ETV Bharat / state

हाथियों पर रेडियो कॉलर लगाना वन महकमे के लिए साबित हो रहा टेढ़ी खीर

राजाजी पार्क में देखे गये बाकी 9 हाथियों पर वन विभाग रेडियो कॉलर नहीं लगा पा रहा है. हालांकि, एक दूसरे हाथी को भी वन विभाग की टीम ने रेडियो कॉलर लगाने की कोशिश की थी लेकिन हाथी को ट्रेंकुलाइज करने के दौरान उसकी सही पोजिशन नहीं मिल पाई थी.

it-is-difficult-to-put-radio-collars-on-elephants-in-haridwar-rajaji-park
हाथियों पर रेडियो कॉलर लगाना वन महकमे के लिए साबित हो रहा टेढ़ी खीर
author img

By

Published : Oct 22, 2020, 6:39 PM IST

देहरादून: राजाजी पार्क में हरिद्वार क्षेत्र में विचरण करने वाले हाथियों पर रेडियो कॉलर लगाना वन महकमे के लिए मुश्किल हो गया है. हालांकि, काफी मशक्कत के बाद महकमा एक हाथी पर रेडियो कॉलर लगा चुका है. मगर बाकी बचे हुए हाथियों की निगरानी के लिए ये काम विभाग के लिए टेढ़ी खीर हो रहा है.

उत्तराखंड में महाकुंभ 2021 का आगाज होने से पहले ही वन महकमा और हाथियों और लेपर्ड की खोजबीन में जुट गया है. जिनको आबादी के पास विचरण करने की आदत है. यदि ऐसे हाथी जो महाकुंभ क्षेत्र के आस-पास आ सकते हैं इन्हें रेडियो कॉलर लगाए जा रहे हैं. उधर, पहली बार उत्तराखंड में लेपर्ड पर भी रेडियो कॉलर लगाये जा रहे हैं. इस काम के लिए काफी लंबे समय से वन महकमे की टीम जंगल में डेरा डाले हुए हैं. अभी तक एक हाथी को रेडियो कॉलर किया भी जा चुका है. यही नहीं एक लेपर्ड भी पर भी रेडियो कॉलर लगाकर वन विभाग निगरानी रख रहा है.

हाथियों पर रेडियो कॉलर लगाना वन महकमे के लिए साबित हो रहा टेढ़ी खीर.

पढ़ें- भूमाफियाओं ने अंबेडकर पार्क व पुस्तकालय की प्रस्तावित भूमि पर किया कब्जा, SDM ने रुकवाया

मगर, चिंता की बात यह है कि राजाजी पार्क में चित्रित किए गए बाकी 9 हाथियों पर वन विभाग रेडियो कॉलर नहीं कर पा रहा है. हालांकि एक दूसरे हाथी को भी वन विभाग की टीम ने रेडियो कॉलर करने की कोशिश की थी लेकिन हाथी को ट्रेंकुलाइज करने के दौरान उसकी सही पॉजिशन नहीं मिल पाई. जिस कारण उस हाथी को छोड़ दिया गया. उधर, वन विभाग की टीम हर दिन राजाजी पार्क में ऐसे हाथियों की खोजबीन में जुटी है जिन्हें रेडियो कॉलर करना है.

पढ़ें- बीजेपी के कॉरपोरेट कल्चर पर कांग्रेस ने साधा निशाना, कहा- यही है पार्टी का चरित्र

वन विभाग की टीम के लिए दिक्कत यह है कि हाथियों का यह कुनबा कहीं पर रुक नहीं रहा है, ऐसे में इन्हें लोकेट करने के बावजूद टीम पहुंचने तक वे यहां पर नहीं मिल रहे हैं.भले ही हाथियों का कुनबा वन विभाग की टीम से न ढूंढ जा रहा हो, लेकिन विभाग के अधिकारी मानते हैं कि इस कुनबे के एक हाथी को कॉलर किया जा चुका है. ऐसे में यदि यह हाथी महाकुंभ क्षेत्र की तरफ मूवमेंट करते हैं. तो इसका पता विभाग के अधिकारियों को पहले ही चल जाएगा. जिससे महाकुंभ क्षेत्र में हाथियों के खतरे से बचा जा सकता है.

पढ़ें- हंसी प्रहरी ने ठुकराया नौकरी का प्रस्ताव, आशियाने के लिए मेयर ने लिखा पत्र

साल 2021 में महाकुंभ हरिद्वार में होना है. ऐसे में हाथियों को रेडियो कॉलर करने से यहां पर हाथियों के आने के खतरे से बचने के लिए यह कदम उठाया गया है. यही नहीं गुलदार को भी रेडियो कॉलर किया जा रहा है. ताकि महाकुंभ के दौरान यहां आने वाले श्रद्धालुओं को गुलदार का कोई खतरा न हो.

पढ़ें- उत्तराखंड: लॉकडाउन में थमने के बाद फिर बढ़ने लगी हादसों की रफ्तार, आंकड़े कर रहे दस्दीक

बता दें कि हाथियों और गुलदार को रेडियो कॉलर लगाने के लिए वन विभाग को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है. उसके बाद रेडियो कॉलर भी मंगाए जा चुके हैं. ऐसे में अब बस इंतजार है तो उस घड़ी का जब हाथियों और गुलदार को रेडियो कॉलर लगाया जा सके.

देहरादून: राजाजी पार्क में हरिद्वार क्षेत्र में विचरण करने वाले हाथियों पर रेडियो कॉलर लगाना वन महकमे के लिए मुश्किल हो गया है. हालांकि, काफी मशक्कत के बाद महकमा एक हाथी पर रेडियो कॉलर लगा चुका है. मगर बाकी बचे हुए हाथियों की निगरानी के लिए ये काम विभाग के लिए टेढ़ी खीर हो रहा है.

उत्तराखंड में महाकुंभ 2021 का आगाज होने से पहले ही वन महकमा और हाथियों और लेपर्ड की खोजबीन में जुट गया है. जिनको आबादी के पास विचरण करने की आदत है. यदि ऐसे हाथी जो महाकुंभ क्षेत्र के आस-पास आ सकते हैं इन्हें रेडियो कॉलर लगाए जा रहे हैं. उधर, पहली बार उत्तराखंड में लेपर्ड पर भी रेडियो कॉलर लगाये जा रहे हैं. इस काम के लिए काफी लंबे समय से वन महकमे की टीम जंगल में डेरा डाले हुए हैं. अभी तक एक हाथी को रेडियो कॉलर किया भी जा चुका है. यही नहीं एक लेपर्ड भी पर भी रेडियो कॉलर लगाकर वन विभाग निगरानी रख रहा है.

हाथियों पर रेडियो कॉलर लगाना वन महकमे के लिए साबित हो रहा टेढ़ी खीर.

पढ़ें- भूमाफियाओं ने अंबेडकर पार्क व पुस्तकालय की प्रस्तावित भूमि पर किया कब्जा, SDM ने रुकवाया

मगर, चिंता की बात यह है कि राजाजी पार्क में चित्रित किए गए बाकी 9 हाथियों पर वन विभाग रेडियो कॉलर नहीं कर पा रहा है. हालांकि एक दूसरे हाथी को भी वन विभाग की टीम ने रेडियो कॉलर करने की कोशिश की थी लेकिन हाथी को ट्रेंकुलाइज करने के दौरान उसकी सही पॉजिशन नहीं मिल पाई. जिस कारण उस हाथी को छोड़ दिया गया. उधर, वन विभाग की टीम हर दिन राजाजी पार्क में ऐसे हाथियों की खोजबीन में जुटी है जिन्हें रेडियो कॉलर करना है.

पढ़ें- बीजेपी के कॉरपोरेट कल्चर पर कांग्रेस ने साधा निशाना, कहा- यही है पार्टी का चरित्र

वन विभाग की टीम के लिए दिक्कत यह है कि हाथियों का यह कुनबा कहीं पर रुक नहीं रहा है, ऐसे में इन्हें लोकेट करने के बावजूद टीम पहुंचने तक वे यहां पर नहीं मिल रहे हैं.भले ही हाथियों का कुनबा वन विभाग की टीम से न ढूंढ जा रहा हो, लेकिन विभाग के अधिकारी मानते हैं कि इस कुनबे के एक हाथी को कॉलर किया जा चुका है. ऐसे में यदि यह हाथी महाकुंभ क्षेत्र की तरफ मूवमेंट करते हैं. तो इसका पता विभाग के अधिकारियों को पहले ही चल जाएगा. जिससे महाकुंभ क्षेत्र में हाथियों के खतरे से बचा जा सकता है.

पढ़ें- हंसी प्रहरी ने ठुकराया नौकरी का प्रस्ताव, आशियाने के लिए मेयर ने लिखा पत्र

साल 2021 में महाकुंभ हरिद्वार में होना है. ऐसे में हाथियों को रेडियो कॉलर करने से यहां पर हाथियों के आने के खतरे से बचने के लिए यह कदम उठाया गया है. यही नहीं गुलदार को भी रेडियो कॉलर किया जा रहा है. ताकि महाकुंभ के दौरान यहां आने वाले श्रद्धालुओं को गुलदार का कोई खतरा न हो.

पढ़ें- उत्तराखंड: लॉकडाउन में थमने के बाद फिर बढ़ने लगी हादसों की रफ्तार, आंकड़े कर रहे दस्दीक

बता दें कि हाथियों और गुलदार को रेडियो कॉलर लगाने के लिए वन विभाग को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है. उसके बाद रेडियो कॉलर भी मंगाए जा चुके हैं. ऐसे में अब बस इंतजार है तो उस घड़ी का जब हाथियों और गुलदार को रेडियो कॉलर लगाया जा सके.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.