देहरादूनः उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड यानी यूपीसीएल ने बिजली दरों में बढ़ोतरी करने के प्रस्ताव को उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग को भेजा है. जिस पर अभी अंतिम निर्णय नहीं हो पाया, लेकिन बिजली की दरों में हो रही बढ़ोतरी का असर आम जनता पर पड़ रहा है. जिससे जनता आक्रोशित नजर आ रही है. बिजली की दरों में हो रही बढ़ोतरी को लेकर ऊर्जा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम का कहना है कि राज्य में जो गैस आधारित पावर प्लांट (Gas Based electricity in Uttarakhand) लगाए गए थे, वो रूस यूक्रेन युद्ध के कारण (Ukraine Russia War) सही तरीके से संचालित नहीं हो पा रहे हैं.
उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड की ओर से मिले बिजली दरों में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को वेबसाइट पर जारी कर दिया है. अब आयोग इस पर जनसुनवाई के बाद निर्णय लेगा कि बिजली की दरों में कितनी बढ़ोतरी की जानी है. हालांकि, इसके बाद नई दरें एक अप्रैल से लागू होंगी. यूपीसीएल ने 15 दिसंबर को जो प्रस्ताव नियामक आयोग में भेजा था, उसमें नियम विरुद्ध 6.5 प्रतिशत सरचार्ज भी जोड़ लिया था. आयोग ने प्रस्ताव लौटाया तो यूपीसीएल ने 26 दिसंबर को नया प्रस्ताव दिया. इसमें सरचार्ज हटाकर 16.96 प्रतिशत बढ़ोतरी की मांग की गई.
उत्तराखंड के ऊर्जा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम (Uttarakhand Energy Secretary R Meenakshi Sundaram) ने कहा कि राज्य में लाइन लॉस और ट्रिपिंग के कारण जो नुकसान होता है, उसी के चलते आपूर्ति पूरी नहीं हो पाती है. उन्होंने कहा कि राज्य में डिमांड के अनुरूप उत्पादन नहीं हो पा रहा है. यही कारण है कि कुछ दाम बढ़ाने का प्रस्ताव विभाग की तरफ से भेजा गया है. बरहाल, नियामक आयोग ने यूपीसीएल के इस प्रस्ताव को सभी हितधारकों के लिए वेबसाइट पर जारी कर दिया है. इसमें यूपीसीएल ने माना है कि उन्हें सरचार्ज हटाने के बाद 1507 करोड़ 13 लाख रुपए की जरूरत होगी, जिसकी भरपाई के लिए उन्हें 16.96 प्रतिशत बढ़ोतरी की दरकार है.
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