देहरादून: उत्तराखंड के पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष अनुसूया प्रसाद मैखुरी का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया है. अनुसूया प्रसाद मैखुरी कोरोना के चलते मैक्स अस्पताल में भर्ती हुए थे, जिसके बाद उनकी तबीयत खराब बताई जा रही थी.
पढ़ें- कांग्रेस ने काले झंडे और गुब्बारे दिखाकर किया बीजेपी अध्यक्ष नड्डा के उत्तराखंड दौरे का किया विरोध
उत्तराखंड में कोविड-19 का प्रकोप लगातार जारी है. प्रदेश के पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष अनुसूया प्रसाद मैखुरी को कोरोना के चलते मैक्स में भर्ती कराया गया था, जिसके बाद से ही उनकी हालत काफी खराब बताई जा रही थी. मैखुरी को खराब हालत के कारण वेंटिलेटर पर रखा गया था, इसके बाद आज मैखुरी की दोनों किडनी फेल होने के बाद उनका निधन हो गया. करीब डेढ़ माह से मैखुरी मैक्स अस्पताल में कोरोना से जंग लड़ रहे थे. मैखुरी के निधन की सूचना पर कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह समेत कांग्रेसजनों ने दो मिनट का मौन धारण करके उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.
अनुसूया मैखुरी का राजनीतिक सफर
अनुसूया प्रसाद मैखुरी ने एक लंबा राजनीतिक सफर तय किया और ग्राम प्रधान से लेकर विधायक तक बनने के लिए संघर्ष करते विधानसभा पहुंचे.अनुसूया प्रसाद मैखुरी चमोली जिले से ताल्लुक रखते थे और यहां उन्होंने प्रधान पद से लेकर विधायक बनने का एक लंबा राजनीतिक सफर तय किया. बेहद सरल और मृदुभाषी अनुसूया प्रसाद मैखुरी आम लोगों से मिलने और उनकी समस्याओं को दूर करने के लिए प्रयासरत भी दिखाई देते थे और यही कारण था कि स्थानीय लोगों में एक स्वच्छ छवि उनकी बनी रही.
साल 2002 से 2007 के बीच उन्होंने बदरीनाथ विधानसभा का बतौर विधायक नेतृत्व किया. इसके बाद उन्होंने 2012 में कर्णप्रयाग विधानसभा सीट से चुनाव जीता और विधानसभा पहुंचे। यहां अनुसूया प्रसाद मैखुरी की सीनियरिटी को देखते हुए विजय बहुगुणा सरकार में उन्हें विधानसभा के उपाध्यक्ष पद से नवाजा गया. सतपाल महाराज के बेहद करीबी माने जाने वाले अनुसूया प्रसाद मैखुरी क्षेत्र में बेहद ज्यादा सक्रिय थे और आम लोगों से मिलना और उनकी समस्याओं को विधानसभा में सवालों के जरिए देखा जाता रहा है.
अनुसूया प्रसाद मैखुरी के सरल और मिलनसार स्वभाव से न केवल कांग्रेसी बल्कि भाजपा के नेता भी काफी प्रभावित दिखते थे और पार्टी की सीमाओं से हटकर विरोधी दल के विधायक भी उनके स्वभाव से काफी प्रभावित दिखाई देते थे. अनुसूया प्रसाद मैखुरी को गैरसैंण के हितैषी और स्थाई राजधानी बनाएं के पक्ष वाले नेताओं में गिना जाता है. गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने को लेकर अनुसूया प्रसाद मैखुरी विभिन्न मंचों पर ये मांग उठाते हुए भी दिखाई देते रहे थे.
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने जताया दु:ख
कांग्रेस नेता व पूर्व विंधानसभा उपाध्यक्ष अनुसूया प्रसाद मैखुरी का देहांत हो गया है. ऐसे में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व वर्तमान जागेश्वर विधायक गोविंन्द सिंह कुंजवाल में अनुसूया प्रसाद मैखुरी की मौत पर गहरा दु:ख जताया है और इसे क्षेत्र के लिए बहुत बड़ी राजनीतिक क्षति बताया है.
कुंजवाल ने कहा कि मैखुरी सरल व्यक्तित्व के साथ एक कुशल राजनीतिज्ञ भी थे. कुंजवाल ने कहा कि गैरसैंण में जब कांग्रेस सरकार में विधानसभा भवन एवं परिसर का निर्माण कराया गया तो उस वक्त वहां जमीन से लेकर पानी, बिजली समेत अन्य कई व्यवस्था कराने में अनुसूया प्रसाद मैखुरी की बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका रही थी. इसलिए जब जब गैरसैंण का नाम आएगा, तब-तब अनुसूया प्रसाद मैखुरी का नाम आएगा. कुंजवाल ने कहा कि भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे.