देहरादून: मौसम की बेरुखी के चलते उत्तराखंड के जंगलों पर गहरा संकट मंडरा रहा है. राज्य में फायर सीजन शुरू हो चुका है और इस सीजन में इस बार जंगलों के धधकने की ज्यादा आशंका जताई जा रही है. स्थिति यह है कि भारत सरकार ने भी वनाग्नि के खतरे को देखते हुए उत्तराखंड को विशेष राहत देने का फैसला किया है. यही नहीं मौसम विभाग भी आने वाले दिनों में दिक्कत बढ़ने का संकेत दे रहा है. देखिए ईटीवी भारत की रिपोर्ट.
उत्तराखंड के लिए वनाग्नि चुनौती: जंगलों में आग की लपटें उत्तराखंड के लिए हर साल बड़ी चुनौती बनती रही है. साल दर साल जंगलों में आग की घटनाएं भी बढ़ती रही है. चिंता की बात यह है कि इन घटनाओं में उत्तराखंड के सैकड़ों हेक्टेयर जंगल खाक हो रहे हैं. हालांकि, हर साल देशवासियों खास तौर पर वन विभाग के लिए वनाग्नि एक बड़ी समस्या रही है, लेकिन इस साल फायर सीजन शुरू होते ही राज्य के जंगलों पर आग का बड़ा खतरा होने का अंदेशा जताया जा रहा है.
उत्तराखंड में बेमौसम गर्मी: ऐसा मौसम की बेरुखी के कारण हुआ है. जिसने पहले ही राज्य में विंटर सीजन के दौरान लोगों को बेमौसम गर्मी का एहसास कराया है. दरअसल प्रदेश में इस बार विंटर सीजन के दौरान बारिश के कुछ ही स्पेल मिल पाए हैं. इसके कारण राज्य में तापमान सामान्य से 10 डिग्री तक ऊपर भी गए है. चिंता केवल मौसम के चलते किसानों को हो रही समस्या की ही नहीं है, बल्कि अब यह दिक्कत जंगलों को बचाने से भी जुड़ गई है.
बारिश नहीं होने से जंगल में नमी की कमी: ऐसा इसलिए क्योंकि इस पूरे सीजन में करीब-करीब बारिश नहीं होने से जंगलों में भी नमी मौजूद नहीं है. यानी सूखे जंगलों में एक छोटी सी चिंगारी भी धधकती है तो वह ज्वाला का रूप ले सकती है. बस यही खतरा अब वन विभाग को भी महसूस हो रहा है. महकमे के अधिकारी इस स्थिति को बेहद संवेदनशील मान रहे है. हालांकि, इन परिस्थितियों को देखते हुए वन विभाग के साथ ही भारत सरकार ने भी कुछ ऐसी पहल की है, जो जंगलों में आग की रोकथाम के लिए सहायक हो सकती है.
बिंदुवार जानिए क्या हुए हैं प्रयास.
फायर सीजन में वनाग्नि का खतरा: भारत सरकार जंगलों में आग की गंभीरता को देखते हुए सहायता कर रही है तो, दूसरी तरफ राज्य वन विभाग ने अपने स्तर पर तैयारियों को पूरा कर चुका है. उत्तराखंड वन महकमा के मुखिया विनोद सिंघल कहते हैं कि इस बार का फायर सीजन शुरू हो चुका है. यह साल ज्यादा संवेदनशील है, क्योंकि इस बार तापमान समय से पहले बढ़ गया है. जंगलों में नमी न होने के कारण आग की घटनाएं ज्यादा होने की आशंका है. हालांकि, उन्होंने इसके मद्देनजर सभी तैयारियां पूरी किए जाने की भी बात कही.
विंटर सीजन में 93 फीसदी कम बारिश: देखा जाए तो राज्य में अक्टूबर के बाद से ही अच्छी बारिश नहीं हुई है. जनवरी से शुरू होने वाले विंटर सीजन के दौरान तो अधिकतर जगहों पर बारिश देखने को ही नहीं मिली है. इस विंटर सीजन में करीब 93% सामान्य से भी कम बारिश हुई है. मौसम का असर सभी क्षेत्रों में पड़ रहा है. अब गर्मी के सीजन में इसका सबसे ज्यादा असर जंगलों पर पड़ना तय है.
तापमान बढ़ने से वनाग्नि की आशंका: मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह कहते हैं कि इस बार बारिश बेहद कम हुई है. जिसके कारण आने वाले दिनों में तापमान बढ़ने जा रहे हैं. हालांकि, अब भी कई जगहों पर तापमान 8 डिग्री तक अधिक है, लेकिन आने वाले दिन तापमान बढ़ने के लिए आज से और भी संवेदनशील होंगे. जबकि इसके बाद गर्मियां आने के चलते बारिश की संभावना अब कम ही दिखाई दे रही है.