ETV Bharat / state

Eid al-Adha: बकरीद की कुर्बानी पर महंगाई का तड़का, अच्छे नस्ल के बकरों को नहीं मिले खरीदार

author img

By

Published : Jul 9, 2022, 7:30 PM IST

Updated : Jul 9, 2022, 8:57 PM IST

कोरोना काल के बाद आखिरकार 2 साल बाद इस बार बकरीद त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है. बकरीद को लेकर देहरादून में बकरों का बाजार सजा है. कई राज्यों से व्यापारी अपने बकरों को लेकर देहरादून आए हुए हैं. वहीं, इस बार ज्यादातर सामान्य नस्ल के ही बकरों की खरीददारी हुई. वहीं, उन्नत किस्म के बकरा राजा और सोनू को खरीदार नहीं मिला.

Goats market on Bakrid in Dehradun
बकरों का नहीं मिला खरीदार

देहरादून: कोरोना काल में 2 साल बाद इस बार बकरीद का त्योहार धूमधाम से मनाया जाएगा. जिसको लेकर मुस्लिम समुदाय में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. हालांकि, बकरीद में इस बार महंगाई का भी असर साफ दिख रहा है. यही कारण है कि कुर्बानी के लिए अच्छे नस्ल के बकरों की मंडी में इस बार ऊंची बोली लगाने वाले नहीं दिख रहे हैं. जो कोरोना काल से पहले देखी जाती थी.

महंगाई का असर यह है कि देहरादून के सबसे चर्चित स्थान इनामुल्ला बिल्डिंग के बाहर सुबह से शाम होने तक सजधज कर खड़े सोनू और राजा को खरीदार नहीं मिल सकें. हालांकि, साधारण नस्ल के बकरे जरूर काफी संख्या में बिके. लेकिन मंडी व्यापारियों के माने तो इस बार महंगाई का काफी असर बकरों की खरीदारी में देखने को मिला है. बीते वर्षों की तुलना मंडी में बकरों की कमी भी देखी गई. इस बार उत्तर प्रदेश, हिमाचल, दिल्ली के दूरदराज से देहरादून मंडी में पहुंचे उच्च कोटी के बकरे काफी कम बिके.

यूपी के छुटमलपुर इलाके से हर साल देहरादून मंडी में जुबेर बकरे बेचने के लिए आते हैं. इस बार भी वो अपने साथ तीन दर्जन अलग अलग किस्म के बकरे लेकर मंडी पहुंचे थे. सुबह से शाम तक लगभग उनके सभी बकरे तो बिके गए, लेकिन सबसे खास नल्स के सोनू जिसकी कीमत 1 लाख 40 हजार रखी थी. उसका खरीदार शाम होने तक भी नहीं मिल सका.

ईटीवी भारत से जुबैर ने बताया कि पिछले 2 साल से वह सोनू को रोजाना 2 किलो दूध, बादाम, किसमिस और बिरयानी जैसी कई पौष्टिक चीजें खिलाकर डेढ क्विंटल वजन का बनाया है, लेकिन उसका खरीदार देहरादून में उनको नहीं मिला. हालांकि, सोनू की कीमत 90 हजार तक जरूर लग गई थी, लेकिन सोनू पर खर्चे के हिसाब से जुबेर उसे 1 लाख 40 हजार में बेचना चाहते हैं. जुबेर ने कहा सोनू को खरीदने वाला ग्राहक नहीं मिलने का कारण महंगाई का असर भी है. पिछले वर्षों में अच्छी नस्ल के बकरों की अच्छी कीमत मिल जाती थी, लेकिन इस बार ऐसा मंडी में कम नजर आ रहा है.

बकरों का नहीं मिला खरीदार

ये भी पढ़ें: कॉर्बेट के सर्फदुली रेंज में बाघिन को किया गया ट्रेंकुलाइज, ढेला रेस्क्यू सेंटर भेजा गया

बकरीद पर इस बार राजस्थानी नस्ल के बकरों से इस बार देहरादून में मंडी सजी है. राजस्थान निवासी शाहरुख अपने साथ राजा को लेकर देहरादून की इनामुल्लाह बिल्डिंग के बाहर 70 हजार की बोली लगाकर खड़े रहे, लेकिन शाम तक उनको भी इस कीमत पर खरीदार नहीं मिला. हालांकि, राजा की बोली किसी तरह 52 हजार तक लग गई. शाहरुख ने कहा उन्होंने जितने खर्चे के साथ पौष्टिक आहार देकर राजा को पाला है, उसके एवज में उनको 70 हजार से कम का दाम मंजूर नहीं.

वही, मुजफ्फरनगर से अमीर आलम भी 35 बकरे लेकर बिक्री के लिए देहरादून पहुंचे. अमीर ने कहा बीते वर्षों की तुलना इस बार मंडी में बकरों की कीमत और खरीदार दोनों में ही महंगाई का असर साफ देखा जा रहा है. हालांकि, उन्होंने जैसे-तैसे अपने साधारण नस्ल के 35 में से 32 बकरे को बेच दिए, लेकिन इसके लिए उन्हें काफी जद्दोजहद और मोल भाव करने के बाद ही सफलता मिली.

देहरादून शहर काजी ने दिया भाईचारे का संदेश

देहरादून शहर काजी मोहम्मद अहमद कासमी ने कहा कुर्बानी का यह मुबारक त्योहार अमन शांति और भाईचारे के पैगाम का हैं. हम हिंदुस्तानी है और हमें हिंदुस्तान की शान में ही कुर्बान होकर इस धरती में मिल जाना है. हजरत इस्लाम पैगंबर ने हमें इंसानियत और प्रेमभाव से जीवन जीने का सीख दी है.

देहरादून: कोरोना काल में 2 साल बाद इस बार बकरीद का त्योहार धूमधाम से मनाया जाएगा. जिसको लेकर मुस्लिम समुदाय में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. हालांकि, बकरीद में इस बार महंगाई का भी असर साफ दिख रहा है. यही कारण है कि कुर्बानी के लिए अच्छे नस्ल के बकरों की मंडी में इस बार ऊंची बोली लगाने वाले नहीं दिख रहे हैं. जो कोरोना काल से पहले देखी जाती थी.

महंगाई का असर यह है कि देहरादून के सबसे चर्चित स्थान इनामुल्ला बिल्डिंग के बाहर सुबह से शाम होने तक सजधज कर खड़े सोनू और राजा को खरीदार नहीं मिल सकें. हालांकि, साधारण नस्ल के बकरे जरूर काफी संख्या में बिके. लेकिन मंडी व्यापारियों के माने तो इस बार महंगाई का काफी असर बकरों की खरीदारी में देखने को मिला है. बीते वर्षों की तुलना मंडी में बकरों की कमी भी देखी गई. इस बार उत्तर प्रदेश, हिमाचल, दिल्ली के दूरदराज से देहरादून मंडी में पहुंचे उच्च कोटी के बकरे काफी कम बिके.

यूपी के छुटमलपुर इलाके से हर साल देहरादून मंडी में जुबेर बकरे बेचने के लिए आते हैं. इस बार भी वो अपने साथ तीन दर्जन अलग अलग किस्म के बकरे लेकर मंडी पहुंचे थे. सुबह से शाम तक लगभग उनके सभी बकरे तो बिके गए, लेकिन सबसे खास नल्स के सोनू जिसकी कीमत 1 लाख 40 हजार रखी थी. उसका खरीदार शाम होने तक भी नहीं मिल सका.

ईटीवी भारत से जुबैर ने बताया कि पिछले 2 साल से वह सोनू को रोजाना 2 किलो दूध, बादाम, किसमिस और बिरयानी जैसी कई पौष्टिक चीजें खिलाकर डेढ क्विंटल वजन का बनाया है, लेकिन उसका खरीदार देहरादून में उनको नहीं मिला. हालांकि, सोनू की कीमत 90 हजार तक जरूर लग गई थी, लेकिन सोनू पर खर्चे के हिसाब से जुबेर उसे 1 लाख 40 हजार में बेचना चाहते हैं. जुबेर ने कहा सोनू को खरीदने वाला ग्राहक नहीं मिलने का कारण महंगाई का असर भी है. पिछले वर्षों में अच्छी नस्ल के बकरों की अच्छी कीमत मिल जाती थी, लेकिन इस बार ऐसा मंडी में कम नजर आ रहा है.

बकरों का नहीं मिला खरीदार

ये भी पढ़ें: कॉर्बेट के सर्फदुली रेंज में बाघिन को किया गया ट्रेंकुलाइज, ढेला रेस्क्यू सेंटर भेजा गया

बकरीद पर इस बार राजस्थानी नस्ल के बकरों से इस बार देहरादून में मंडी सजी है. राजस्थान निवासी शाहरुख अपने साथ राजा को लेकर देहरादून की इनामुल्लाह बिल्डिंग के बाहर 70 हजार की बोली लगाकर खड़े रहे, लेकिन शाम तक उनको भी इस कीमत पर खरीदार नहीं मिला. हालांकि, राजा की बोली किसी तरह 52 हजार तक लग गई. शाहरुख ने कहा उन्होंने जितने खर्चे के साथ पौष्टिक आहार देकर राजा को पाला है, उसके एवज में उनको 70 हजार से कम का दाम मंजूर नहीं.

वही, मुजफ्फरनगर से अमीर आलम भी 35 बकरे लेकर बिक्री के लिए देहरादून पहुंचे. अमीर ने कहा बीते वर्षों की तुलना इस बार मंडी में बकरों की कीमत और खरीदार दोनों में ही महंगाई का असर साफ देखा जा रहा है. हालांकि, उन्होंने जैसे-तैसे अपने साधारण नस्ल के 35 में से 32 बकरे को बेच दिए, लेकिन इसके लिए उन्हें काफी जद्दोजहद और मोल भाव करने के बाद ही सफलता मिली.

देहरादून शहर काजी ने दिया भाईचारे का संदेश

देहरादून शहर काजी मोहम्मद अहमद कासमी ने कहा कुर्बानी का यह मुबारक त्योहार अमन शांति और भाईचारे के पैगाम का हैं. हम हिंदुस्तानी है और हमें हिंदुस्तान की शान में ही कुर्बान होकर इस धरती में मिल जाना है. हजरत इस्लाम पैगंबर ने हमें इंसानियत और प्रेमभाव से जीवन जीने का सीख दी है.

Last Updated : Jul 9, 2022, 8:57 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.