विकासनगर: जौनसार बावर के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वीर फुनकू दास का जन्मदिन बड़ी धूमधाम के साथ मनाया गया. कालसी स्थित तहसील रोड पर सम्राट अशोक सामुदायिक परिसर में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वीर फुनकू दास के जन्म दिवस पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में पीसीसी चीफ प्रीतम सिंह ने पहुंचकर वीर फुनकू दास की मूर्ति का अनावरण किया. साथ ही उनके बलिदान को याद करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि भी दी.
जौनसार बावर के कालसी ब्लॉक के पंजिया गांव निवासी वीर फुनकू दास काजल का जन्म 10 अगस्त 1910 को पैतृक गांव देहरादून जिले के कालसी ब्लॉक में हुआ था. जब देश में स्वतंत्रता आंदोलन चल रहा था, तब जौनसार बावर के वीर फुनकू ने देश की आजादी की लड़ाई में भाग लिया. साथ ही देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू इनसे बहुत स्नेह करते थे. पं. जवाहरलाल नेहरू और महावीर त्यागी के साथ ये देहरादून से बरेली जेल में भी रहे थे.
वीर साहसी फुनकू के बारे में कहा जाता है कि जब जेल में इन्हें रस्सी बंटने के लिए दी गई तो जेलर को खौफ दिखाते हुए उन्होंने माचिस से आग लगा दी. इसके बाद जेल परिसर में सिपाही एकत्र हो गए. जिसके बाद वीर सिपाही को पकड़ कर 12 कोड़ों की सजा सुनाई. आजादी दिलाने वाले इस मतवाले सेनानी के पीठ पर मृत्यु के बाद भी कोड़ों के बहुत गहरे निशान अंकित रहे. तीन मूर्ति भवन और राष्ट्रपति भवन में फुनकू का प्रवेश निष्कंटक था. नेहरू ने फुनकू के लिए देश में देशभर में नि:शुल्क परिवहन की व्यवस्था करवा दी थी.
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प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने बताया कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वीर फुनकू दास की मूर्ति स्थापना के लिए 40 लाख रुपये स्वीकृत किए थे. लेकिन कालसी बाजार में तहसील द्वारा विवादित जमीन देखी गई. वहीं, स्थानीय स्मारक समिति द्वारा स्वयं के प्रयासों से स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वीर फुनकू के जन्मदिवस पर मूर्ति का अनावरण भी किया गया.