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असम राइफल्स के पूर्व सैनिकों ने केंद्र सरकार के खिलाफ किया धरना प्रदर्शन

देहरादून के एकता विहार में केंद्र सरकार के खिलाफ असम राइफल्स के पूर्व सैनिकों ने अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया.

पूर्व सैनिकों ने केंद्र सरकार के खिलाफ दिया धरना
पूर्व सैनिकों ने केंद्र सरकार के खिलाफ दिया धरना
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Published : Mar 24, 2021, 6:55 PM IST

Updated : Mar 24, 2021, 8:08 PM IST

देहरादून: असम राइफल्स के पूर्व सैनिकों ने स्थापना दिवस पर अपनी मांगों को लेकर राजधानी देहरादून के एकता विहार में केंद्र सरकार के खिलाफ 3 घंटे का सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया. धरने का नेतृत्व पूर्व कमांडेंट राजेंद्र सिंह नेगी ने किया. पूर्व सैनिकों का कहना है कि उन्होंने असम राइफल्स 1965 से दोहरे नियंत्रीकरण से मुक्ति पाने के लिए यह धरना दिया है.

पूर्व सैनिकों का कहना है कि असम राइफल्स अपने कर्तव्यों का निर्वहन रक्षा मंत्रालय के अधीन कर रही हैं. पूर्व कमांडेंट आर एस नेगी ने कहा कि दोहरे नियंत्रीकरण में कार्यरत सैनिक लगातार राजनीति का शिकार होते चले आए हैं. असम राइफल्स अपने कर्तव्य का निर्वहन रक्षा मंत्रालय के अधीन कर रही है. जबकि असम राइफल्स के सैनिकों को सुविधाएं गृह मंत्रालय के माध्यम से पुलिस बल के समान मिल रही है.

पूर्व सैनिकों ने केंद्र सरकार के खिलाफ दिया धरना

ये भी पढ़ें: कंक्रीटों के जंगल खा गए मैदान, जहां कभी गुलजार होते थे सुबह-शाम

उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाने की नौबत आने के बाद भी सरकार देश के रक्षकों की मांगों को नहीं मान रही है. सीडीएस बिपिन रावत, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तमाम असम राइफल्स के अधिकारियों से बातचीत करने के बावजूद उनकी मांगों का निस्तारण नहीं हो पा रहा है. पूर्व सैनिकों का कहना है कि असम राइफल्स को पूर्ण रूप से भारतीय सेना में समाहित किया जाए.

बता दें कि असम राइफल्स ने आजादी से पूर्व एवं आजादी के बाद देश के लिए कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की है. जिसमें प्रथम विश्व युद्ध, द्वितीय विश्वयुद्ध, 1962 में भारत-चीन युद्ध, 1965 तथा 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध में भाग लेकर अपने अदम्य शौर्य और पराक्रम का प्रदर्शन करते हुए देश और दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई है. ऐसे में पूर्व सैनिकों ने आज धरना प्रदर्शन करते हुए संगठन के पिछले कई वर्षों से चली आ रही असम राइफल्स में दोहरी कमान नीति को समाप्त करने की मांग की है.

असम राइफल्स एक्स सर्विसमैन वेलफेयर एसोसिएशन की मांगे

  1. दोहरी कमान नीति तथा दोहरे नाम को समाप्त करना.
  2. असम राइफल्स के ऊपर सरकार द्वारा थोपे गए बिजनेस रूल 1961 को समाप्त करना, जिसके तहत असम राइफल्स को पुलिस बल की श्रेणी में रखा गया है. जबकि कार्य सेना के अधीन कर रही है.
  3. समान कार्य के लिए समान वेतन और समान पेंशन नीति लागू करना.
  4. असम राइफल्स के सेवानिवृत्त सैनिकों के लिए वन रैंक वन पेंशन लागू करना.

देहरादून: असम राइफल्स के पूर्व सैनिकों ने स्थापना दिवस पर अपनी मांगों को लेकर राजधानी देहरादून के एकता विहार में केंद्र सरकार के खिलाफ 3 घंटे का सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया. धरने का नेतृत्व पूर्व कमांडेंट राजेंद्र सिंह नेगी ने किया. पूर्व सैनिकों का कहना है कि उन्होंने असम राइफल्स 1965 से दोहरे नियंत्रीकरण से मुक्ति पाने के लिए यह धरना दिया है.

पूर्व सैनिकों का कहना है कि असम राइफल्स अपने कर्तव्यों का निर्वहन रक्षा मंत्रालय के अधीन कर रही हैं. पूर्व कमांडेंट आर एस नेगी ने कहा कि दोहरे नियंत्रीकरण में कार्यरत सैनिक लगातार राजनीति का शिकार होते चले आए हैं. असम राइफल्स अपने कर्तव्य का निर्वहन रक्षा मंत्रालय के अधीन कर रही है. जबकि असम राइफल्स के सैनिकों को सुविधाएं गृह मंत्रालय के माध्यम से पुलिस बल के समान मिल रही है.

पूर्व सैनिकों ने केंद्र सरकार के खिलाफ दिया धरना

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उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाने की नौबत आने के बाद भी सरकार देश के रक्षकों की मांगों को नहीं मान रही है. सीडीएस बिपिन रावत, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तमाम असम राइफल्स के अधिकारियों से बातचीत करने के बावजूद उनकी मांगों का निस्तारण नहीं हो पा रहा है. पूर्व सैनिकों का कहना है कि असम राइफल्स को पूर्ण रूप से भारतीय सेना में समाहित किया जाए.

बता दें कि असम राइफल्स ने आजादी से पूर्व एवं आजादी के बाद देश के लिए कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की है. जिसमें प्रथम विश्व युद्ध, द्वितीय विश्वयुद्ध, 1962 में भारत-चीन युद्ध, 1965 तथा 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध में भाग लेकर अपने अदम्य शौर्य और पराक्रम का प्रदर्शन करते हुए देश और दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई है. ऐसे में पूर्व सैनिकों ने आज धरना प्रदर्शन करते हुए संगठन के पिछले कई वर्षों से चली आ रही असम राइफल्स में दोहरी कमान नीति को समाप्त करने की मांग की है.

असम राइफल्स एक्स सर्विसमैन वेलफेयर एसोसिएशन की मांगे

  1. दोहरी कमान नीति तथा दोहरे नाम को समाप्त करना.
  2. असम राइफल्स के ऊपर सरकार द्वारा थोपे गए बिजनेस रूल 1961 को समाप्त करना, जिसके तहत असम राइफल्स को पुलिस बल की श्रेणी में रखा गया है. जबकि कार्य सेना के अधीन कर रही है.
  3. समान कार्य के लिए समान वेतन और समान पेंशन नीति लागू करना.
  4. असम राइफल्स के सेवानिवृत्त सैनिकों के लिए वन रैंक वन पेंशन लागू करना.
Last Updated : Mar 24, 2021, 8:08 PM IST
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