय

माना जा रहा है कि हरीश रावत, देवेंद्र यादव के पिछले कई महीनों से नाराज चल रहे हैं. हरीश रावत ने कुछ महीनों पर पहले पार्टी हाईकमान के मांग की थी कि वो उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के लिए सीएम चेहरे की घोषणा करें, लेकिन कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने उनकी इस मांग को नकाराते हुए सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने की बात कही थी.

हरीश रावत का पोस्ट-

चुनाव रूपी समुद्र है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है'. 'जिस समुद्र में तैरना है, जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं. मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि हरीश रावत अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिये, अब विश्राम का समय है'. चुपके से मन के एक कोने से आवाज उठ रही है, 'न दैन्यं न पलायनम. बड़ी उहापोह की स्थिति में हूं, नया साल शायद रास्ता दिखा दे. मुझे विश्वास है कि भगवान केदारनाथ जी इस स्थिति में मेरा मार्गदर्शन करेंगे. सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं, जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं. मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि हरीश रावत अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिये, अब विश्राम का समय है'.

देहरादून: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत ने बुधवार को सोशल मीडिया पर अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस हाईकमान पर जो हमला बोला है, उसकी तस्वीर धीरे-धीरे साफ होने लगी है. पार्टी में हरीश रावत किससे नाराज हैं और वो कौन व्यक्ति है जिस पर हरीश रावत ने कटाक्ष किया है, इसको लेकर हरीश रावत के सलाहकार सुरेंद्र अग्रवाल ने खुलासा किया है. उन्होंने इशारों ही इशारों में कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव पर गंभीर आरोप लगाए हैं. वहीं, जब इस मामले पर हरीश रावत से भी सवाल किया गया तो वो कुछ भी बोले बिना चले गए.

दरअसल, हरीश रावत के सलाहकार सुरेंद्र अग्रवाल ने कहा कि हरीश रावत कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं. अगर कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव की मौजूदगी में राहुल गांधी की रैली से उनके पोस्टर हटा दिए जाते हैं, तो उनकी भूमिका संदेह में आ जाती है. संभावना है कि देवेंद्र यादव साजिश में शामिल हों.

तो ये है हरीश रावत के बागी तेवरों की वजह

पढ़ें- अपने विश्राम वाली पोस्ट पर हरीश रावत का बयान, 'समय आने पर दूंगा जवाब, अभी सिर्फ लें आनंद'

वहीं, सुरेंद्र अग्रवाल ने बिना नाम लिए कहा कि, कांग्रेस की कोई बड़ी ताकत बीजेपी के हाथों में खेल रही है, जो कांग्रेस की वापसी की संभावनाओं में बाधा पैदा कर रही है. कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव सब के लिए सम्मानित हैं. प्रभारी का काम होता है सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच में सामंजस्य बैठाकर चले. लेकिन यदि प्रभारी किसी की पार्टी बनते हैं और पार्टी कार्यकर्ताओं को भी इस तरह का आभास हो रहा है, वहीं पार्टी में अंदरखाने इस तरह की फुसफुसाहट भी है कि कांग्रेस के कुछ जिम्मेदार लोगों को बीजेपी अपने जाल में फंसा रही है. हालांकि, प्रभारी देवेंद्र यादव वैसे तो काफी सम्मानित हैं, लेकिन कार्यकर्ता जो इशारा कर रहे हैं, वो बड़ा गंभीर मामला है.

  • BJP may have used ED or CBI to threaten any of our members. They may have misguided our colleague to fulfill their motive of creating differences between Harish Rawat and our members. BJP has done this before and it is a small task for them: Surinder Aggarwal pic.twitter.com/D2L3EjUiKW

    — ANI (@ANI) December 22, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अग्रवाल ने संदेश जताया कि, बीजेपी ने कांग्रेस के किसी सदस्य को धमकाने के लिए ईडी या सीबीआई का इस्तेमाल किया होगा. उन्होंने हरीश रावत और कांग्रेस के सदस्यों के बीच मतभेद पैदा करने के अपने मकसद को पूरा करने के लिए हमारे सहयोगी को गुमराह किया होगा. बीजेपी ने पहले भी ऐसा किया है और यह उनके लिए एक छोटा सा काम है.

  • फिर चुपके से मन के एक कोने से आवाज उठ रही है "न दैन्यं न पलायनम्" बड़ी उपापोह की स्थिति में हूंँ, नया वर्ष शायद रास्ता दिखा दे। मुझे विश्वास है कि #भगवान_केदारनाथ जी इस स्थिति में मेरा मार्गदर्शन करेंगे।#Uttarakhand @INCUttarakhand

    — Harish Rawat (@harishrawatcmuk) December 22, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

दरअसल, हरीश रावत की नाराजगी का जो पूरा मामला सामने निकलकर आ रहा है उसे देखें तो वो राहुल गांधी की देहरादून रैली से जुड़ रहा है. बीती 16 दिसंबर को राहुल गांधी की देहरादून के परेड ग्राउंड में रैली हुई थी. बताया जा रहा है कि इस रैली में राहुल, प्रियंका और सोनिया गांधी के अलावा हरीश रावत के भी पोस्टर लगाए गये थे, लेकिन हरीश रावत के पोस्टरों को हटा दिया गया और ये सब कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव के सामने हुआ.

पढ़ें- कांग्रेस में मगरमच्छ कौन? किसने बांधे हरीश रावत के हाथ-पैर? कहा- बहुत हो गया, अब विश्राम का समय

माना जा रहा है कि हरीश रावत, देवेंद्र यादव के पिछले कई महीनों से नाराज चल रहे हैं. हरीश रावत ने कुछ महीनों पर पहले पार्टी हाईकमान के मांग की थी कि वो उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के लिए सीएम चेहरे की घोषणा करें, लेकिन कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने उनकी इस मांग को नकाराते हुए सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने की बात कही थी.

हरीश रावत का पोस्ट-

चुनाव रूपी समुद्र है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है'. 'जिस समुद्र में तैरना है, जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं. मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि हरीश रावत अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिये, अब विश्राम का समय है'. चुपके से मन के एक कोने से आवाज उठ रही है, 'न दैन्यं न पलायनम. बड़ी उहापोह की स्थिति में हूं, नया साल शायद रास्ता दिखा दे. मुझे विश्वास है कि भगवान केदारनाथ जी इस स्थिति में मेरा मार्गदर्शन करेंगे. सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं, जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं. मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि हरीश रावत अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिये, अब विश्राम का समय है'.

Last Updated : Dec 22, 2021, 7:23 PM IST
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