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उत्तराखंडः मंदिरों और धामों में होगी फूलों की खपत, महाकुंभ के लिए भी तैयारियां तेज - उत्तराखंड में फूलों की खेती के लिए योजना तैयार

उत्तराखंड में उत्पादित होने वाले फूलों को चारधाम और मंदिरों में इस्तेमाल किए जाएंगे. साथ ही धामों और बड़े मंदिरों के आसपास के क्षेत्रों में फूलों की खेती की जाएगी.

floriculture
फूलों की खेती
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Published : Nov 15, 2020, 11:53 AM IST

देहरादूनः उत्तराखंड में लाखों की संख्या में तीर्थयात्री तीर्थाटन के लिए पहुंचते हैं. देवभूमि में चारधाम ही नहीं बल्कि, ऐसे कई बड़े मंदिर और धार्मिक आयोजन होते हैं. जिसमें फूलों की बड़ी तादाद में खपत होती है. इसी को देखते हुए उत्तराखंड में फूलों की खेती को लेकर खास योजना बनाई गई है. इसके तहत जहां चारों धामों और बड़े मंदिरों के आसपास के क्षेत्रों को फूलों की खेती के लिए चिन्हित किया गया है. प्रदेश के मंदिर और धामों में उत्तराखंड के फूलों का ही इस्तेमाल हो इसके लिए भी कोशिश की जा रही है.

जानकारी देते कृषि मंत्री सुबोध उनियाल.

आगामी महाकुंभ के दौरान फूलों की जरूरत को हरिद्वार जिला काफी हद तक पूरा करने जा रहा है. इसके लिए कृषि विभाग काफी लंबे समय से कार्य योजना तैयार कर रहा था. जिसमें न केवल महाकुंभ बल्कि चारों धाम और बड़े मंदिरों में इस्तेमाल होने वाले फूलों की आपूर्ति को उत्तराखंड के ही फूलों के उत्पादन से पूरा किए जाने की योजना बनाई गई थी.

ये भी पढ़ेंः यहां भैला नृत्य कर मनाई जाती है दीपावली, जानिए क्यों है खास

खास बात ये है कि महाकुंभ के दौरान भी बड़ी तादाद में फूलों की जरूरत है और इस जरूरत को पूरा करने के लिए उत्तराखंड के किसानों को ही फायदा देने का प्रयास किया जा रहा है. वैसे तो उत्तराखंड में सबसे ज्यादा फूलों की खेती हरिद्वार में ही होती है और महाकुंभ के दौरान यहां के फूल ही आयोजन में इस्तेमाल हो, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं.

देहरादूनः उत्तराखंड में लाखों की संख्या में तीर्थयात्री तीर्थाटन के लिए पहुंचते हैं. देवभूमि में चारधाम ही नहीं बल्कि, ऐसे कई बड़े मंदिर और धार्मिक आयोजन होते हैं. जिसमें फूलों की बड़ी तादाद में खपत होती है. इसी को देखते हुए उत्तराखंड में फूलों की खेती को लेकर खास योजना बनाई गई है. इसके तहत जहां चारों धामों और बड़े मंदिरों के आसपास के क्षेत्रों को फूलों की खेती के लिए चिन्हित किया गया है. प्रदेश के मंदिर और धामों में उत्तराखंड के फूलों का ही इस्तेमाल हो इसके लिए भी कोशिश की जा रही है.

जानकारी देते कृषि मंत्री सुबोध उनियाल.

आगामी महाकुंभ के दौरान फूलों की जरूरत को हरिद्वार जिला काफी हद तक पूरा करने जा रहा है. इसके लिए कृषि विभाग काफी लंबे समय से कार्य योजना तैयार कर रहा था. जिसमें न केवल महाकुंभ बल्कि चारों धाम और बड़े मंदिरों में इस्तेमाल होने वाले फूलों की आपूर्ति को उत्तराखंड के ही फूलों के उत्पादन से पूरा किए जाने की योजना बनाई गई थी.

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खास बात ये है कि महाकुंभ के दौरान भी बड़ी तादाद में फूलों की जरूरत है और इस जरूरत को पूरा करने के लिए उत्तराखंड के किसानों को ही फायदा देने का प्रयास किया जा रहा है. वैसे तो उत्तराखंड में सबसे ज्यादा फूलों की खेती हरिद्वार में ही होती है और महाकुंभ के दौरान यहां के फूल ही आयोजन में इस्तेमाल हो, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं.

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