देहरादून: रोहित शेखर तिवारी... ये नाम जो कुछ दिनों पहले राजनीतिक गलियारों में चर्चा का केंद्र था, आज महज एक याद बनकर रह गया है. जिस रोहित ने दुनिया से लड़कर पिता से अपने बेटे होने के हक को हासिल किया आज उसे उसी के प्यार ने दगा दे दी. ये कहानी है रोहित और अपूर्वा की, जिनकी महज 11 महीने पहले ही शादी हुई थी.
रोहित की अपूर्वा से मुलाकात न जाने कब प्यार में बदल गई, ये खुद उन्हे भी पता न चला. अपूर्वा के साथ चलते-चलते रोहित ने जीने मरने की कमसें खा ली लेकिन शायद इन कसमों में कोई कमी रह गई जो शादी के चंद महीनों बाद ही रोहित इस दुनिया से अलविदा कह गए. रोहित की हत्या का 'कलंक' और किसी पर नहीं बल्कि उसकी पत्नी अपूर्वा पर लगा है.
परिजनों और रिश्तेदारों का कहना है कि अपूर्वा और रोहित की शादी के महज कुछ महीने के अंदर तकरार इस कदर बढ़ी कि दोनों के बीच तलाक तक नौबत आ गई थी. बताया जा रहा है कि दोनों जून में कोर्ट में तलाक की अर्जी डालने वाले थे. लेकिन किसी को क्या मालूम था कि तकरार इस कदर बढ़ जाएगा कि रोहित को अपनी जान गंवानी पड़ेगी.
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रिश्तेदारों का कहना है कि रोहित का रोजाना देर रात घर आना अपूर्वा को खटकता था. अपूर्वा को शक था कि रोहित का किसी के साथ अफेयर चल रहा है, जिसको लेकर दोनों के बीच आए दिन कहा-सुनी हुआ करती थी. अपूर्वा के मन में पलता शक धीरे-धीरे इस कदर बढ़ गया कि जिस दिल में रोहित के लिये प्यार था उसमें कब नफरत ने जगह ले ली ये शायद अपूर्वा को भी पता न लगा.
अपूर्वा की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस के एसीपी राजीव रंजन ने बताया कि रोहित जब कोटद्वार से दिल्ली लौटा था तो उसने अपनी रिश्तेदार महिला के साथ रास्ते में कार में शराब पी थी. ऐसी हालत में घर लौटने पर अपूर्वा ने नौकर से पूछताछ की थी कि रोहित कहां से शराब पीकर लौटे हैं, तो नौकर ने महिला का जिक्र किया. ये बात अपूर्वा को इस कदर नागवार गुजरी कि रोहित से झगड़े में तब्दील हुई बहस आखिरकार उसकी हत्या तक पहुंच गई. गुस्से में अपूर्वा ने रोहित का मुंह और गला दबाकर हत्या कर दी. इसके बाद उसने कमरे से सारे सबूत मिटाए. दिल्ली क्राइम ब्रांच का कहना है कि ये सब करने में अपूर्वा ने कम से कम डेढ़ घंटे का वक्त लिया.
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उत्तराखंड के पूर्व सीएम व रोहित के पिता दिवंगत नारायण दत्त तिवारी की मृत्यु के बाद ऐसा लगा था कि उनका बेटा अब उनकी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाएगा. वो बेटा जिसने अपने पिता के प्यार के बिना अपने जीवन के 35 साल गुजार दिये थे लेकिन ऐसा हो न सका. नीयती को कुछ और ही मंजूर था. गुस्से और शक ने एक और प्यार भरी कहानी का दर्दनाक अंत किया और इसी तरह सात जन्मों के लिए खायी गई कसमें और वादे पल भर में टूट गए.