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तीर्थनगरी की रत्नों से भी बनी पहचान, देश-विदेश से खरीददारी करने पहुंचते हैं लोग

ऋषिकेश में बड़ी संख्या में तीर्थयात्री यात्रा करने के लिए पहुंचते हैं यहां आने के बाद लोग अपने ग्रहों के हिसाब से अंगूठी में या गले में पहनने के लिए रत्नों की खरीदारी करते हैं.

ऋषिकेश ने रत्नों की बढ़ी मांग.
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Published : Apr 23, 2019, 10:33 AM IST

Updated : Apr 23, 2019, 11:36 AM IST

ऋषिकेश: तीर्थनगरी की एक पहचान रत्नों (नगों) के कारोबार से भी होती है. जिसकी खरीददारी के लिए भारत ही नहीं विदेशों से भी व्यापारी यहां आते हैं. जहां हर सीजन रत्नों का कारोबार होता रहता है. जो काफी उत्तम क्वालिटी के माने जाते हैं.

तीर्थनगरी की रत्नों से भी बनी पहचान.

ऋषिकेश में बड़ी संख्या में तीर्थयात्री यात्रा करने के लिए पहुंचते हैं यहां आने के बाद लोग अपने ग्रहों के हिसाब से अंगूठी में या गले में पहनने के लिए रत्नों की खरीदारी करते हैं. यहां आने वाले यात्रियों की मानें तो ऋषिकेश में हर तरह के रत्न (नग) मिलते हैं. जिनको काफी उत्तम माना जाता है. जिस कारण लोग यहां आकर नगों (रत्न) की खरीदारी करते हैं. वहीं, ऋषिकेश में मिलने वाले नगों पर लोगों को अधिक विश्वास होता है. लोगों का कहना है कि यहां के खरीद कर नग धारण करने के बाद काफी कुछ बदलाव उनके जीवन में होता है.

जिस कारण नगों को लेकर तीर्थ यात्रियों को अधिक विश्वास रहता है. नगों का व्यवसाय करने वाले व्यवसायियों की मानें तो यहां पर बड़ी संख्या में तीर्थयात्री और पर्यटक पहुंचकर नगों और रुद्राक्ष की खरीदारी करते हैं. ऋषिकेश में नीलम,पन्ना, पुखराज, गोमेद, स्फटिक, मोती जैसे कई प्रकार के नग आसानी से मिल जाते हैं. रत्नों का व्यवसाय करने वाले गजेंद्र नागर ने बताया कि यहां आकर जो लोग नग खरीदते हैं और धारण करते हैं उनका ऐसा मानना है कि उनके जीवन में कई बदलाव आए. उन्होंने आगे कहा कि यहां भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लोग पहुंचते हैं और यहां मिलने वाले नगों को खरीद कर ले जाते हैं. वहीं, तीर्थनगरी में इस व्यवसाय से कई लोग जुड़े हुए हैं.

ऋषिकेश: तीर्थनगरी की एक पहचान रत्नों (नगों) के कारोबार से भी होती है. जिसकी खरीददारी के लिए भारत ही नहीं विदेशों से भी व्यापारी यहां आते हैं. जहां हर सीजन रत्नों का कारोबार होता रहता है. जो काफी उत्तम क्वालिटी के माने जाते हैं.

तीर्थनगरी की रत्नों से भी बनी पहचान.

ऋषिकेश में बड़ी संख्या में तीर्थयात्री यात्रा करने के लिए पहुंचते हैं यहां आने के बाद लोग अपने ग्रहों के हिसाब से अंगूठी में या गले में पहनने के लिए रत्नों की खरीदारी करते हैं. यहां आने वाले यात्रियों की मानें तो ऋषिकेश में हर तरह के रत्न (नग) मिलते हैं. जिनको काफी उत्तम माना जाता है. जिस कारण लोग यहां आकर नगों (रत्न) की खरीदारी करते हैं. वहीं, ऋषिकेश में मिलने वाले नगों पर लोगों को अधिक विश्वास होता है. लोगों का कहना है कि यहां के खरीद कर नग धारण करने के बाद काफी कुछ बदलाव उनके जीवन में होता है.

जिस कारण नगों को लेकर तीर्थ यात्रियों को अधिक विश्वास रहता है. नगों का व्यवसाय करने वाले व्यवसायियों की मानें तो यहां पर बड़ी संख्या में तीर्थयात्री और पर्यटक पहुंचकर नगों और रुद्राक्ष की खरीदारी करते हैं. ऋषिकेश में नीलम,पन्ना, पुखराज, गोमेद, स्फटिक, मोती जैसे कई प्रकार के नग आसानी से मिल जाते हैं. रत्नों का व्यवसाय करने वाले गजेंद्र नागर ने बताया कि यहां आकर जो लोग नग खरीदते हैं और धारण करते हैं उनका ऐसा मानना है कि उनके जीवन में कई बदलाव आए. उन्होंने आगे कहा कि यहां भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लोग पहुंचते हैं और यहां मिलने वाले नगों को खरीद कर ले जाते हैं. वहीं, तीर्थनगरी में इस व्यवसाय से कई लोग जुड़े हुए हैं.

Intro:ऋषिकेश--ऋषिकेश को लोग तीर्थनगरी के रूप में जानते हैं लेकिन ऋषिकेश एक और वजह से जानी जाती है वह है नग यानी (स्टोन),नगों की खरीददारी करने के लिए भारत ही नही बल्कि विश्व के कई देशों के लोग यहां पंहुचते हैं,तीर्थनगरी होने के नाते लोगों को यहां के नगों पर कुछ अधिक ही विश्वास होता है यहीं कारण है हर सीजन में यात्री यहां पंहुचता है।


Body:वी/ओ-- ऋषिकेश में बड़ी संख्या में तीर्थयात्री यात्रा करने के लिए पहुंचते हैं यहां आने के बाद लोग अपने ग्रहों के हिसाब से अंगूठी में या गले में पहनने के लिए नगों की खरीदारी करते हैं, यहां आने वाले यात्रियों की मानें तो ऋषिकेश में हर तरह का नग मिलता है साथ ही यहां पर सभी नग असली मिलते हैं जिस कारण लोग यहां आकर नमो की खरीदारी करते हैं वही खास बात यह है कि ऋषिकेश मैं मिलने वाले नगो पर लोगों को अधिक विश्वास होता है लोगों का कहना है कि यहां के खरीद कर नग धारण करने के बाद काफी कुछ बदलाव उनके जीवन में होता है यही कारण है कि यहां मिलने वाले नगो को लेकर तीर्थ यात्रियों को अधिक विश्वास रहता है।

बाईट--सोहन ठाकुर(यात्री)
बाईट--रवि कुमार(यात्री)


Conclusion:वी/ओ-- नगो का व्यवसाय करने वाले व्यवसायियों की मानें तो यहां पर बड़ी संख्या में तीर्थयात्री और पर्यटक पहुंचकर यहां मिलने वाले नगो और रुद्राक्ष की खरीदारी करते हैं यहां पर हर प्रकार के नग मिल जाते हैं,ऋषिकेश में नीलम,पन्ना, पुखराज, गोमेद, स्फटिक, मोती जैसे कई प्रकार के नग आसानी से मिल जाते हैं, जेम्स का व्यवसाय करने वाले गजेंद्र नागर ने बताया कि यहां पर आकर जो लोग भी नग खरीदते हैं और उसको धारण करने के बाद उनके जीवन में काफी बदलाव होता है जिसके बाद वे लोग दोबारा यहां आकर नगो की खरीदारी करते हैं उनका कहना था कि यहां पर भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लोग पहुंचते हैं और यहां मिलने वाले नागों को खरीद कर ले जाते हैं।

बाईट--गजेंद्र नागर(जेम्स व्यवसाई)

वी/ओ-- चार धाम यात्रा का प्रवेश द्वार आने जाने वाले तीर्थ नगरी ऋषिकेश में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचकर नगो की खरीदारी करते हैं यहां पर एक या दो नहीं बल्कि हजारों की संख्या में नगो की दुकानें हैं, बड़ी संख्या में लोगों का व्यवसाय नगो से जुड़ा हुआ है।

पीटीसी--विनय पाण्डेय
Last Updated : Apr 23, 2019, 11:36 AM IST
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