देहरादूनः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नवंबर में उत्तराखंड आ सकते हैं. उत्तराखंड में दो बड़ी योजनाओं के उद्घाटन के लिए पीएम मोदी को निमंत्रण भेजा गया है. उम्मीद की जा रही है कि नवंबर अंत या दिसंबर में चुनाव से पहले ऊर्जा को लेकर यह बड़ा काम राज्य में कर दिया जाएगा. प्रदेश की 2 बड़ी परियोजनाओं को लेकर उत्तराखंड सरकार काम में जुटी है. प्रधानमंत्री की मौजूदगी में इन कार्यक्रमों को शुरू करने की कोशिश की जा रही है.
उत्तराखंड में व्यासी जल विद्युत परियोजना का काम करीब पूरा हो चुका है. यह परियोजना 130 मेगावाट की है, जिसका अब उद्घाटन होना बाकी रह गया है. हालांकि, इस परियोजना में अभी 10% काम रुका हुआ है, जिसका कारण यहां मौजूद लोहारी गांव है.
दरअसल इस परियोजना में प्रभावित लोहारी गांव के विस्थापन को लेकर अब तक फाइनल निर्णय नहीं हो पाया है. हालांकि इससे पहले इन परिवारों के भूमि अधिग्रहण का मुआवजा इन्हें दे दिया गया है. लेकिन, इनके घरों के लिए कैबिनेट में जिस रेशम विभाग की भूमि को चिन्हित किया गया था, उस विभाग ने अपनी जमीन देने से मना कर दिया है. इसके बाद इनके भवनों के मुआवजे को लेकर मामला लटका हुआ है.
इसी को लेकर नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने बुधवार को लोहारी गांव के लोगों के साथ ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत से मुलाकात की और इनकी समस्या के समाधान को लेकर बात की. इस मामले पर गांव वासियों को एक करोड़ रुपए प्रति हेक्टेयर रेट तय किए गए थे. जबकि घरों का मुआवजा दोगुना किया गया था. इसके अलावा गांव वालों को 25 स्क्वॉयर मीटर पर सरकार ही घर बना कर देगी.
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उधर, दूसरी तरफ राष्ट्रीय महत्व की लखवाड़ जल परियोजना को भी शुरू करने पर विचार चल रहा है. दो बड़े ऊर्जा के क्षेत्र में कार्य होने जा रहे हैं, जिसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुलावा भेजा गया है, ताकि एक तरफ व्यासी जल विद्युत परियोजना का उद्घाटन कराया जा सके. साथ ही लखवाड़ जल विद्युत परियोजना का शिलान्यास भी कराया जा सके.
कांग्रेस में सभी के लिए दरवाजे खुलेः दूसरी तरफ नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि गांव वालों की समस्या को दूर करने के लिए उन्होंने ऊर्जा मंत्री से बातचीत की है और उम्मीद है कि इस मामले में सरकार कोई सकारात्मक कदम उठाएगी. ताकि लोगों को मुआवजा मिल सके और जमीन के बदले जमीन मिल सके. इस पूरे बातचीत के दौरान हरक सिंह रावत की नाराजगी और नेता प्रतिपक्ष से उनकी मुलाकात राजनीतिक रूप से भी सुर्खियों में रही. हालांकि, इसके बाद नेता प्रतिपक्ष यह भी कह गए कि राजनीति में सब संभव है और कांग्रेस में सभी के लिए दरवाजे खुले हैं.