देहरादूनः उत्तराखंड के मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी में पिछले साल 16 और 17 दिसंबर को चिंतन शिविर आयोजित हुई थी. जिसमें कई अहम बिंदुओं पर चर्चा किया गया था. जिसके बाद चिंतन शिविर के सभी बिंदुओं में से 21 बिंदुओं पर सहमति बनी थी. लिहाजा, इन सभी बिंदुओं का प्रस्ताव तैयार कर मंत्रिमंडल के सम्मुख रखा गया. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई इस मंत्रिमंडल की बैठक में चिंतन शिविर के 21 बिंदुओं को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है.
इन बिंदुओं पर भविष्य में कार्य करने बनी सहमतिः नदियों के किनारे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के विस्थापन की नीति को मंजूरी दी गई. उत्तराखंड में हाई एल्टीट्यूड क्षेत्रों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. जिसमें हाई एल्टीट्यूड क्षेत्र के साहसिक खेलों का प्रशिक्षण दिया जाएगा. माउंटेनिंग, स्कीइंग और क्लाइंबिंग जैसे प्रशिक्षण दिए जाएंगे.
GMVN और KMVN का होगा विलय, गुफा पर्यटन होगा विकसितः उत्तराखंड में केव टूरिज्म को विकसित किया जाएगा. इसके अंतर्गत पाताल भुनेश्वर और केदारनाथ में ध्यान गुफा जैसे क्षेत्रों को विकसित किया जाएगा. गढ़वाल मंडल विकास निगम और कुमाऊं मंडल विकास निगम का विलय किया जाएगा. जिसके लिए 3 महीने का वक्त दिया गया है. निगम की परिसंपत्तियों को चिन्हित करके उनसे राजस्व की नीति बनेगी.
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हरकी पैड़ी कॉरिडोर होगा विकसित, पहाड़ी शैली में निर्माण होंगे चौराहेः महाकाल, उज्जैन और काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, वाराणसी की तर्ज पर हरकी पैड़ी कॉरिडोर विकसित किया जाएगा. नैनीताल मॉल रोड की तर्ज पर अल्मोड़ा के पटाल बाजार का सौंदर्यीकरण किया जाएगा. प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में पार्क, सड़क, दुकानों और चौराहों को पहाड़ी शैली में निर्माण किया जाएगा. तीन लाख मूल्य से नीचे के प्रस्ताव जिला योजना में नहीं लिए जाएंगे. इसकी गतिविधियों का कैलेंडर बनेगा.
सीमांत गांव गुंजी उप-तहसील बनेगाः सड़क में होने वाली एक्सीडेंटल डेथ रोकने के लिए अगले दो साल के भीतर क्रैश बैरियर लगाए जाएंगे. चौबटिया, रानीखेत के उद्यान को आयुष हब के रूप में तैयार किया जाएगा. नेपाल से लगे क्षेत्रों के विकास के लिए सीमांत गांव गुंजी में उप तहसील बनाई जाएगी. सिंचाई विभाग के चैनल निर्माण में एचटीपीई पाइप लगाई जाएगी.
उत्तराखंड में दोपहिया एंबुलेंस चलेगी, इनर लाइन परमिट होगा ऑनलाइनः पर्वतारोहियों के लिए इनर लाइन परमिट को ऑनलाइन किया जाएगा. प्रदेश में कम्युनिटी रेडियो विकसित किए जाएंगे. इंफ्रास्ट्रक्चर को ड्रोन से देखा जाएगा. एक करोड़ से ऊपर लागत के लिए यह अनिवार्य होगा. शहरों में कन्जेशन बढ़ाने वाले विभागों को बाहर किया जाएगा. वन विभाग में रोजगार सृजन की योजना बनेगी. वहीं, चार पहिया एंबुलेंस के साथ ही दोपहिया एंबुलेंस भी चलेंगी.
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