देहरादूनः विकास को गति देने के लिए राजधानी देहरादून शहर में एक के बाद एक पांच फ्लाईओवर्स का निर्माण किया गया. लेकिन इनमें से ज्यादातर फ्लाईओवर सुरक्षा की दृष्टि से खतरे की जद में हैं. बल्लीवाला स्थित फ्लाईओवर सबसे खतरनाक बना हुआ है. साल 2016 में बने इस फ्लाईओवर पर अब तक 13 दोपहिया सवार जान गंवा चुके हैं.
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बल्लीवाला फ्लाईओवर को खूनी फ्लाईओवर की पहचान मिलने के बाद Etv Bharat ग्राउंड जीरो पर पहुंचा और यह जानने का प्रयास किया कि आखिर इस फ्लाईओवर पर इतने ज्यादा हादसे क्यों होते हैं. इस दौरान Etv Bharat ने पाया कि इस फ्लाईओवर की चौड़ाई औसत से कम है और जब भी कोई ट्रक या कोई बड़ा वाहन गुजरता है तो ओवरटेक करना हादसे को दावत देने जैसा है.
उधर, निर्माण के समय से ही तकनीकी खामियों से भरे इस फ्लाईओवर का मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने निरीक्षण किया, जिसमें उन्होंने खामियों को तत्काल दूर करने के निर्देश दिए. जिसके बाद संबंधित विभाग ने पूरे फ्लाईओवर पर हर 25 से 30 फीट की दूरी पर दर्जनभर से ज्यादा स्पीड ब्रेकर बना दिए और अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया.
फ्लाईओवर निर्माण विभाग अपनी कमियों को छुपा रहा है: राहगीर
वहीं, फ्लाईओवर से गुजरने वाले राहगीर स्पीड ब्रेकर बनने के खासे नाराज हैं. कुछ लोगों का मानना है कि इतने हादसों के बाद सरकार को तत्काल इस फ्लाईओवर की सुरक्षा के दृष्टिगत इसकी चौड़ाई और अन्य तकनीकी खामियों में सुधार कर यातायात को सुगम बनाने के लिए जनता को राहत देनी चाहिए, न कि अपनी कमियों को ढकने के लिए ब्रेकर लगाने चाहिए.
पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार का भी मानना है कि इस फ्लाईओवर में तकनीकि खामिया हैं, जिसकी वजह से इतने ज्यादा हादसे हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग की ओर से भी संबंधित लोक निर्माण इंजीनियरों को सुरक्षा के दृष्टिगत फ्लाईओवर की कमियों के बारे में अवगत किया जा चुका है. जल्द ही इस समस्या को दूर करने का काम किया जाएगा.