देहरादून: उत्तराखंड का सहकारिता विभाग (Cooperative Department of Uttarakhand) लंबे समय से घाटे की मार झेल रहा था, लेकिन अब सहकारिता बैंक लगातार मुनाफे में (Co-operative Bank continues to be profitable) जा रहा है. ऐसा विभागीय मंत्री और सचिव का पूरे सहकारिता विभाग पर लगाम लगाने से हुआ है.
ताजा आंकड़ों के अनुसार राज्य के जिला सहकारी बैंक (Cooperative bank) लाभ की स्थिति में है. 31 मार्च 2022 तक राज्य की डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव बैंकों ने 161करोड़ रुपए का सकल लाभ कमाया है. जिला बार डिस्टिक को-ऑपरेटिव बैंक की बात करें तो, देहरादून डीसीबी 1228.34 लाख, कोटद्वार डीसीबी 1300.00 लाख, चमोली डीसीबी 1588.25 लाख, उत्तरकाशी डीसीबी 1292.28 लाख और ऊधमसिंह नगर डीसीबी को 1140.81 लाख का लाभ हुआ है.
वहीं, नैनीताल डीसीबी 625.00 लाख, टिहरी डीसीबी 1475.10 लाख, पिथौरागढ़ डीसीबी 1711.38 लाख और अल्मोड़ा डीसीबी को 1056.16 लाख रुपय का लाभ हुआ है. वहीं इसके अलावा राज्य सहकारी बैंक 4444.63 लाख सहित 11 बैंकों का 16159.46 लाख लाभ है.
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डिपॉजिट कम होने पर मंत्री नाराज: बीते दिनों हुई एक समीक्षा बैठक में सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत (Cooperation Minister Dr. Dhan Singh Rawat) ने सहकारिता बैंकों में कोरोना काल से इस वर्ष डिपॉजिट कम होने पर नाराजगी जताई है. साथ ही डिपॉजिट बढ़ाने के लिए बैंकों अफसरों को व्यक्तिगत प्रयास करने और टारगेट्स पर कार्य करने के निर्देश दिए. बैठक में विभागिय अधिकारियों ने बताया कि सहकारिता के अंतर्गत दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के अंतर्गत अक्टूबर 2017 से 31 मार्च 2022 तक कुल 6,11,192 लाभार्थियों और 3,731 स्वयं सहायता समूह को कुल रुपए 3425.59 करोड़ का ऋण वितरण किया जा चुका है.
सहकारिता विभाग के सचिव डॉ बीवीआरसी पुरुषोत्तम (Cooperation Department Secretary Dr. BVRC Purushottam) विभाग को बारीकी से जानने के लिए गांव और न्याय पंचायत स्तर पर सहकारी समितियों के निरीक्षण करने पहुंच रहे हैं. देहरादून जोगीवाला में मौजूद बहुउद्देशीय अजबपुरकलां किसान सेवा सहकारी समिति (Ajabpur Kalan Farmer Service Cooperative Society) में उन्होंने निरीक्षण कर एक-एक चीज की जानकारी हासिल की.
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जोगीवाला अजबपुरकलां किसान सेवा समिति पहुंचकर विभागीय सचिव ने पाया कि यह समिति अपने आप में राज्य में बड़ी समितियों में से एक है. अजबपुर समिति की स्थापना 1977 में हुई थी. वर्तमान में इस समिति में एक न्याय पंचायत 12 गांव आते हैं. समिति ने खाद बीज का व्यवसाय 1 साल में 8 लाख 92 हजार किया है.
इस समिति का डिपॉजिट बीते वर्ष 63 करोड़ 59 लाख 15 हजार रुपये है. समिति में एक करोड़ 61 रुपए प्रॉफिट कमाया है. सचिव पुरुषोत्तम ने समिति के कर्मचारियों से बैंकिंग प्रक्रिया के बारे में जाना. गौरतलब है कि अजबपुर कलां समिति का 2021 में पूर्णता कंप्यूटराइजेशन हो गया था. सचिव पुरुषोत्तम ने कहा समिति ज्यादा से ज्यादा किसानों को योजनाओं का लाभ दें.