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मसूरी के रेस्टोरेंट में किंग कोबरा निकलने से मचा हड़कंप, वन विभाग ने जंगल में छोड़ा

मसूरी में वन विभाग की टीम ने किंग कोबरा को रेस्क्यू कर सुरक्षित जंगल में छोड़ा. वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस समय किंग कोबरा का प्रजनन काल चल रहा है. मादा भी आसपास ही हो सकती है. इसलिए लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है.

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Published : May 20, 2023, 10:47 AM IST

Updated : May 20, 2023, 11:38 AM IST

मसूरी के रेस्टोरेंट में किंग कोबरा निकलने से मचा हड़कंप

मसूरी: देहरादून मसूरी मार्ग पर कोल्हूखेत के निकट एक विशालकाय किंग कोबरा मिलने से क्षेत्र में हड़कंप मच गया. स्थानीय लोगों ने सांप होने की सूचना वन विभाग को दी. मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद एक रेस्टोरेंट के टॉयलेट से किंग कोबरा को पकड़ा और दूर जंगल में छोड़ दिया. जिसके बाद क्षेत्रवासियों ने राहत की सांस ली.

डीएफओ मसूरी आशुतोष सिंह ने बताया कि यह एक दुर्लभ प्रजाति का किंग कोबरा है. इस समय किंग कोबरा का प्रजनन का समय है. ऐसे में किंग कोबरा के साथ ही मादा भी हो सकती है. इसके लिए वन विभाग के कर्मचारियों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है. वहीं किंग कोबरा को पकड़ कर जंगल में छोड़ दिया है. किंग कोबरा उत्तराखंड में पहली बार साल 2006 में नैनीताल जिले की भवाली फॉरेस्ट रेंज में दिखा. फिर साल 2012 में मुक्तेश्वर में 2303 मीटर की ऊंचाई में इसका घोंसला मिला.
पढ़ें-किंग कोबरा को रास आ रही ऊखीमठ की फिजा, सबसे बड़ा सांप दिखने से डरे लोग

इतनी ऊंचाई पर किंग कोबरा का होना दुनिया भर में एक रिकॉर्ड है. उन्होंने बताया कि भोजन श्रृंखला में किंग कोबरा एपेक्स प्रीडेटर यानी सबसे ऊपर है. प्रकृति में किंग कोबरा का भोजन सिर्फ सांप हैं. यानी वह प्रकृति में सांपों की संख्या को नियंत्रित करता है. विरले मौकों पर ही किंग कोबरा सांप के अलावा छिपकली या गिरगिट जैसे अन्य जीवों को खाता है. इसके मुताबिक राज्य में अब तक किंग कोबरा के काटने की एक भी घटना दर्ज नहीं हुई है.

मसूरी के रेस्टोरेंट में किंग कोबरा निकलने से मचा हड़कंप

मसूरी: देहरादून मसूरी मार्ग पर कोल्हूखेत के निकट एक विशालकाय किंग कोबरा मिलने से क्षेत्र में हड़कंप मच गया. स्थानीय लोगों ने सांप होने की सूचना वन विभाग को दी. मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद एक रेस्टोरेंट के टॉयलेट से किंग कोबरा को पकड़ा और दूर जंगल में छोड़ दिया. जिसके बाद क्षेत्रवासियों ने राहत की सांस ली.

डीएफओ मसूरी आशुतोष सिंह ने बताया कि यह एक दुर्लभ प्रजाति का किंग कोबरा है. इस समय किंग कोबरा का प्रजनन का समय है. ऐसे में किंग कोबरा के साथ ही मादा भी हो सकती है. इसके लिए वन विभाग के कर्मचारियों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है. वहीं किंग कोबरा को पकड़ कर जंगल में छोड़ दिया है. किंग कोबरा उत्तराखंड में पहली बार साल 2006 में नैनीताल जिले की भवाली फॉरेस्ट रेंज में दिखा. फिर साल 2012 में मुक्तेश्वर में 2303 मीटर की ऊंचाई में इसका घोंसला मिला.
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इतनी ऊंचाई पर किंग कोबरा का होना दुनिया भर में एक रिकॉर्ड है. उन्होंने बताया कि भोजन श्रृंखला में किंग कोबरा एपेक्स प्रीडेटर यानी सबसे ऊपर है. प्रकृति में किंग कोबरा का भोजन सिर्फ सांप हैं. यानी वह प्रकृति में सांपों की संख्या को नियंत्रित करता है. विरले मौकों पर ही किंग कोबरा सांप के अलावा छिपकली या गिरगिट जैसे अन्य जीवों को खाता है. इसके मुताबिक राज्य में अब तक किंग कोबरा के काटने की एक भी घटना दर्ज नहीं हुई है.

Last Updated : May 20, 2023, 11:38 AM IST
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