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दून पुलिस लूटकांड: STF को चारों आरोपियों के खिलाफ मिले सबूत

मुकदमा दर्ज करने से पहले एसटीएफ की टीम मंगलवार को साक्ष्य जुटाने के लिए राजपुर रोड पर स्थित डब्लूआइसी क्लब गई थी

दून पुलिस लूटकांड
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Published : Apr 17, 2019, 10:02 PM IST

Updated : Apr 17, 2019, 10:38 PM IST

देहरादून: एक करोड़ रुपए की लूट के मामले में फंसे तीन पुलिसकर्मियों समेत एक कांग्रेस नेता को पुलिस ने देहरादून कोर्ट में पेश किया. जहां कोर्ट ने चारों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. चारों आरोपियों के खिलाफ मंगलवार शाम को डालनवाला थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था.

दून पुलिस लूटकांड

पढ़ें- उत्तराखंड पुलिसः गैरों से ज्यादा अपने दे रहे दाग, 18 साल के युवा प्रदेश में 16 बार 'मित्र पुलिस' की साख पर लगा बट्टा

मुकदमा दर्ज करने से पहले एसटीएफ की टीम मंगलवार को साक्ष्य जुटाने के लिए राजपुर रोड स्थित डब्लूआइसी क्लब गई थी. पुलिस ने चारों आरोपियों दरोगा दिनेश नेगी, कॉन्स्टेबल हिमांशु उपाध्याय, पुलिसकर्मी मनोज और कांग्रेस नेता अनुपम शर्मा के खिलाफ 5 धाराओं (गलत तरीके से किसी को परेशान करना, सरकारी अधिकारी बन कर क्राइम करना, लूट और एक साथ मिलकर आपराधिक षडयंत्र रचना) में मुकदमा दर्ज किया था.

इस मामले में आरोपी पक्ष के वकील नीरज पांडेय ने बताया कि शिकायतकर्ता का कहना है कि बैग में रुपए नहीं बल्कि कपड़े थे. साथ ही इन लोगों ने कोई लूट नहीं की है और न ही ये लूट का मामला है. पुलिसकर्मियों की वादी अनिरुद्ध के साथ कहासुनी हुई थी. पुलिसकर्मियों से बदला लेने की भावना से ही वादी ने पांच दिन बाद डालनवाला थाने में मुकदमा दर्ज कराया था.

पढ़ें- एक करोड़ लूट मामले में कांग्रेस के महासचिव अनुपम समते तीन पुलिसकर्मी भेजे गए 14 दिन की न्यायिक हिरासत में

क्या है मामला
बता दें कि बीती 4 अप्रैल को राजपुर रोड पर आदर्श चुनाव आचार संहिता की चेकिंग के नाम पर दारोगा दिनेश नेगी ने अपने दो साथी पुलिसकर्मियों (रमेश उपाध्याय व मनोज) के साथ आईजी की गाड़ी में बैठकर एक करोड़ रुपए की लूट की वारदात को अंजाम दिया था. इन पुलिसकर्मियों पर आरोप है कि इन्होंने प्रॉपर्टी डीलर से रुपयों से भरा बैग लूटा था.

देहरादून: एक करोड़ रुपए की लूट के मामले में फंसे तीन पुलिसकर्मियों समेत एक कांग्रेस नेता को पुलिस ने देहरादून कोर्ट में पेश किया. जहां कोर्ट ने चारों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. चारों आरोपियों के खिलाफ मंगलवार शाम को डालनवाला थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था.

दून पुलिस लूटकांड

पढ़ें- उत्तराखंड पुलिसः गैरों से ज्यादा अपने दे रहे दाग, 18 साल के युवा प्रदेश में 16 बार 'मित्र पुलिस' की साख पर लगा बट्टा

मुकदमा दर्ज करने से पहले एसटीएफ की टीम मंगलवार को साक्ष्य जुटाने के लिए राजपुर रोड स्थित डब्लूआइसी क्लब गई थी. पुलिस ने चारों आरोपियों दरोगा दिनेश नेगी, कॉन्स्टेबल हिमांशु उपाध्याय, पुलिसकर्मी मनोज और कांग्रेस नेता अनुपम शर्मा के खिलाफ 5 धाराओं (गलत तरीके से किसी को परेशान करना, सरकारी अधिकारी बन कर क्राइम करना, लूट और एक साथ मिलकर आपराधिक षडयंत्र रचना) में मुकदमा दर्ज किया था.

इस मामले में आरोपी पक्ष के वकील नीरज पांडेय ने बताया कि शिकायतकर्ता का कहना है कि बैग में रुपए नहीं बल्कि कपड़े थे. साथ ही इन लोगों ने कोई लूट नहीं की है और न ही ये लूट का मामला है. पुलिसकर्मियों की वादी अनिरुद्ध के साथ कहासुनी हुई थी. पुलिसकर्मियों से बदला लेने की भावना से ही वादी ने पांच दिन बाद डालनवाला थाने में मुकदमा दर्ज कराया था.

पढ़ें- एक करोड़ लूट मामले में कांग्रेस के महासचिव अनुपम समते तीन पुलिसकर्मी भेजे गए 14 दिन की न्यायिक हिरासत में

क्या है मामला
बता दें कि बीती 4 अप्रैल को राजपुर रोड पर आदर्श चुनाव आचार संहिता की चेकिंग के नाम पर दारोगा दिनेश नेगी ने अपने दो साथी पुलिसकर्मियों (रमेश उपाध्याय व मनोज) के साथ आईजी की गाड़ी में बैठकर एक करोड़ रुपए की लूट की वारदात को अंजाम दिया था. इन पुलिसकर्मियों पर आरोप है कि इन्होंने प्रॉपर्टी डीलर से रुपयों से भरा बैग लूटा था.

Intro:4 अप्रैल की रात आईजी अजय रौतेला की कार से हुई लूट मामले में आखिरकार 3 पुलिस कर्मी सहित कांग्रेस के सक्रिय नेता को कल कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कर एसटीएफ़ ने ग्रिफ्तार कर लिया।एसटीएफ़ ने जाँच के दौरान लूट होने पर मोहर लगा दी है।डब्लूआइसी में जाकर आज एसटीएफ की टीम ने पूछताछ की।साथ ही एसटीएफ़ ओर साक्ष्य में जुटी हुई है।ओर आज चारो को कोर्ट में पेश करके जेल भेज दिया गया।


Body:राजपुर रोड 4 अप्रैल की रात आईजी अजय रौतेला की कार से तीन पुलिसकर्मियों द्वारा प्रॉपर्टी डीलर अनुरोध पवार से आचार संहिता का डर दिखाकर 1करोड़ रुपए छीन लिए गए थे जिसके बाद मुकदमा होने पर एसटीएफ को जांच सौंप दी गई थी। एसटीएफ ने मामले की विवेचना करते हुए पुलिसकर्मियों से पूछताछ शुरू कर दी कर दी थी। और तीनों आरोपी पुलिसकर्मियों और अनुपम शर्मा ने पूछताछ में खुद को निर्दोष बताया गया था लेकिन एसटीएफ ने गहनता से पूछताछ करने पर काफी साक्ष्य मिले।और उसके बाद कल देर शाम एसटीएफ ने जांच के दौरान 4 अप्रैल की रात को हुई लूट पर मोहर लगाते हुए तीनों पुलिसकर्मी दरोगा दिनेश नेगी कांस्टेबल हिमांशु उपाध्याय और मनोज सहित प्रॉपर्टी डीलर अनुपम शर्मा कांग्रेस के सक्रिय नेता को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है। ग्रिफ्तारी में इनके ऊपर 5 धाराएं लगाई गई है। गलत तरीके से किसी को परेशान करना,सरकारी अधिकारी बन कर क्राइम करना,लूट और एक साथ मिलकर आपराधिक षडयंत्र रचना ओर जबरन छीनना जैसी 5 धाराओं पर मुकदमा दर्ज किया गया है।और एसटीएफ की टीम ने डब्ल्यू आई सी क्लब में कर्मचारियों से पूछताछ की गई है।जिसमे एसटीएफ़ को काफी जानकारी मिली है।वही आज चारो आरोपियों को पुनीत कुमार सीजीएम 5 के यहाँ पेश करके 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।


Conclusion:आरोपी पक्ष के वकील नीरज पाण्ड्य ने बताया कि रुपए लेने वाले का साफ तौर कहना है कि बैग में रुपय न होकर कपड़े थे।साथ ही कहा कि इन लोगो ने कोई भी लूट नही की ओर न ही कोई लूट का माल था।साथ ही कहा कि पुलिसकर्मियों की वादी अनिरुद्ध के साथ कहासुनी हुई थी।लेकिन 5 दिन बाद पुलिसकर्मियों से बदला लेने की भावना से उनके तहत थाना डालनवाला में मुकदमा दर्ज करा दिया गया था।हमने जज के सामने सारी बात रखी।लेकिन जज से इन लोगो को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। बाइट-नीरज पाण्ड्य(आरोपी पक्ष वकील)
Last Updated : Apr 17, 2019, 10:38 PM IST
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