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देहरादून में आयोजित हुआ ज्ञान मंथन मेला, गैस लीकेज डीडेक्टर का मॉडल रहा आकर्षण का केन्द्र - आसरा ट्रस्ट की चेयरपर्सन शैला बृजनाथ

Gyan Manthan fair organized in dehradun देहरादून में आज आसरा ट्रस्ट और ज्ञान ज्योति ट्रस्ट की ओर से ज्ञान मंथन मेला आयोजित किया गया. मेले में देहरादून और उधमसिंह नगर जिले के करीब 30 सरकारी स्कूलों के बच्चे शामिल हुए. मेले में गैस लीकेज डिटेक्टर का मॉडल आकर्षण का केन्द्र रहा..

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 23, 2023, 8:53 PM IST

Updated : Dec 23, 2023, 10:45 PM IST

देहरादून में आयोजित हुआ ज्ञान मंथन मेला

देहरादून: आसरा ट्रस्ट और ज्ञान ज्योति ट्रस्ट की ओर से आज ज्ञान मंथन मेले का आयोजन किया गया. इस मेले में देहरादून और उधमसिंह नगर जिले के करीब 30 सरकारी स्कूलों के बच्चे शामिल हुए. मेले में बच्चों ने खुद से तैयार किए मॉडल प्रस्तुत किए. बता दें कि आसरा ट्रस्ट और उत्तराखंड सरकार के बीच एमओयू साइन किया गया है. जिसके तहत ट्रस्ट की ओर से स्कूली बच्चों को साइंस टेक्नोलॉजी की जानकारी और बच्चों के आइडिया को मॉडल के रूप में तैयार करने के लिए जरूरी समान उपलब्ध कराया जाता है.

आसरा ट्रस्ट चेयरपर्सन शैला बृजनाथ

शिक्षकों को दिए गए इनोवेटिव आइडिया: ज्ञान मंथन मेले में बच्चों को सर्टिफिकेट भी वितरित किए गए. इन सभी बच्चों को ज्ञान ज्योति ट्रस्ट की ओर से साइंस टेक्नोलॉजी की जानकारी दी गई है. साथ ही करीब 200 शिक्षकों को भी नए-नए इनोवेटिव आइडिया और बच्चों के स्किल को डेवलप करने के लिए संस्था की ओर से ट्रेनिंग दी गई है. ये सभी शिक्षक प्रदेश के तमाम सरकारी स्कूलों के शिक्षक हैं, जो अपने स्कूलों में जाकर बच्चों के स्किल को डेवलप करेंगें.

200 शिक्षकों को दी गई ट्रेनिंग: आसरा ट्रस्ट की चेयरपर्सन शैला बृजनाथ ने बताया कि बच्चों के बेहतर भविष्य और उनके एजुकेशन को जॉब से कैसे जोड़ सके, इसके लिए तमाम तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. इसी क्रम में उत्तराखंड के तमाम सरकारी स्कूलों के करीब 200 शिक्षकों को ट्रेनिंग दी गई है, ताकि वो बच्चों के स्किल्स को समझकर उनको आगे का रास्ता दिखा सके.

बच्चों ने बनाया गैस लीकेज डिटेक्टर मॉडल: गैस लीकेज डिटेक्टर का मॉडल तैयार करने वाले बच्चों ने बताया कि आसपास की घटनाओं को देखते हुए उनके दिमाग में ये ख्याल आया कि ऐसा इक्विपमेंट तैयार किया जाए. जिसके जरिए गैस लीक की जानकारी मिल सके, इसलिए ये मॉडल तैयार किया गया है. अगर ये मॉडल घर घर तक पहुंच जाता है, तो गैस लीक होने की वजह से होने वाले दुर्घटनाओं पर लगाम लगाया जा सकेगा.

ये भी पढ़ें: हल्द्वानी में वैज्ञानिक सोच को बच्चों ने धरातल पर उतारा, सिल्कयारा टनल मॉडल रहा आकर्षण का केन्द्र

देहरादून के सरकारी स्कूल के छात्रों ने ट्रेन का ट्रेन की टक्कर से बचाने और जंगली जानवरों को ट्रेन से कटने से बचाने के लिए एक मॉडल (स्मार्ट रेलवे एक्सीडेंट प्रिवेंशन) तैयार किया है. जिसके तहत अगर ट्रेन में सेंसर लगाए जाते हैं, तो दूर से आने वाली ट्रेन की जानकारी मिल सकेगी. इसके अलावा सबसे जरूरी यह है कि कई बार हरिद्वार से देहरादून के बीच तमाम जंगली जानवर ट्रेन की चपेट में आने से कटकर मर जाते हैं. ऐसे में इस मॉडल के तहत अगर रेलवे ट्रैक पर खासकर उन क्षेत्रों में, जहां जंगली जानवरों की आवाजाही होती है. उन ट्रैक पर सेंसर लगा सकते हैं.

ये भी पढ़ें: खास है लक्षिका का घराट मॉडल, कम पानी में अनाज पीसेगा, बिजली भी पैदा करेगा, राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव में चयन

देहरादून में आयोजित हुआ ज्ञान मंथन मेला

देहरादून: आसरा ट्रस्ट और ज्ञान ज्योति ट्रस्ट की ओर से आज ज्ञान मंथन मेले का आयोजन किया गया. इस मेले में देहरादून और उधमसिंह नगर जिले के करीब 30 सरकारी स्कूलों के बच्चे शामिल हुए. मेले में बच्चों ने खुद से तैयार किए मॉडल प्रस्तुत किए. बता दें कि आसरा ट्रस्ट और उत्तराखंड सरकार के बीच एमओयू साइन किया गया है. जिसके तहत ट्रस्ट की ओर से स्कूली बच्चों को साइंस टेक्नोलॉजी की जानकारी और बच्चों के आइडिया को मॉडल के रूप में तैयार करने के लिए जरूरी समान उपलब्ध कराया जाता है.

आसरा ट्रस्ट चेयरपर्सन शैला बृजनाथ

शिक्षकों को दिए गए इनोवेटिव आइडिया: ज्ञान मंथन मेले में बच्चों को सर्टिफिकेट भी वितरित किए गए. इन सभी बच्चों को ज्ञान ज्योति ट्रस्ट की ओर से साइंस टेक्नोलॉजी की जानकारी दी गई है. साथ ही करीब 200 शिक्षकों को भी नए-नए इनोवेटिव आइडिया और बच्चों के स्किल को डेवलप करने के लिए संस्था की ओर से ट्रेनिंग दी गई है. ये सभी शिक्षक प्रदेश के तमाम सरकारी स्कूलों के शिक्षक हैं, जो अपने स्कूलों में जाकर बच्चों के स्किल को डेवलप करेंगें.

200 शिक्षकों को दी गई ट्रेनिंग: आसरा ट्रस्ट की चेयरपर्सन शैला बृजनाथ ने बताया कि बच्चों के बेहतर भविष्य और उनके एजुकेशन को जॉब से कैसे जोड़ सके, इसके लिए तमाम तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. इसी क्रम में उत्तराखंड के तमाम सरकारी स्कूलों के करीब 200 शिक्षकों को ट्रेनिंग दी गई है, ताकि वो बच्चों के स्किल्स को समझकर उनको आगे का रास्ता दिखा सके.

बच्चों ने बनाया गैस लीकेज डिटेक्टर मॉडल: गैस लीकेज डिटेक्टर का मॉडल तैयार करने वाले बच्चों ने बताया कि आसपास की घटनाओं को देखते हुए उनके दिमाग में ये ख्याल आया कि ऐसा इक्विपमेंट तैयार किया जाए. जिसके जरिए गैस लीक की जानकारी मिल सके, इसलिए ये मॉडल तैयार किया गया है. अगर ये मॉडल घर घर तक पहुंच जाता है, तो गैस लीक होने की वजह से होने वाले दुर्घटनाओं पर लगाम लगाया जा सकेगा.

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देहरादून के सरकारी स्कूल के छात्रों ने ट्रेन का ट्रेन की टक्कर से बचाने और जंगली जानवरों को ट्रेन से कटने से बचाने के लिए एक मॉडल (स्मार्ट रेलवे एक्सीडेंट प्रिवेंशन) तैयार किया है. जिसके तहत अगर ट्रेन में सेंसर लगाए जाते हैं, तो दूर से आने वाली ट्रेन की जानकारी मिल सकेगी. इसके अलावा सबसे जरूरी यह है कि कई बार हरिद्वार से देहरादून के बीच तमाम जंगली जानवर ट्रेन की चपेट में आने से कटकर मर जाते हैं. ऐसे में इस मॉडल के तहत अगर रेलवे ट्रैक पर खासकर उन क्षेत्रों में, जहां जंगली जानवरों की आवाजाही होती है. उन ट्रैक पर सेंसर लगा सकते हैं.

ये भी पढ़ें: खास है लक्षिका का घराट मॉडल, कम पानी में अनाज पीसेगा, बिजली भी पैदा करेगा, राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव में चयन

Last Updated : Dec 23, 2023, 10:45 PM IST
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