देहरादून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट ने वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम को अपनी मंजूरी दे दी है. इस प्रोग्राम के तहत चीन सीमा से लगे उत्तराखंड समेत पांच राज्यों के 2,966 गांवों का कायाकल्प किया जाएगा. हालांकि, इस प्रोग्राम में उत्तराखंड के चार सीमांत गांवों को शामिल किया गया है. जिसमे नीति, माणा, गूंजी और मलारी गांव शामिल हैं.
यही नहीं, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्त वर्ष 2022-23 से 2025-26 के लिए 4800 करोड़ रुपये के वित्तीय आवंटन को भी मंजूरी दे दी है. वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पूरे देश के लिहाज से यह योजना काफी महत्वपूर्ण है. क्योंकि चीन सीमा से लगे जो देश के तमाम पहले गांव हैं, उनमें विकास की दृष्टि से आगे आने का मौका मिलेगा. साथ ही इन गांवों में बुनियादी सुविधाओं का भी विकास होगा. हालांकि, उत्तराखंड के 4 गांव भी शामिल किए गए हैं. ऐसे में इन 4 गांवों को भी बड़ा लाभ मिलेगा और सीमांत गांव पर रह रहे लोगों को भी आगे आने का मौका मिलेगा.
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जल्द शुरू होगा हरकी पैड़ी कॉरिडोर का काम: धामी सरकार महाकाल कॉरिडोर की तर्ज पर हरकी पैड़ी को विकसित करने जा रही है. क्योंकि हरकी पैड़ी हरिद्वार में हर साल करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए पहुंचते हैं. राज्य सरकार हरकी पैड़ी को श्रद्धालुओं के लिए और सुविधाजनक और सुगम बनाने काम कर रही है. बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और महाकाल कॉरिडोर की तर्ज पर हरकी पैड़ी के विस्तारीकरण और सौंदर्यीकरण की योजना पर मुहर लगी है. मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने जानकारी देते हुए बताया कि हरकी पैड़ी को श्रद्धालुओं के लिए और सुगम और बेहतर बनाने की ओर कार्य किया जा रहा है और जल्दी इस पर काम शुरू हो जाएगा.