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धरना था किशोर उपाध्याय का, महफिल लूट ले गए हरीश रावत - Kishore Upadhyay demands

वनाधिकार, ओबीसी आरक्षण, मुफ्त बिजली और गैस सिलेंडर देने की मांग को लेकर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर अपाध्याय ने 2 घंटे का उपवास रखा. पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी किशोर की मांगों का समर्थन किया. ये देखना दिलचस्प था कि धरना तो किशोर उपाध्याय ने दिया था. महफिल हरीश रावत लूट ले गए.

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किशोर उपाध्याय का उपवास
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Published : Aug 24, 2021, 4:23 PM IST

Updated : Aug 24, 2021, 8:55 PM IST

देहरादून: कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने विधानसभा भवन के बाहर 2 घंटे का सांकेतिक उपवास रखा. विधानसभा भवन से पहले रिस्पना तिराहे पर भारी पुलिस बल ने बैरिकेडिंग लगाकर किशोर उपाध्याय, सर्वदलीय नेताओं और कार्यकर्ताओं को रोक दिया. वहीं, उपाध्याय के समर्थन में पूर्व सीएम हरीश रावत पहुंचे और हक-हकूकों की मांग की.

किशोर उपाध्याय ने कहा कि उत्तराखंड वासियों के वनाधिकार छीने जा रहे हैं. साथ ही उन्होंने उत्तराखंड के सभी लोगों को ओबीसी आरक्षण की परिधि में लाने की मांग की. किशोर ने कहा कि प्रदेशवासियों को उनके हक-हकूकों को लेकर उन्हें सांकेतिक उपवास रखना पड़ा. ताकि विधानसभा में उनकी बात को सभी विधायक उठा सकें.

उन्होंने कहा कि बिजली और पानी के कारखाने के मालिक होने के बावजूद प्रदेश की जनता आज बड़े बिलों का भुगतान कर रही है. ऐसे में प्रदेश वासियों को बिजली, पानी और गैस सिलेंडर मुफ्त मिलना चाहिए.

किशोर उपाध्याय का उपवास.

ये भी पढ़ें: मॉनसून सत्र: दूसरे दिन विपक्ष का हंगामा, धामी सरकार ने पेश किए ये विधेयक

वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि वह किशोर उपाध्याय को अपना समर्थन देने आए हैं. इनके दो मुद्दे बिजली और गैस सिलेंडर मेरे भविष्य के एजेंडे में सम्मिलित हैं. उन्होंने कहा कि 2016 में कांग्रेस कार्यकाल के दौरान हमने वनाधिकार समितियां बनाने के लिये गांव-गांव जाकर कोशिश की, जिसका कैबिनेट नोट बना था.

हरदा ने कहा कि यह कैबिनेट डिसीजन आज भी राज्य सरकार के पास है, लेकिन सरकार ने उस प्रोसेस को रोक दिया है. क्योंकि ये वनों में हमारे अधिकार को स्वीकार नहीं करते थे. ऐसे में आज सारे उत्तराखंड को इस संघर्ष के लिए आवाज उठानी चाहिए. प्रदर्शन के दौरान वनाधिकार आंदोलन से जुड़े कार्यकर्ताओं और सर्वदलीय नेताओं ने मांग पत्र बैरिकेडिंग पर चस्पा कर दिया. किशोर उपाध्याय ने आरोप लगाया कि सरकार उनकी मांगों को अनसुना कर रही है.

हरीश रावत ने दिया भरोसा: किशोर उपाध्याय की मांगों का समर्थन करने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पहुंचे और उनकी मांगों को जायज ठहराया. इसके बाद हरीश रावत बीएड टीईटी बेरोजगारों के पास पहुंचे और उन्हें संबोधित करते हुए उनकी मांगों का समर्थन किया. लेकिन हरीश रावत भोजन माताओं और बीपीएड प्रशिक्षित बेरोजगारों से नहीं मिल पाए.

इसकी वजह बताते हुए हरीश रावत का कहना है कि आज मुझे कुछ आंदोलनरत लोगों के बीच में जाने का सौभाग्य मिला और बहुत सारे संगठनों से मिला. लेकिन भोजन माताओं और बीपीएड प्रशिक्षित बेरोजगारों से नहीं मिल पाया. क्योंकि मूसलाधार बारिश प्रारंभ हो गई थी. ऐसे में वो क्या कहना चाह रहे थे कुछ सुनाई नहीं दे रहा था. लेकिन मैं उन्हें आश्वस्त करना चाहता हूं कि सत्ता में आते ही भोजन माताओं को एक सम्मानजनक मानदेय की व्यवस्था करेंगे.

इसके बाद उन्होंने बीपीएड प्रशिक्षितों को भी आश्वस्त किया कि कांग्रेस पार्टी के सत्ता में आते ही बीपीएड प्रशिक्षतों के लिए ग्रामीण स्वास्थ्य प्रशिक्षण भी अलग से प्रारंभ करेंगे और उसमें यह भी देखेंगे कि आप को किस तरीके से हम समायोजित कर सकते हैं.

देहरादून: कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने विधानसभा भवन के बाहर 2 घंटे का सांकेतिक उपवास रखा. विधानसभा भवन से पहले रिस्पना तिराहे पर भारी पुलिस बल ने बैरिकेडिंग लगाकर किशोर उपाध्याय, सर्वदलीय नेताओं और कार्यकर्ताओं को रोक दिया. वहीं, उपाध्याय के समर्थन में पूर्व सीएम हरीश रावत पहुंचे और हक-हकूकों की मांग की.

किशोर उपाध्याय ने कहा कि उत्तराखंड वासियों के वनाधिकार छीने जा रहे हैं. साथ ही उन्होंने उत्तराखंड के सभी लोगों को ओबीसी आरक्षण की परिधि में लाने की मांग की. किशोर ने कहा कि प्रदेशवासियों को उनके हक-हकूकों को लेकर उन्हें सांकेतिक उपवास रखना पड़ा. ताकि विधानसभा में उनकी बात को सभी विधायक उठा सकें.

उन्होंने कहा कि बिजली और पानी के कारखाने के मालिक होने के बावजूद प्रदेश की जनता आज बड़े बिलों का भुगतान कर रही है. ऐसे में प्रदेश वासियों को बिजली, पानी और गैस सिलेंडर मुफ्त मिलना चाहिए.

किशोर उपाध्याय का उपवास.

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वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि वह किशोर उपाध्याय को अपना समर्थन देने आए हैं. इनके दो मुद्दे बिजली और गैस सिलेंडर मेरे भविष्य के एजेंडे में सम्मिलित हैं. उन्होंने कहा कि 2016 में कांग्रेस कार्यकाल के दौरान हमने वनाधिकार समितियां बनाने के लिये गांव-गांव जाकर कोशिश की, जिसका कैबिनेट नोट बना था.

हरदा ने कहा कि यह कैबिनेट डिसीजन आज भी राज्य सरकार के पास है, लेकिन सरकार ने उस प्रोसेस को रोक दिया है. क्योंकि ये वनों में हमारे अधिकार को स्वीकार नहीं करते थे. ऐसे में आज सारे उत्तराखंड को इस संघर्ष के लिए आवाज उठानी चाहिए. प्रदर्शन के दौरान वनाधिकार आंदोलन से जुड़े कार्यकर्ताओं और सर्वदलीय नेताओं ने मांग पत्र बैरिकेडिंग पर चस्पा कर दिया. किशोर उपाध्याय ने आरोप लगाया कि सरकार उनकी मांगों को अनसुना कर रही है.

हरीश रावत ने दिया भरोसा: किशोर उपाध्याय की मांगों का समर्थन करने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पहुंचे और उनकी मांगों को जायज ठहराया. इसके बाद हरीश रावत बीएड टीईटी बेरोजगारों के पास पहुंचे और उन्हें संबोधित करते हुए उनकी मांगों का समर्थन किया. लेकिन हरीश रावत भोजन माताओं और बीपीएड प्रशिक्षित बेरोजगारों से नहीं मिल पाए.

इसकी वजह बताते हुए हरीश रावत का कहना है कि आज मुझे कुछ आंदोलनरत लोगों के बीच में जाने का सौभाग्य मिला और बहुत सारे संगठनों से मिला. लेकिन भोजन माताओं और बीपीएड प्रशिक्षित बेरोजगारों से नहीं मिल पाया. क्योंकि मूसलाधार बारिश प्रारंभ हो गई थी. ऐसे में वो क्या कहना चाह रहे थे कुछ सुनाई नहीं दे रहा था. लेकिन मैं उन्हें आश्वस्त करना चाहता हूं कि सत्ता में आते ही भोजन माताओं को एक सम्मानजनक मानदेय की व्यवस्था करेंगे.

इसके बाद उन्होंने बीपीएड प्रशिक्षितों को भी आश्वस्त किया कि कांग्रेस पार्टी के सत्ता में आते ही बीपीएड प्रशिक्षतों के लिए ग्रामीण स्वास्थ्य प्रशिक्षण भी अलग से प्रारंभ करेंगे और उसमें यह भी देखेंगे कि आप को किस तरीके से हम समायोजित कर सकते हैं.

Last Updated : Aug 24, 2021, 8:55 PM IST
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