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10 साल बाद भी नहीं हो सका बालिका इंटर कॉलेज का निर्माण, खुले में बैठने को मजबूर छात्राएं - विकासनगर हिंदी समाचार

जिला पंचायत का भवन काफी क्षतिग्रस्त हो चुका है. ऐसे में शिक्षिकाओं और छात्राओं को पठन-पाठन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. भवन में ना तो लाइब्रेरी है और ना ही प्रयोगशाला. ऐसे में छात्राओं को प्रायोगिक गतिविधि भी नहीं हो पाती है.

vikasnagar
खुले में बैठने को मजबूर छात्राएं
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Published : Apr 11, 2021, 5:57 PM IST

विकासनगर: जौनसार बावर के साहिया में साल 2010 में क्षेत्रीय जनता ने 6 से 12 तक विद्यालय की स्वीकृति प्रदान करने की मांग की थी, जिसपर तत्कालीन मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने जनता की मांग पर उसी साल जिला पंचायत के भवन में कक्षाएं संचालित करने की अनुमति दे दी थी. तब से आज तक विद्यालय का निर्माण नहीं हो सका है और कक्षाएं उसी पंचायत भवन में ही संचालित हो रही है, जिससे शिक्षिकाओं और छात्राओं को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

जिला पंचायत का भवन काफी क्षतिग्रस्त हो चुका है. ऐसे में शिक्षिकाओं और छात्राओं को पठन-पाठन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बताया जा रहा है कि विद्यालय भवन में मात्र 9 छोटे छोटे कक्ष हैं, जिसमें कक्षा 6 से लेकर 12वीं तक की करीब 180 छात्राएं अध्ययनरत है. छात्राओं के बैठने की उचित व्यवस्था ना होने के कारण उन्हें खुले में बैठना पड़ता है. साथ ही विद्यालय के बीचों-बीच आम रास्ता भी है. ऐसे में शिक्षण कार्य में भी बाधा आती है. इसके अलावा भवन में ना तो लाइब्रेरी है और ना ही प्रयोगशाला. ऐसे में शिक्षिकाएं छात्राओं को प्रायोगिक गतिविधि भी नहीं करा पाती हैं.

ये भी पढ़ें: देवप्रयाग से नेपाल के जनकपुर जाएगी भगवान राम की बारात, तैयारियां तेज

वहीं, विद्यालय की प्रधानाचार्य दिना राणा का कहना है कि ग्राम पंचायत कनबुआ के ग्रामीणों की ओर से शिक्षा विभाग को नए विद्यालय भवन के निर्माण के लिए हइया मे पर्याप्त भूमि दी गई है. नए भवन निर्माण की डीपीआर उच्चाधिकारियों को भेजी गई है. निर्माण एजेंसी की ओर से भूमि का स्थलीय निरीक्षण भी किया गया है. उच्चाधिकारियों को भी अवगत कराया है कि डीपीआर शासन को भेजी जा चुकी है.

विकासनगर: जौनसार बावर के साहिया में साल 2010 में क्षेत्रीय जनता ने 6 से 12 तक विद्यालय की स्वीकृति प्रदान करने की मांग की थी, जिसपर तत्कालीन मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने जनता की मांग पर उसी साल जिला पंचायत के भवन में कक्षाएं संचालित करने की अनुमति दे दी थी. तब से आज तक विद्यालय का निर्माण नहीं हो सका है और कक्षाएं उसी पंचायत भवन में ही संचालित हो रही है, जिससे शिक्षिकाओं और छात्राओं को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

जिला पंचायत का भवन काफी क्षतिग्रस्त हो चुका है. ऐसे में शिक्षिकाओं और छात्राओं को पठन-पाठन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बताया जा रहा है कि विद्यालय भवन में मात्र 9 छोटे छोटे कक्ष हैं, जिसमें कक्षा 6 से लेकर 12वीं तक की करीब 180 छात्राएं अध्ययनरत है. छात्राओं के बैठने की उचित व्यवस्था ना होने के कारण उन्हें खुले में बैठना पड़ता है. साथ ही विद्यालय के बीचों-बीच आम रास्ता भी है. ऐसे में शिक्षण कार्य में भी बाधा आती है. इसके अलावा भवन में ना तो लाइब्रेरी है और ना ही प्रयोगशाला. ऐसे में शिक्षिकाएं छात्राओं को प्रायोगिक गतिविधि भी नहीं करा पाती हैं.

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वहीं, विद्यालय की प्रधानाचार्य दिना राणा का कहना है कि ग्राम पंचायत कनबुआ के ग्रामीणों की ओर से शिक्षा विभाग को नए विद्यालय भवन के निर्माण के लिए हइया मे पर्याप्त भूमि दी गई है. नए भवन निर्माण की डीपीआर उच्चाधिकारियों को भेजी गई है. निर्माण एजेंसी की ओर से भूमि का स्थलीय निरीक्षण भी किया गया है. उच्चाधिकारियों को भी अवगत कराया है कि डीपीआर शासन को भेजी जा चुकी है.

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