डोइवाला: ईटीवी भारत की खबर का एक बार फिर बड़ा असर हुआ है. किसानों की फसलों को बचाने के लिए प्रशासन ने सुसुआ नदी पर उपखनिज हटाने का कार्य शुरू कर दिया है. 24 जून को ईटीवी भारत ने 'बरसात से पहले किसानों को सता रहा बाढ़ का खतरा' नाम से खबर चलाई थी. जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया है. वहीं, प्रशासन की नींद तोड़ने वाली खबर के लिए किसानों ने ईटीवी भारत का शुक्रिया अदा किया है.
बता दें कि पिछले साल सुसुआ नदी में बाढ़ कारण झबरावाला, खैरी, दूधली क्षेत्रों में किसानों की सैकड़ों बीघा जमीन जमींदोज हो गई थी. ऐसे में किसानों ने चिंता जाहिर करते हुए प्रशासन से बरसात से पहले नदी में जमा हुए उप खनिज को हटाने की मांग की थी. जिसके बाद किसानों की इस समस्या को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से उठाया था. खबर प्रकाशित होने के बाद स्थानीय प्रशासन हरकत में आया और उनसे सुसुआ नदी में उप खनिज हटाने का काम शुरू कर दिया है.
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किसानों का कहना है कि पिछली बरसात में सुसुआ नदी के पानी ने झबरा वाला, खैरी के सामने किसानों की सैकड़ों बीघा जमीन को नष्ट कर दिया था लेकिन प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा था. लेकिन ईटीवी भारत पर प्रमुखता से खबर दिखाए जाने के बाद प्रशासन ने इस ओर ध्यान दिया और नदी में भारी मात्रा में जमा हुए उप खनिज को हटवाया जा रहा है. जिससे सुसुआ नदी के बाढ़ के पानी से उनके खेतों को नुकसान ना पहुंचे. उन्होंने तहे दिल से ईटीवी भारत का धन्यवाद दिया है.
इस मामले में एसडीएम डोइवाला लक्ष्मी राज चौहान का कहना है कि सुसुआ नदी में बाढ़ के खतरे के नुकसान को देखते हुए 30 जुलाई तक नदी में जमा हुए उप खनिज को हटवाने की अनुमति मिली है. ऐसे में उपखनिज को हटाने का कार्य किया जा रहा है. साथ ही नदी के बहाव को भी डायवर्ट कर दिया है. ताकी बाढ़ का पानी खेतों में फसलों को नुकसान ना पहुंचा पाए. वहीं, यह कार्य खनन विभाग व सिचाईं विभाग की देखरेख में करवाया जा रहा है.