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गुरू पूर्णिमा: चार माह तक शयन पर गए भगवान विष्णु, देखरेख के लिए कैलाश से ससुराल आए शिव

आषाढ़ पूर्णिमा को गुरू पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है. हिंदू धर्म में अन्य सभी त्योहारों की अपेक्षा इसका महत्व अधिक माना गया है. इस दिन शिष्य अपने गुरु की पूजा करते हैं इसलिए आज के दिन का काफी महत्व माना जाता है.

गुरु पूर्णिमा
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Published : Jul 16, 2019, 1:10 PM IST

हरिद्वार: पूरे देश के साथ ही धर्मनगरी हरिद्वार में भी गुरू पूर्णिमा का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. श्रद्धालुओं का सुबह से गंगा घाटों पर तांता लगा हुआ है, जहां उन्होंने गंगा स्नान कर पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना की.

गुरु पूर्णिमा गंगा घाटों पर उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब.

गौर हो कि आषाढ़ पूर्णिमा को गुरू पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है. हिंदू धर्म में अन्य सभी त्योहारों की अपेक्षा इसका महत्व अधिक माना गया है. इस दिन शिष्य अपने गुरू की पूजा करते हैं, इसलिए आज के दिन का काफी महत्व माना जाता है. गुरू पूर्णिमा के दिन आज चंद्रग्रहण भी है. वहीं हरिद्वार के हर की पैड़ी पर गंगा स्नान करने वाले श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है.

मान्यता है कि सावन के महीने में भगवान शिव की आराधना करने और गंगा जल से अभिषेक करने से भगवान शिव अपने भक्तों पर अपनी अपार कृपा की बरसात करते हैं. पौराणिक मान्यता है कि सावन के महीने में भगवान शिव को गंगाजल से जलाभिषेक करना सबसे उत्तम माना जाता है. साथ ही मान्यता है कि सावन के एक माह तक भगवान शिव कैलाश से आकर अपनी ससुराल कनखल में निवास करते हैं.

पढ़ें-उत्तराखंड वन विभाग में 23 अधिकारियों के तबादले, यहां देखें पूरी लिस्ट

भगवान विष्णु के शयन में चले जाने के बाद सावन में भगवान शिव ही ब्रह्मांड की सत्ता का संचालन कनखल दक्ष मंदिर में रहकर ही करते हैं. इसलिए सावन में भगवान शिव की पूजा-अर्चना और गंगाजल से अभिषेक का महत्व है. गुरू पूर्णिमा से सावन का महीना शुरू हो रहा है, जो भगवान शिव को काफी पसंद है. पुराणों में मान्यता है कि गुरू पूर्णिमा से भगवान विष्णु शयन अवस्था में चले जाते हैं और वे अगले 4 महीने तक शयन में रहेंगे.

इन चार महीनों में शुभ काम वंचित माने जाते हैं. वहीं हरिद्वार हर की पैड़ी पर गुरू पूर्णिमा के दिन स्नान करने वाले श्रद्धालुओं का कहना है कि आज के दिन गंगा स्नान करने और दान पुण्य करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. आज के दिन गुरू की पूजा की जाती है, इसलिए हम गंगा स्नान करने यहां आए हैं. उन्होंने कहा कि स्नान के बाद मां गंगा भक्तों की मुराद पूरी करती हैं.

हरिद्वार: पूरे देश के साथ ही धर्मनगरी हरिद्वार में भी गुरू पूर्णिमा का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. श्रद्धालुओं का सुबह से गंगा घाटों पर तांता लगा हुआ है, जहां उन्होंने गंगा स्नान कर पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना की.

गुरु पूर्णिमा गंगा घाटों पर उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब.

गौर हो कि आषाढ़ पूर्णिमा को गुरू पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है. हिंदू धर्म में अन्य सभी त्योहारों की अपेक्षा इसका महत्व अधिक माना गया है. इस दिन शिष्य अपने गुरू की पूजा करते हैं, इसलिए आज के दिन का काफी महत्व माना जाता है. गुरू पूर्णिमा के दिन आज चंद्रग्रहण भी है. वहीं हरिद्वार के हर की पैड़ी पर गंगा स्नान करने वाले श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है.

मान्यता है कि सावन के महीने में भगवान शिव की आराधना करने और गंगा जल से अभिषेक करने से भगवान शिव अपने भक्तों पर अपनी अपार कृपा की बरसात करते हैं. पौराणिक मान्यता है कि सावन के महीने में भगवान शिव को गंगाजल से जलाभिषेक करना सबसे उत्तम माना जाता है. साथ ही मान्यता है कि सावन के एक माह तक भगवान शिव कैलाश से आकर अपनी ससुराल कनखल में निवास करते हैं.

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भगवान विष्णु के शयन में चले जाने के बाद सावन में भगवान शिव ही ब्रह्मांड की सत्ता का संचालन कनखल दक्ष मंदिर में रहकर ही करते हैं. इसलिए सावन में भगवान शिव की पूजा-अर्चना और गंगाजल से अभिषेक का महत्व है. गुरू पूर्णिमा से सावन का महीना शुरू हो रहा है, जो भगवान शिव को काफी पसंद है. पुराणों में मान्यता है कि गुरू पूर्णिमा से भगवान विष्णु शयन अवस्था में चले जाते हैं और वे अगले 4 महीने तक शयन में रहेंगे.

इन चार महीनों में शुभ काम वंचित माने जाते हैं. वहीं हरिद्वार हर की पैड़ी पर गुरू पूर्णिमा के दिन स्नान करने वाले श्रद्धालुओं का कहना है कि आज के दिन गंगा स्नान करने और दान पुण्य करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. आज के दिन गुरू की पूजा की जाती है, इसलिए हम गंगा स्नान करने यहां आए हैं. उन्होंने कहा कि स्नान के बाद मां गंगा भक्तों की मुराद पूरी करती हैं.

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आज है गुरु पूर्णिमा का स्नान इस दिन माना जाता है शिष्य अपने गुरु की पूजा करते हैं इसलिए आज के दिन का काफी महत्व माना जाता है गुरु पूर्णिमा के दिन आज चंद्रग्रहण भी है इसी को लेकर हरिद्वार हर की पौड़ी पर मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाने श्रद्धालुओं का ताता लगा है आज से ही शुरु होने वाला है सावन का महीना मान्यता है कि सावन के महीने में भगवान शिव की आराधना करने से और गंगा जल से उनका अभिषेक करने से शिव अपने भक्तों पर अपनी अपार कृपा की बरसात करते हैं सावन के महीने में ही भगवान शिव को गंगाजल से जलाभिषेक करना सबसे उत्तम बताया गया है पुराणों में यह भी कहा गया है कि सावन के 1 माह तक भगवान शिव कैलाश पर्वत से आकर अपनी ससुराल कनखल में निवास करते हैं यह भी माना जाता है कि भगवान विष्णु के शयन में चले जाने के बाद सावन में भगवान शिव ही ब्रह्मांड की सत्ता का संचालन कनखल में दक्ष मंदिर में रहकर ही करते हैं और इसीलिए सावन में भगवान शिव की पूजा-अर्चना और गंगाजल से अभिषेक का महत्व है


Body:गुरु पूर्णिमा से शुरू हो रहा है शिव का सबसे प्रिय सावन का महीना पुराणों में मान्यता है कि गुरु पूर्णिमा से भगवान विष्णु शयन अवस्था में चले जाते हैं और वह अगले 4 महीने तक शयन
रहेंगे यानी इन चार महीनों तक शुभ काम वंचित माने जाते हैं पुराणों के अनुसार भगवान शिव सत्ता का संचालक इन चार महीनों में करते हैं

हरिद्वार हर की पौड़ी पर गुरु पूर्णिमा के दिन स्नान करने वाले श्रद्धालुओं का कहना है कि आज के दिन गंगा स्नान करने और दान पुण्य करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है आज के दिन अपने गुरु की पूजा की जाती है इसीलिए हम गंगा स्नान करने हरिद्वार आए हैं हमको मां गंगा में स्नान करके काफी अच्छा लगा है हम मां गंगा से प्रार्थना करते हैं जो भी मां गंगा में स्नान करते हैं उनकी मां गंगा सभी मनोकामना पूर्ण करें

बाइट- श्रद्धालु


Conclusion:गुरु पूर्णिमा के दिन श्रद्धालु गंगा स्नान कर पुण्य के भागी बनने के लिए हरिद्वार हर की पौड़ी पर मां गंगा में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं और अपने गुरु की पूजा कर उनके द्वारा सिखाए गए मार्ग पर चलने का प्रण ले रहे हैं आज गुरु पूर्णिमा के दिन ही चंद्र ग्रहण पड़ने से आज का दिन काफी महत्व हो गया है इसलिए श्रद्धालु हरिद्वार में गंगा स्नान और दान पूर्ण कर पुण्य के भागी बन रहे हैं
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