देहरादून: लंबे समय से फरार चल रहे पूर्व IFS अधिकारी किशन चंद मामले में विजिलेंस को बड़ी सफलता मिली है. विजिलेंस की टीम ने निलंबित आईएफएस अधिकारी किशनचंद को गिरफ्तार कर लिया है. किशनचंद की गिरफ्तारी गाजियाबाद के वैशाली से की गई है. शनिवार को किशनचंद को कोर्ट में पेश किया जाएगा. किशनचंद पर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की कालागढ़ रेंज में तैनाती के दौरान मोरघट्टी और पाखरो में अवैध तरीके से निर्माण कार्य कराने, हरे पेड़ों के कटान, सरकारी धन के दुरुपयोग और फर्जी बिल बनाकर ठेकेदारों को भुगतान करने के आरोप हैं.
बता दें विजिलेंस टीम ने पूर्व आईएफएस अधिकारी किशन चंद के खिलाफ तैयार की गई चार्जशीट में आरोप लगाया है कि किशन चंद ने अपनी आय से 375 गुना ज्यादा संपत्ति अर्जित की है. यही नहीं, विजिलेंस ने 33 करोड़ की संपत्ति का खुलासा भी किया है. इस संपत्ति में किशन चंद की सात करोड़ की संपत्ति है, जबकि ज्यादातर संपत्ति परिजनों के नाम खरीदी गई है. भोगपुर में बेटे के नाम से अभिषेक स्टोन क्रशर लगाया गया है. पिरान कलियर में पत्नी के नाम से ब्रज इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल बनाया गया है. यही नहीं, स्कूल के लिए पत्नी के नाम पर ट्रस्ट बनाया गया है. अपने नाम संपत्ति खरीदने के लिए ट्रस्ट से लिए गए ऋण को अभी तक नहीं लौटाया है.
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इस ट्रस्ट में लोगों से बड़ी धनराशि जमा कराई गई है. साथ ही विजिलेंस ने चार्जशीट में जिक्र किया है कि हरिद्वार डीएफओ रहते हुए लैंसडाउन प्रभाग में लोगों को नौकरी देने की एवज में उनकी जमीनें आईएफएस किशनचंद ने अपने नाम कराई. इसके साथ ही देहरादून बसंत विहार में 2.40 करोड़ का मकान भी उन्होंने ख़रीदा है. मकान के लिए 60 लाख का ऋण स्कूल के ट्रस्ट से लिया गया है. पत्नी के खाते से 1.80 करोड़ लिए गए हैं. इस पैसे को एक दिन पहले अलग-अलग लोगों से जमा करवाया गया.
बता दें अभी दो दिन पहले विजिलेंस की टीम ने हरिद्वार पहुंचकर किशन चंद के आवास और स्टोन क्रशर पर कुर्की का नोटिस चस्पा किया था. ढोल बजवाकर मुनादी कराई गई. अब न्यायालय के आदेश मिलते ही कुर्की की कार्रवाई होनी तय है. शासन ने आईएफएस किशनचंद को पहले ही पूर्व कर दिया था. पिछले दिनों हल्द्वानी विजिलेंस कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद गिरफ्तारी के लिए विजिलेंस की टीम ने हरिद्वार जनपद में कई ठिकानों पर दबिश दी थी, पर वह हाथ नहीं आए थे.
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