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ऑनलाइन व्यवसाय में साझेदार बनाने के नाम पर धोखाधड़ी, जांच में जुटी पुलिस

ऑनलाइन व्यवसाय में साझेदार बनाने का झांसा देकर वाडिया संस्थान के निदेशक डॉ. कालाचांद की पत्नी तुपां साईं के साथ दो आरोपियों ने लाखों रुपए की धोखाधड़ी की. मामले में पीड़िता ने आरोपियों के खिलाफ थाना बंसत विहार में मुकदमा दर्ज कराया है.

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Published : Nov 13, 2022, 2:07 PM IST

देहरादून: वाडिया संस्थान के निदेशक डॉ कालाचांद की पत्नी तुपां साईं के साथ ऑनलाइन व्यवसाय में साझेदार बनाने का झांसा देकर दो आरोपियों ने लाखों रुपए की धोखाधड़ी की. पीड़िता की तहरीर के आधार पर दोनों आरोपियों के खिलाफ थाना बंसत विहार में मुकदमा दर्ज किया गया है.

पीड़ित तुपां साईं, निवासी जीएमएस रोड ने बंसत विहार थाने में शिकायत दर्ज कराई. जिसमें उन्होंने बताया कि उनके पति डॉ. कालाचांद, वाडिया संस्थान में निदेशक हैं. कुछ समय पहले उनकी मुलाकात सीमा शर्मा के साथ हुई थी. सीमा, तुपां साईं के पति के साथ हिमालयी भूविज्ञान के प्रचार के लिए काम कर रही थी. इस दौरान सीमा ने ऑनलाईन अमेजॉन की तरह व्यवसाय करने के लिए तुपां साईं से संपर्क किया.

सीमा ने तुंपा से कहा कि कंपनी में वह उन्हें साझेदार बनाएगी. जिसके बाद 24 मार्च 2022 को व्यवसाय के पंजीकरण के लिए सीमा ने तुपां साईं से 50 हजार रुपए अपने खाते में ट्रांसफर करवा लिए. इसके बाद 25 मार्च को 3 लाख 70 हजार रुपए, 4 अप्रैल को 1 लाख और 5 अप्रैल को ढाई लाख रुपए करवाए. इस तरह सीमा ने तुंपा साईं से कुल 7 लाख 70 हजार रुपए अपने खाते में डलवाये.
ये भी पढ़ें: मौत के बाद भी करोड़पति महिला को भी नहीं मिला वारिस, पुलिस ने ईसाई रीति रिवाज से कराया अंतिम संस्कार

इस दौरान सीमा ने तुंपा से कहा जल्दी व्यवसाय करने के लिए प्रशिक्षण शुरू कर दिया जाएगा. 2 अप्रैल को जूम मीटिंग के दौरान सीमा शर्मा के साथ कैलाश मिश्रा नाम का व्यक्ति जुड़ा. दोनों ने तुपां साईं से स्वघोषणा पत्र ले लिया और यह पत्र सीमा शर्मा के ईमेल पर भेजने के लिए कहा. जब तुपां साईं ने इस बारे में जानकारी लेनी चाही तो कैलाश मिश्रा ने कहा यह सिर्फ एक औपचारिकता है.

इसके बाद सीमा और कैलाश ने पहले से भरा हुआ डिस्ट्रीब्यूटर एप्लीकेशन फॉर्म तुपां साईं को दिया और हस्ताक्षर करने के लिए कहा, लेकिन तुपां साईं ने हस्ताक्षर करने से मना कर दिया. इसके बाद जब तुपां साईं ने व्यवसाय को लेकर जांच की तो पता चला कि दोनों क्यूनेट (काईन डिस्ट्रीब्यूटर कंपनी) का व्यवसाय करते हैं. तुपां साईं ने आरोप लगाया कि कंपनी का विदेश से सीधा लेनदेन है.

उसके बाद 6 अप्रैल को तुपां साईं ने कैलाश मिश्रा को फोन कर व्यवसाय छोड़ने की बात कही और अपने रुपए वापस मांगे. जिसके बाद कैलाश मिश्रा ने 3 लाख 80 हजार रुपए वापस कर दिए, लेकिन अभी भी 3 लाख 90 हजार रुपए नहीं दिए. दोनों आरोपी बाकी रुपए वापस करने के लिए टालमटोल कर रहे हैं. थाना बसंत विहार प्रभारी होशियार सिंह ने बताया कि पीड़िता तुपां साईं की तहरीर के आधार पर कैलाश मिश्रा और सीमा शर्मा के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर पुलिस मामले की जांच कर रही है.

देहरादून: वाडिया संस्थान के निदेशक डॉ कालाचांद की पत्नी तुपां साईं के साथ ऑनलाइन व्यवसाय में साझेदार बनाने का झांसा देकर दो आरोपियों ने लाखों रुपए की धोखाधड़ी की. पीड़िता की तहरीर के आधार पर दोनों आरोपियों के खिलाफ थाना बंसत विहार में मुकदमा दर्ज किया गया है.

पीड़ित तुपां साईं, निवासी जीएमएस रोड ने बंसत विहार थाने में शिकायत दर्ज कराई. जिसमें उन्होंने बताया कि उनके पति डॉ. कालाचांद, वाडिया संस्थान में निदेशक हैं. कुछ समय पहले उनकी मुलाकात सीमा शर्मा के साथ हुई थी. सीमा, तुपां साईं के पति के साथ हिमालयी भूविज्ञान के प्रचार के लिए काम कर रही थी. इस दौरान सीमा ने ऑनलाईन अमेजॉन की तरह व्यवसाय करने के लिए तुपां साईं से संपर्क किया.

सीमा ने तुंपा से कहा कि कंपनी में वह उन्हें साझेदार बनाएगी. जिसके बाद 24 मार्च 2022 को व्यवसाय के पंजीकरण के लिए सीमा ने तुपां साईं से 50 हजार रुपए अपने खाते में ट्रांसफर करवा लिए. इसके बाद 25 मार्च को 3 लाख 70 हजार रुपए, 4 अप्रैल को 1 लाख और 5 अप्रैल को ढाई लाख रुपए करवाए. इस तरह सीमा ने तुंपा साईं से कुल 7 लाख 70 हजार रुपए अपने खाते में डलवाये.
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इस दौरान सीमा ने तुंपा से कहा जल्दी व्यवसाय करने के लिए प्रशिक्षण शुरू कर दिया जाएगा. 2 अप्रैल को जूम मीटिंग के दौरान सीमा शर्मा के साथ कैलाश मिश्रा नाम का व्यक्ति जुड़ा. दोनों ने तुपां साईं से स्वघोषणा पत्र ले लिया और यह पत्र सीमा शर्मा के ईमेल पर भेजने के लिए कहा. जब तुपां साईं ने इस बारे में जानकारी लेनी चाही तो कैलाश मिश्रा ने कहा यह सिर्फ एक औपचारिकता है.

इसके बाद सीमा और कैलाश ने पहले से भरा हुआ डिस्ट्रीब्यूटर एप्लीकेशन फॉर्म तुपां साईं को दिया और हस्ताक्षर करने के लिए कहा, लेकिन तुपां साईं ने हस्ताक्षर करने से मना कर दिया. इसके बाद जब तुपां साईं ने व्यवसाय को लेकर जांच की तो पता चला कि दोनों क्यूनेट (काईन डिस्ट्रीब्यूटर कंपनी) का व्यवसाय करते हैं. तुपां साईं ने आरोप लगाया कि कंपनी का विदेश से सीधा लेनदेन है.

उसके बाद 6 अप्रैल को तुपां साईं ने कैलाश मिश्रा को फोन कर व्यवसाय छोड़ने की बात कही और अपने रुपए वापस मांगे. जिसके बाद कैलाश मिश्रा ने 3 लाख 80 हजार रुपए वापस कर दिए, लेकिन अभी भी 3 लाख 90 हजार रुपए नहीं दिए. दोनों आरोपी बाकी रुपए वापस करने के लिए टालमटोल कर रहे हैं. थाना बसंत विहार प्रभारी होशियार सिंह ने बताया कि पीड़िता तुपां साईं की तहरीर के आधार पर कैलाश मिश्रा और सीमा शर्मा के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर पुलिस मामले की जांच कर रही है.

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