देहरादून: लंबे समय से अपनी मांगों पर अड़े ऊर्जा कर्मियों ने आखिरकार हड़ताल टाल दी है. मंगलवार शाम सचिवालय में सीएम धामी की मध्यस्थता में दो चरणों की बैठकों के बाद ये फैसला लिया गया है. बैठक में कर्मचारियों की एसीपी यानी पदोन्नति की मांग को शासन ने मान लिया है.
लंबे समय से अपनी एसीपी और अन्य तमाम मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे उर्जा कर्मियों ने 7 अक्टूबर को पीएम मोदी के दौरे को देखते हुए ब्लैकआउट की चेतावनी दी थी. जिसके बाद राज्य सरकार के हाथ पांव फूल गए थे. किसी भी तरह से ऊर्जा कर्मियों के मान-मनौव्वल में जुटी सरकार को आखिरकार मंगलवार देर शाम सफलता मिली. ऊर्जा कर्मचारियों ने बातचीत के बाद सरकार ने आंदोलन खत्म करने के लिए मना लिया है.
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कर्मचारी संगठन से मिली जानकारी के अनुसार कर्मचारियों की मांगों को लेकर सबसे पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत और ऊर्जा सचिव सौजन्य सहित कई अधिकारियों की उपस्थिति में कर्मचारियों ने अपनी बात रखी. उसके बाद मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर कार्रवाई की जाएगी, लेकिन इसके बावजूद भी कर्मचारियों द्वारा कार्यवृत्त साझा करने की मांग की गई. उनकी मांगों पर मुख्यमंत्री के आश्वासन की पुष्टि के लिए कर्मचारी अड़े रहे.
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वहीं, दूसरे दौर की वार्ता में मुख्यमंत्री के साथ वार्ता के कार्यवृत्त के साथ ऊर्जा सचिव सौजन्य के साथ कर्मचारियों की वार्ता हुई. जिसमें की स्पष्ट किया गया कि कर्मचारियों की एसीपी यानी पदोन्नति की मांग को शासन द्वारा मान ली जाएगी. जिसके बाद कर्मचारी संगठन ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया है.
इन बातों पर बनी सहमति:
- सीधी भर्ती में नियुक्त कार्मिकों को 31 दिसंबर 2015 तक अनुमन्य वेतनमान अनुमन्य करने की मांग पर वेतन पुनरीक्षण के लिए गठित समिति के पास विचार के लिए प्रस्तुत करने का आश्वासन दिया गया.
- एक जनवरी 2009 से अवर अभियंताओं को ग्रेड वेतन 4600 दिए जाने के लिए प्रस्ताव का परीक्षण शासन में भेजकर शीघ्र निर्णय लेने पर भी सहमति जताई गई.
- संपूर्ण सेवाकाल में एक बार पदोन्नति में शिथिलीकरण का लाभ देने की मांग पर शासन स्तर पर भविष्य में जो भी निर्णय लिया जाएगा, उसके अनुरूप ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.
- ऊर्जा निगमों के एकीकरण की मांग पर परीक्षण किए जाने का आश्वासन दिया गया.
- ऊर्जा के तीनों निगमों में वर्षों से लंबित टेक्निकल ग्रेड-2 से रिक्त अवर अभियंताओं के पदों पर पदोन्नति की मांग पर शासन ने तर्क दिया कि आंशिक रूप से पदोन्नतियां की गई थीं, जिस पर मुख्यमंत्री ने एक माह के भीतर कार्रवाई के निर्देश दिए.
- यूजेवीएनएल में वर्ष 2019-20 के लिए उत्पादन बोनस, पिटकुल में 2018-19 एवं 2019-20 के लिए बोनस और ऊर्जा निगम में 2019-20 के लिए सभी कार्मिकों को लाइन लास कम करने व लक्ष्य से ज्यादा राजस्व वसूली प्राप्त करने पर नियमित रूप से बोनस देने की मांग पर कहा गया कि निगम बोर्ड से सहमति मिल चुकी है, आदेश जारी किए जा रहे हैं.
- 22 दिसंबर 2017 को ऊर्जा निगमों के समस्त कार्मिकों संगठनों-एसोसिएशनों के साथ हुई बैठक के कार्यवृत्त के क्रम में वर्तमान और पूर्व कार्मिकों की सेवा शर्तों में प्रतिकूल परिवर्तन न करते हुए तीनों निगमों में 31 दिसंबर 2016 तक लागू एसीपी की व्यवस्था की मांग पर मुख्यमंत्री ने शीघ्र सकारात्मक निर्णय लेने का विश्वास दिलाया.
- वर्तमान तक नियुक्त सभी कार्मिकों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ की मांग पर पेंशन उपसमिति के समक्ष मामला रखे जाने और कार्रवाई का आश्वासन दिया.
- ऊर्जा के तीनों निगमों में उपनल के माध्यम से कार्यरत संविदा कार्मिकों को नियमित करने और समान कार्य समान वेतन की मांग पर सभी संविदा कार्मिकों को विशेष ऊर्जा भत्ता देने का आश्वासन दिया.
- नवनियुक्त सहायक अभियंताओं, अवर अभियंताओं एवं तकनीकी ग्रेड-द्वितीय को पूर्व की भांति क्रमश: तीन, दो व एक प्रारंभिक वेतन वृद्धियों का लाभ देने की मांग पर उत्तर प्रदेश से सूचना प्राप्त करते हुए अगली कैबिनेट में प्रस्ताव रखने का आश्वासन.
- ऊर्जा के तीनों निगमों में सातवें वेतन आयोग के अनुसार कार्मिकों को अनुमन्य विभिन्न भत्तों का रिवीजन करने की मांग पर निगम के बोर्ड की सहमति बनने और शीघ्र कार्रवाई का दावा किया गया.
- ऊर्जा के तीनों निगमों में निजीकरण न किए जाने पर शासन ने बताया कि निजीकरण का कोई प्रस्ताव अभी विचाराधीन नहीं है.
- उपनल के माध्यम से कार्योजित संविदा कार्मिकों को वर्ष में दो बार महंगाई भत्ता व रात्रि पाली भत्ता देने के आदेश जारी करने का आश्वासन दिया गया है.