देहरादूनः उत्तराखंड में दिनों दिन कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. वहीं, दूसरी ओर राज्य सरकार के पास कोरोना सैंपल टेस्ट जांच के लिए पर्याप्त लैब मौजूद नहीं है. यही वजह है कि वर्तमान समय में 6,920 कोरोना सैंपल का जांच होना बाकी है. प्रदेश सरकार ने आइआइपी में भी कोरोना सैंपल टेस्ट लैब की शुरुआत तो कर दी है, लेकिन इस टेस्ट लैब में भी रोजाना 50 सैंपलों के ही जांच किए जा सकेंगे. जबकि, अभी भी पेंडिंग पड़े कोरोना सैंपल की जांच के लिए अतिरिक्त व्यवस्था की जरूरत है.
सूबे में लगातार बढ़ते कोरोना मामलों को देखते हुए अब राज्य सरकार निजी लैब में सैंपल जांच कराने की रणनीति बना रही है. केंद्र सरकार ने उत्तराखंड में जिन 5 लैब को मान्यता दी है, उन लैब से काम नहीं चल पा रहा है. क्योंकि, रोजाना कोरोना सैंपल की संख्या बढ़ती जा रही है और जांच की स्पीड अभी भी कम ही बनी हुई है.
ऐसे में अब राज्य सरकार अन्य राज्यों से संपर्क साध रही है कि क्या कोई राज्य प्राइवेट लैब से भी कोरोना सैंपल की जांच करा रही है. ऐसे में कोई जानकारी मिलती है तो उन राज्य में तय किए गए दरों के आधार पर ही राज्य में भी मान्यता प्राप्त लैब के साथ ही प्राइवेट लैब को भी सैंपल जांच के जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है.
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वहीं, शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि राज्य सरकार ने जो निर्णय लिया था, उसके तहत देहरादून स्थित आइआइपी में कोरोना सैंपलों की जांच शुरू हो गई है. इसके साथ ही प्राइवेट लैब के संबंध में अन्य राज्यों से वार्ता की जा रही है कि उन राज्यों ने टेस्ट की क्या दरें तय की हैं?
उन्हीं दरों के अनुसार ही राज्य के प्राइवेट लैब से ही टेस्ट कराए जाएंगे. साथ ही बताया कि प्राइवेट लैब से सैंपल टेस्ट कराने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई है. हालांकि, इसमें देरी होने की मुख्य वजह है कि बीते कुछ दिनों से शासन के काम में थोड़ा व्यवधान रहा है.