डोईवाला: किसान जसवीर सिंह 20 सालों से जैविक खेती कर रहे हैं. उनके उत्पादों की बाजार में भारी मांग रहती है. जैविक खेती को बढ़ावा देने पर उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट (सेनि) जनरल गुरमीत सिंह ने उन्हें सम्मानित किया. किसान जसवीर सिंह जैविक खेती में वर्मी कंपोस्ट खाद का प्रयोग कर रहे हैं. इसलिए उनके उत्पाद मार्केट में छाये रहते हैं.
राज्यपाल ने किया सम्मानित: किसान जसवीर सिंह का कहना रासायनिक खादों से तैयार उत्पादों से लोग बीमारी से ग्रसित नहीं होते हैं. कुछ किसान अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में खेती में रासायनिक खादों का प्रयोग कर रहे हैं. लेकिन डोईवाला के झबरावाला के रहने वाले जसवीर सिंह पिछले 20 सालों से जैविक खेती कर रहे हैं. इसके पीछे उनका कहना है कि रासायनिक खादों के प्रयोग से कई तरह के रोग हो रहे हैं. उन्होंने अधिक मुनाफे की परवाह ना करके जैविक खेती को अपनाया है.
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वर्मी कंपोस्ट खाद का इस्तेमाल: जसवीर वर्मी कंपोस्ट खाद का इस्तेमाल कर रहे हैं और उनके द्वारा तैयार जैविक उत्पादों की बाजार में भारी डिमांड है. वर्तमान में किसान जसवीर सिंह सभी मौसमी सब्जियां उगा रहे हैं. वहीं जैविक खेती को बढ़ावा देने वाले जसवीर सिंह को एक कार्यक्रम में उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने सम्मानित किया.
मां की बीमारी ने मोड़ा जैविक खेती की ओर: जसवीर सिंह का कहना है कि उनकी माता को एक गंभीर रोग ने घेर लिया था. उसके पीछे रासायनिक खादों वाले उत्पादों के प्रयोग होना पाया गया. तभी से उन्होंने जैविक खेती करने की मन में ठानी और पिछले 20 सालों से जैविक खेती कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वे अपने सीमित संसाधनों से ही जैविक खेती कर रहे हैं. अभी तक सरकार से उन्हें कोई मदद नहीं मिली है. वह चाहते हैं कि सरकार उनकी मदद करे. जिससे लोगों को जैविक उत्पाद मिल सकें. वहीं जसवीर सिंह की जैविक खेती से दूसरे किसानों को भी प्रेरणा मिल रही है.