देहरादून: बीजेपी से निष्कासित होने के बाद पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत पर कांग्रेस ने भरोसा जताया और उनकी बहू अनुकृति गुसाईं को लैंसडाउन से टिकट दिया है. टिकट मिलने के बाद अनुकृति गुसाईं ने कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व का आभार जताया है. ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए उन्होंने चुनाव को लेकर अपनी तैयारी और कांग्रेस में शामिल होने से पहले दिल्ली में बिताए मुश्किल दौर को साझा किया.
कांग्रेस से मिला राजनीतिक डेब्यू: मिस इंडिया ग्रैंड इंटरनेशनल का खिताब अपने नाम करने वालीं अनुकृति गुसाईं ने कांग्रेस के साथ अपना राजनीतिक डेब्यू कर लिया है. लैंसडाउन से टिकट मिलने के बाद अब उनकी सीधी टक्कर लैंसडाउन से दो बार विधायक रहे दलीप सिंह रावत से है. ये लड़ाई काफी अहम भी मानी जा रही है, क्योंकि दलीप रावत लैंसडाउन सीट को लेकर हरक सिंह रावत पर काफी बार हमला भी बोल चुके हैं. ऐसा इसलिए था क्योंकि हरक लगातार भाजपा से अनुकृति के लिए लैंसडाउन से टिकट की मांग कर रहे थे.
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लैंसडाउन की जंग नहीं आसान: वहीं, कठिन चुनावी लड़ाई के सवाल पर अनुकृति गुसाईं का कहना है कि, लैंसडाउन उनका घर है. यहां उनकी पूरी तैयारी है और वो पिछले काफी समय से लैंसडाउन विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय हैं. दरअसल, अनुकृति लंबे समय से लैंसडाउन विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय हैं. यही वजह है कि जब हरक सिंह रावत भाजपा में थे तो लैंसडाउन विधायक दलीप रावत की चिंताएं बढ़ी रहती थी.
लैंसडाउन का विकास प्रथामिकता: आखिरकार, अब हरक सिंह रावत कांग्रेस में हैं और उनकी बहू अनुकृति कांग्रेस के टिकट पर लैंसडाउन सीट से लड़ रही हैं. जिस पर अनुकृति गुसाईं का कहना है कि पिछले 10 सालों से लैंसडाउन विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों पर विराम लगा हुआ है. लैंसडाउन में सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य को लेकर कोई काम नहीं हुआ है. अगर वो जीतती हैं तो उनकी पहली प्राथमिकता में ये सब रहेगा.
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हरक भावुक हैं, कमजोर नहीं: इसके अलावा अनुकृति ने ईटीवी भारत से वो पल भी साझा किया जब वो अपने ससुर हरक सिंह रावत के साथ दिल्ली में थीं और अचानक भाजपा ने हरक सिंह रावत को निष्कासित कर दिया था. उन्होंने कहा कि उनके ससुर भावुक जरूर हैं, लेकिन कमजोर नहीं हैं. केवल कुछ अफवाहों की वजह से भाजपा ने उन्हें निष्कासित कर दिया. इससे हरक सिंह काफी दुखी हुए थे. लेकिन वो हर वक्त हरक सिंह रावत के साथ खड़ी रहीं.
गौर हो कि 24 जनवरी को जारी कांग्रेस की दूसरी लिस्ट में अनुकृति गुसाईं को लैंसडाउन सीट से टिकट दिया गया है. माना जा रहा है कि हरक सिंह रावत की कांग्रेस से यही मांग थी कि उनकी बहू पर भरोसा जताया जाए. यही मांग उनकी भाजपा से भी थी लेकिन भाजपा लैंसडाउन सीट पर अपने दो बार के सिटिंग विधायक दलीप रावत को छेड़ना नहीं चाहती थी. वहीं, दलीप रावत की ओर से भी भाजपा पर बड़ा प्रेशर था.