देहरादूनः अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद जिस तरह के हालात पैदा हो चुके हैं, उससे वहां फंसे भारतीयों में तो दहशत है ही, उनके परिवारजनों का भी रो-रो कर बुरा हाल है. देहरादून के रायपुर क्षेत्र में एक ऐसा परिवार निवास करता है, जिनके 4 सदस्य इस वक्त अफगानिस्तान में फंसे हुए हैं और भारत लौटने का इंतजार कर रहे हैं.
बता दें कि देहरादून के रायपुर के रहने वाले हरि थापा, प्रदीप कुमार गुरुंग, अनुराग गुरुंग और प्रकाश तमांग बीते कई सालों से अफगानिस्तान में एक प्रोजेक्ट के सिलसिले में कार्यरत हैं. अचानक तालिबान के कब्जे के बाद वहां पैदा हुए हालात से ये लोग काफी दशहत में हैं. ये सभी एक ही परिवार के हैं. जो लगातार भारत सरकार से उनकी वतन वापसी की गुहार लगा रहे हैं.
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ईटीवी भारत की टीम ने अफगानिस्तान में फंसे इन चारों लोगों के परिवारजनों से बातचीत की. इस दौरान उनके परिजनों में बेबसी और लाचारी दिखाई दी. साथ ही उनकी सलामती की चिंता और दशहत भी उनके चेहरे पर साफ देखने को मिला. अफगानिस्तान में कार्यरत हरि थापा की पत्नी रूपा थापा ने बताया कि उनके पति बीते 11 सालों से वहां पर कार्यरत हैं. लेकिन अब जिस तरह के हालात अफगानिस्तान में बन चुके हैं, उससे अफगानिस्तान में रहना मौत को दावत देने जैसा हो चुका है.
तालिबानियों से घिरे होटल में फंसे परिवार के सदस्यः रूपा बताती हैं कि जिस होटल में उनके पति ठहरे हुए हैं, उस होटल को चारों ओर से तालिबानियों ने घेर लिया है. इस स्थिति में हालात इतने बद से बदतर हो चुके हैं कि अब उनके पति से उनका संपर्क भी बमुश्किल ही हो पा रहा है. वहां, फंसे लोग जान बचाने की गुहार लगा रहे हैं. साथ ही जान बचाकर भागने को मजबूर हैं.
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वहीं, देहरादून के रायपुर निवासी गीता गुरुंग ने अफगानिस्तान में फंसे अपने पति अनुराग गुरुंग से वीडियो कॉल के जरिए संपर्क किया. इस दौरान वीडियो कॉल में अनुराग ने बताया कि उनके होटल के चारों तरफ तालिबानियों का कब्जा हो चुका है. वहीं, जगह-जगह तालिबानियों ने चेक पोस्ट बनाए हुए हैं. ऐसे में अलग-अलग होटलों में फंसे भारतीयों के सामने इस वक्त सबसे बड़ी चुनौती अपने होटल से निकलकर एयरपोर्ट तक पहुंचने की है.
केंद्र सरकार से मदद की गुहारः ऐसे में वो केंद्र की मोदी सरकार से जल्द से जल्द अलग-अलग होटलों में फंसे भारतीयों को एयरपोर्ट तक पहुंचाने की व्यवस्था करने की गुहार लगाते हैं. इन हालातों में यदि सरकार ने जल्द कोई एक्शन प्लान तैयार नहीं किया तो हालात और भी बिगड़ सकते हैं.
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अफगानिस्तान में फंसे प्रदीप कुमार गुरुंग की पत्नी विजयलक्ष्मी और प्रकाश तमांग की पत्नी आशु तमांग भी अपने पतियों को लेकर बेहद ही चिंतित हैं. ईटीवी भारत से बात करते हुए वो भी सरकार से यही गुहार लगाती नजर आईं कि सरकार जल्द से जल्द अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों की वतन वापसी की व्यवस्था करे. यदि सरकार ने अगले एक या दो दिन में अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों की वतन वापसी का कोई रास्ता नहीं निकाला, तो स्थिति भयावह होगी. जिसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता है.
सिक्योरिटी कंपनी के लोगों ने भी भेजा वीडियो: इससे पहले काबुल में जिंदगी की जंग लड़ रहे उत्तराखंड के लोगों ने अपने साथियों के साथ एक वीडियो जारी किया है. काबुल में अपनी जिंदगी बचाने के लिए जूझ रहे उत्तराखंड के लोगों ने अपने साथियों के साथ एक वीडियो जारी कर भारत सरकार से मदद मांगी है और कहा है कि वह पिछले 4 दिन से एक छोटे से कमरे में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं, उनके लिए खाना नहीं है, और न ही वो सो नहीं पा रहे हैं.
दरअसल, ईटीवी भारत को गढ़ी कैंट निवासी इसी सलाउद्दीन सिक्योरिटी कंपनी में काम करने वाले एक शख्स ने बताया कि काबुल से उनके साथी ने उनको ये वीडियो भेजा है. मुसीबत में फंसे इन लोगों ने ये वीडियो मंगलवार (17 अगस्त) सुबह 11:30 बजे देहरादून गढ़ी कैंट निवासी अपने साथियों को भेजा, ताकि उनकी मदद की बात भारत सरकार तक पहुंच सके.
काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद अफगान राजधानी में पैदा हुए मौजूदा हालात के मद्देनजर अफगानिस्तान में स्थित भारत के राजदूत और दूतावास के करीब 120 कर्मियों को भारतीय वायुसेना के सी-17 मालवाहक विमान के जरिए काबुल से मंगलवार को स्वदेश लाया.