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मुख्य सचिव की अध्यक्षता में पर्यावरण सेल का गठन, अब स्वच्छ जल में डुबकी लगा पाएंगे श्रद्धालु

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Published : Oct 29, 2020, 9:21 PM IST

मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने बताया कि एनजीटी के आदेशों के बाद पर्यावरण सेल का गठन हो चुका है. जिलों में भी पर्यावरण से जुड़ी कमेटियों का गठन किया जाएगा.

हरकी पैड़ी
हरकी पैड़ी

देहरादूनः मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने मीडिया से अनौपचारिक वार्ता में कहा कि एनजीटी द्वारा जारी आदेशों के क्रम में प्रत्येक जनपद में पर्यावरण संरक्षण को लेकर एक कमेटी गठित की जाएगी. साथ ही जिन राज्यों में गंगा होकर बहती है, उन राज्यों में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में पर्यावरण सेल का गठन किया जा चुका है. मुख्य सचिव ने बताया कि गंगोत्री से ऋषिकेश तक का पानी गंगा में पीने योग्य है. वहीं, ऋषिकेश से हरिद्वार के आगे जहां तक राज्य की सीमा है, वहां तक का पानी नहाने योग्य है. उन्होंने कहा कि सरकार प्रयास कर रही है कि हरिद्वार में आयोजित होने होने वाले कुंभ मेले तक पानी और अधिक शुद्ध बना दिया जाए.

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में पर्यावरण सेल का गठन
पढ़ेंः सॉफ्टोनिक वेलफेयर सोसाइटी स्वरोजगार के लिए कर रही युवाओं का कौशल विकास

मुख्य सचिव ने बताया कि राज्य में 32 सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बनाएं जाने हैं. जिनमें से 29 प्लांट बनकर तैयार हो चुके हैं. फंक्शनल भी हो चुके हैं, बाकी बचे 3 में से 2 दिसंबर माह तक और एक मार्च के महीने तक बनकर तैयार हो जाएंगे.

उन्होंने कहा कि गंगा के तटवर्ती शहरों में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए प्रोडक्ट की 35% धनराशि भारत सरकार देती है. 65 फीसदी धनराशि राज्य सरकार वहन करती है. भारत सरकार को 17 प्रोजेक्ट्स भेजे गए थे और उन प्रोजेक्ट की पहली किश्त सरकार द्वारा जारी कर दी गई है. इन प्रोजेक्ट में एक माह के भीतर कार्य शुरू कर दिया जाएगा.

देहरादूनः मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने मीडिया से अनौपचारिक वार्ता में कहा कि एनजीटी द्वारा जारी आदेशों के क्रम में प्रत्येक जनपद में पर्यावरण संरक्षण को लेकर एक कमेटी गठित की जाएगी. साथ ही जिन राज्यों में गंगा होकर बहती है, उन राज्यों में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में पर्यावरण सेल का गठन किया जा चुका है. मुख्य सचिव ने बताया कि गंगोत्री से ऋषिकेश तक का पानी गंगा में पीने योग्य है. वहीं, ऋषिकेश से हरिद्वार के आगे जहां तक राज्य की सीमा है, वहां तक का पानी नहाने योग्य है. उन्होंने कहा कि सरकार प्रयास कर रही है कि हरिद्वार में आयोजित होने होने वाले कुंभ मेले तक पानी और अधिक शुद्ध बना दिया जाए.

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में पर्यावरण सेल का गठन
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मुख्य सचिव ने बताया कि राज्य में 32 सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बनाएं जाने हैं. जिनमें से 29 प्लांट बनकर तैयार हो चुके हैं. फंक्शनल भी हो चुके हैं, बाकी बचे 3 में से 2 दिसंबर माह तक और एक मार्च के महीने तक बनकर तैयार हो जाएंगे.

उन्होंने कहा कि गंगा के तटवर्ती शहरों में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए प्रोडक्ट की 35% धनराशि भारत सरकार देती है. 65 फीसदी धनराशि राज्य सरकार वहन करती है. भारत सरकार को 17 प्रोजेक्ट्स भेजे गए थे और उन प्रोजेक्ट की पहली किश्त सरकार द्वारा जारी कर दी गई है. इन प्रोजेक्ट में एक माह के भीतर कार्य शुरू कर दिया जाएगा.

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