देहरादूनः संयुक्त किसान मोर्चा ने महारानी बाग स्थित उत्तरांचल जल विद्युत निगम में धरना दिया. साथ ही नारेबाजी कर जल विद्युत निगम के खिलाफ अपना आक्रोश व्यक्त किया. निगम से नाराज किसानों ने डाकपत्थर स्थित शक्ति नहर के दोनों तरफ रेलिंग लगाने के साथ ही जालियां लगाने की मांग की. निगम के अधिकारियों के आश्वासन के बाद किसानों ने अपना धरना समाप्त किया.
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इस संबंध में पूर्व में भी धरना दिया गया था, लेकिन निगम प्रबंधन ने कोई कार्रवाई नहीं की. उत्तराखंड भारतीय किसान यूनियन (तोमर) के प्रदेश अध्यक्ष सोमदत्त शर्मा ने कहा कि शक्ति नहर डाकपत्थर से कुल्हाल तक एक नहर न होकर मौत का कुआं बन गई है. उन्होंने बताया कि इस नहर में आए दिन कोई न कोई आत्महत्या या किसी की हत्या कर फेंक दिया जाता है. इस नहर में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति होती रहती है.
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किसान नेता का कहना है कि इसके समाधान के लिए पूर्व में भी कई बार प्रदर्शन किए गए, लेकिन निगम प्रबंधन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. उन्होंने शक्ति नहर के दोनों किनारों पर 15 फीट ऊंची जाली लगाने की मांग उठाई. जिससे हादसों पर भी लगाम लगाई जा सके.
वहीं, भारत संवैधानिक अधिकार संरक्षण मंच के राष्ट्रीय संयोजक दौलत कुंवर का कहना है कि नहर के दोनों ओर सुरक्षा दीवार न होने की वजह से कई लोग नहर में छलांग लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर चुके हैं. ऐसे में डाकपत्थर से लेकर कुल्हाल तक नहर के दोनों ओर सुरक्षा दीवार लगाई जाए, ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न घट सके.
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अपनी मांगों को लेकर किसानों ने संबंधित अधिकारियों से भी मुलाकात की. जिसके बाद निगम के एमडी से आश्वासन मिलने के बाद किसानों के तेवर कुछ नरम पड़े. किसान नेताओं का कहना है कि निगम के अधिकारी गुरुवार को मौके पर आएंगे और नहर में जहां-जहां भी डेंजर जोन होंगे. वहां फेंसिंग लगाने का काम शुरू किया जाएगा.