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एक साल से कर रहे स्थायी राजधानी की मांग, अब सरकार को ऐसे जगाएंगे आंदोलनकारी

आंदोलनकारी पिछले एक साल से गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं ले रही है. अब वे पारंपरिक वाद्य यंत्रों से जागरण कर सरकार को जगाने का काम करेंगे.

गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने की मांग
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Published : Sep 15, 2019, 10:01 AM IST

देहरादून: प्रदेश में स्थायी राजधानी की मांग लंबे समय से उठती रही है. गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने की मांग के आंदोलन को 16 सितंबर को एक साल पूरा होने जा रहा है. 1 साल पूरा होने के अवसर पर गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान संगठन द्वारा बैठक का आयोजन किया जाएगा. बैठक में स्थाई राजधानी गैरसैंण में बने विधानसभा भवन से ही राज्य की व्यवस्था के संचालन करने पर चर्चा की जाएगी. साथ ही आंदोलनकारियों का कहना है कि पारंपरिक वाद्य यंत्रों से जागरण कर सरकार को जगाने का काम किया जाएगा.

एक साल से कर रहे स्थायी राजधानी की मांग, अब सरकार को ऐसे जगाएंगे आंदोलनकारी.

पढ़ें:वाहन चालकों के लिए बड़ी खबर, अब घर बैठे करवा सकेंगे प्रदूषण की जांच

आंदोलनकारी लक्ष्मी प्रसाद थपलियाल ने कहा कि आगामी 16 तारीख को धरने को 1 साल पूरा हो रहा है. बीते 17 सितंबर 2018 से गैरसैण को राजधानी बनाने की मांग को लेकर उनका धरना जारी रहेगा.
उन्होंने कहा किआगामी 16 सितंबर यानी कल को यहां डोर-थकुली और जागरण लगाकर सोई हुई सरकार को जगाने का काम करेंगी. उन्होंने बताया कि पहाड़ों में जागर तब लगाए जाते हैं जब कोई आत्मा सो जाती है.वहीं वाद्य यंत्रों के माध्यम से इस सोई हुई सरकार को जगाने का काम किया जाएगा.

वहीं, मनोज ध्यानी का कहना है कि गैरसैंण स्थायी राजधानी की मांग को सरकारें नहीं सुन रही है इसलिए धरने का सहारा लिया जा रहा है. सरकार से आंदोलनकारियों को कोई बेहद बड़ी अपेक्षाएं इस रूप में नहीं है कि सरकार उनकी मांगों को त्वरित मान लेगी. इसलिए दीर्घकालीन आंदोलन चलाने के लिए सभी पूरी तरह से तैयार हैं.

पढ़ें:उत्तराखंड पंचायत चुनाव 2019: CM त्रिवेंद्र का दावा, बीजेपी प्रचंड बहुमत से करेगी जीत दर्ज

इसी परिपेक्ष में 25 सितंबर से गैरसैंण में अनशन प्रारंभ किया जा रहा है जो 2 अक्टूबर तक चलेगा. जिसमें सभी आंदोलनकारी भाग लेंगे. उन्होंने कहा कि युवा जन संगठनों के लोग गैरसैंण के पक्ष में लामबंद होते जा रहे हैं. साथ ही चलाए जा रहे आंदोलन में बढ़-चढ़ कर भाग लेंगे.
दरअसल धरना स्थल पर राजधानी निर्माण अभियान संगठन से जुड़े लोग अपनी मांगों को लेकर 17 सितंबर 2018 से लेकर धरने पर बैठे हुए हैं.

देहरादून: प्रदेश में स्थायी राजधानी की मांग लंबे समय से उठती रही है. गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने की मांग के आंदोलन को 16 सितंबर को एक साल पूरा होने जा रहा है. 1 साल पूरा होने के अवसर पर गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान संगठन द्वारा बैठक का आयोजन किया जाएगा. बैठक में स्थाई राजधानी गैरसैंण में बने विधानसभा भवन से ही राज्य की व्यवस्था के संचालन करने पर चर्चा की जाएगी. साथ ही आंदोलनकारियों का कहना है कि पारंपरिक वाद्य यंत्रों से जागरण कर सरकार को जगाने का काम किया जाएगा.

एक साल से कर रहे स्थायी राजधानी की मांग, अब सरकार को ऐसे जगाएंगे आंदोलनकारी.

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आंदोलनकारी लक्ष्मी प्रसाद थपलियाल ने कहा कि आगामी 16 तारीख को धरने को 1 साल पूरा हो रहा है. बीते 17 सितंबर 2018 से गैरसैण को राजधानी बनाने की मांग को लेकर उनका धरना जारी रहेगा.
उन्होंने कहा किआगामी 16 सितंबर यानी कल को यहां डोर-थकुली और जागरण लगाकर सोई हुई सरकार को जगाने का काम करेंगी. उन्होंने बताया कि पहाड़ों में जागर तब लगाए जाते हैं जब कोई आत्मा सो जाती है.वहीं वाद्य यंत्रों के माध्यम से इस सोई हुई सरकार को जगाने का काम किया जाएगा.

वहीं, मनोज ध्यानी का कहना है कि गैरसैंण स्थायी राजधानी की मांग को सरकारें नहीं सुन रही है इसलिए धरने का सहारा लिया जा रहा है. सरकार से आंदोलनकारियों को कोई बेहद बड़ी अपेक्षाएं इस रूप में नहीं है कि सरकार उनकी मांगों को त्वरित मान लेगी. इसलिए दीर्घकालीन आंदोलन चलाने के लिए सभी पूरी तरह से तैयार हैं.

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इसी परिपेक्ष में 25 सितंबर से गैरसैंण में अनशन प्रारंभ किया जा रहा है जो 2 अक्टूबर तक चलेगा. जिसमें सभी आंदोलनकारी भाग लेंगे. उन्होंने कहा कि युवा जन संगठनों के लोग गैरसैंण के पक्ष में लामबंद होते जा रहे हैं. साथ ही चलाए जा रहे आंदोलन में बढ़-चढ़ कर भाग लेंगे.
दरअसल धरना स्थल पर राजधानी निर्माण अभियान संगठन से जुड़े लोग अपनी मांगों को लेकर 17 सितंबर 2018 से लेकर धरने पर बैठे हुए हैं.

Intro:गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान संगठन का परेड ग्राउंड स्थित धरना स्थल पर जारी आंदोलन आगामी 16 सितंबर को 1 वर्ष पूरे करने जा रहा है। 1 वर्ष की धरना अवधि पूरी होने के अवसर पर गैर सेंड राजधानी निर्माण अभियान संगठन एक वृहद बैठक का आयोजन किया करने जा रहा है। बैठक में स्थाई राजधानी गैरसैंण में बने विधान मंडल भवन से ही राज्य की व्यवस्था के संचालन करवाने की ठोस रणनीति विकसित करने पर चर्चा की जाएगी। इसके अलावा गैरसैण राजधानी की मांग कर रहे आंदोलनकारी पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ ही डौर-थकुली बजाकर और जागर लगाकर सोई हुई सरकार को जगाने का काम करेंगे।


Body:गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने की मांग कर रहे हैं लक्ष्मी प्रसाद थपलियाल ने कहा कि आगामी 16 तारीख को धरने को 1 वर्ष पूरा होने जा रहा है बीते 17 सितंबर 2018 से गैरसैण को राजधानी बनाने की मांग को लेकर उनका धरना निरंतर जारी है आगामी 16 सितंबर को यहां डोर-थकुली और जागर लगाकर सोई हुई सरकार को जगाने का काम करेंगे। उन्होंने बताया कि पहाड़ों में जाकर तब लगाए जाते हैं जब कोई आत्मा सो जाती है और उसको जागृत करना होता है। यह सरकार भी सोई हुई है और पानी वाद्य यंत्रों के माध्यम से इस सरकार को जगाने का काम किया जाएगा।
बाइट- लक्ष्मी प्रसाद थपलियाल, आंदोलनकारी

वही मनोज ध्यानी का कहना है कि गैरसैंण राजधानी की मांग को अनसुना किए जाने से सभी यहां धरने पर बैठे हुए हैं। दरअसल सरकार से आंदोलनकारियों को कोई बेहद बड़ी अपेक्षाएं इस रूप में नहीं है कि सरकार उनकी मांगों को त्वरित मान लेगी। इसलिए दीर्घकालीन आंदोलन चलाने के लिए सभी पूरी तरह से तैयार हैं। इसी परिपेक्ष में 25 सितंबर से गैरसैण में अनशन प्रारंभ किया जा रहा है जो 2 अक्टूबर तक चलेगा सभी गैर सेंड अभियान कर्मी वहां पर उस अनशन में भागीदारी करेंगे सरकार भले ही कुछ भी करती रहे लेकिन यहां का युवा जन संगठनों के लोग गैर सेंड के पक्ष में लामबंद होते जा रहे हैं।
बाइट मनोज ध्यानी, आंदोलनकारी


Conclusion:दरअसल धरना स्थल पर गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान संगठन से जुड़े लोग अपनी मांगों को लेकर बीते 17 सितंबर 2018 से लेकर धरने पर बैठे हुए हैं। आगामी 16 सितंबर को आंदोलन के 1 वर्ष पूरे होने पर वृहद बैठक का आयोजन करने के साथ ही, उत्तराखंड की संस्कृति के अनुरूप पारंपरिक वाद्य यंत्रों के बीच जागर लगाकर अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचाने का काम करेंगे।
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