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UTTARAKHAND ELECTION 2022: चुनावी दंगल में प्रचार-प्रसार में किसने दी किसको मात, देखें आंकड़ें

उत्तराखंड में 8 जनवरी से 12 फरवरी के बीच राजनीतिक दलों के नेताओं ने ताबड़तोड़ चुनावी रैलियां की. इन 35 दिनों के सियासी दंगल में छोटे से बड़े सभी नेताओं ने एड़ी चोटी का जोर लगाया. भाजपा की माने तो इन 35 दिनों के अंदर भाजपा ने उत्तराखंड में वर्चुअल और भौतिक कुल मिलाकर 695 चुनावी रैलियां की. दूसरी तरफ कांग्रेस के 21 स्टार प्रचारकों ने 200 से ज्यादा रैलियां की.

UTTARAKHAND ELECTION
उत्तराखंड चुनाव
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Published : Feb 13, 2022, 10:16 PM IST

Updated : Feb 13, 2022, 10:35 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड में 8 जनवरी को विधानसभा चुनावों की अधिसूचना जारी हुई थी. 12 फरवरी को चुनाव का प्रचार प्रसार थम गया है. अब प्रत्याशियों के परीक्षा की घड़ी है. इन 35 दिनों के सियासी दंगल में सभी सियासी दलों ने वोटरों को रिझाने में एड़ी चोटी का जोर लगाया. इस 35 दिनों के चुनावी सफर में कौन से दल ने कितनी चुनावी सरगर्मियां बढ़ाई और कितनी वर्चुअल और भौतिक रैलियां उत्तराखंड में हुईं ETV भारत की इस खास रिपोर्ट में पढ़िए.

उत्तराखंड में चुनावी बिगुल बजने के बाद देश का ऐसा कोई बड़ा नेता नहीं बचा, जिसने देवभूमि के सियासी मंच से वोटों की फसल काटने की कोशिश न की हो. इन 35 दिनों में देश के प्रधानमंत्री से लेकर गृहमंत्री तक ने देवभूमि के पहाड़ों पर वोट मांगा. विपक्ष की बात करें तो विपक्ष ने भी अपना कोई नेता ऐसा नहीं छोड़ा जिसका इस्तेमाल उत्तराखंड में न किया हो. ऐसे में भाजपा से लेकिन कांग्रेस ने अपनी पूरी जान इन चुनाव में माहौल अपनी तरफ करने की कोशिश में झोंक दी. लेकिन वास्तव में माहौल किसके पक्ष में हुआ, यह 10 मार्च को स्पष्ट हो जाएगा. लेकिन दोनों दलों के चुनावी प्रचार का अगर विश्लेषण करें तो भारतीय जनता पार्टी के आंकड़ें इस प्रकार हैं.

भाजपा के चुनावी प्रचार

  • भाजपा ने उत्तराखंड में वर्चुअल और भौतिक कुल मिलाकर- 695 चुनावी रैलियां की.
  • इनमें से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 148 स्थानों के लिए वर्चुअल और 3 भौतिक रैलियां.
  • केंद्रीय नेताओं की 177 भौतिक रैलियां और प्रदेश के नेताओं की 87 वर्चुअल और 280 भौतिक रैलियां की गईं.

ये भी पढ़ेंः खटीमा से कांग्रेस प्रत्याशी भुवन कापड़ी का कथित वीडियो वायरल, खनन को लेकर हो रही है डील

भाजपा चुनाव प्रबंधन समिति के सह-संयोजक ज्योति प्रसाद गैरोला ने बताया कि प्रदेश में केवल चुनावी रैलियां ही नहीं, बल्कि इसके अलावा 43 ऑडियो ब्रिज जनसभाएं और 70 विधानसभाओं में 109 स्थानों पर चुनाव अभियान की एक साथ शुरुआत की गई. सामाजिक संवाद मोर्चों द्वार 131 सभाएं व प्रदेश में अलग-अलग मोर्चों द्वारा प्लेकार्ड कैंपेन चलाए गए. इसके अलावा कोविड में बदली हुई परिस्थितियों के चलते ऐतिहासिक 81,578 कमरा बैठकें की गई.

वहीं, कोविड की बंदिशों के चलते डोर टू डोर कैंपेन पर ज्यादा फोकस करते हुए इस बार 14,245 डोर टू डोर कैंपेन चलाये गए. जिसमें खुद देश के गृह मंत्री अमित शाह ने भी रुद्रप्रयाग में डोर-टू-डोर कैंपेन में भाग लिया. इसके अलावा 4480 नुक्कड़ सभाएं और 8 हजार से ज्यादा एलईडी प्रचार रथ के जरिए सभाएं की गई.

ये भी पढ़ेंः अमित शाह की टिप्पणी पर बोले हरदा- 'उत्तराखंड के लिए भौकूंगा, ज्यादा गड़बड़ की तो काटूंगा भी'

कांग्रेस के चुनावी प्रचार

  • कांग्रेस ने चुनाव में 30 स्टार प्रचारक उतारे थे, जिनमें से 21 स्टार प्रचारकों ने उत्तराखंड में रैलियां की.
  • 21 स्टार प्रचारकों ने 200 से ज्यादा रैलियां की.
  • हरीश रावत ने 70 विधानसभाओं में वर्चुअल रैलियां की
  • राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की उत्तराखंड में ताबतोड़ रैलियां हुई. पूरे प्रदेश के लोग वर्चुअल जुड़े.
  • वर्चुअल प्रचार में कांग्रेस का दावा, व्यूवरशिप में रही भाजपा से आगे.

कांग्रेस के आईटी सचिव वसी जैदी ने बताया कि उत्तराखंड में कांग्रेस के लिए यह बड़े गर्व का विषय है कि उनके दोनों बड़े नेताओं की उत्तराखंड में रैली के दौरान वर्चुअल जुड़े लोगों का अपार समर्थन देखने को मिला. कांग्रेस के आईटी सचिव वसी जैदी ने बताया कि जहां एक तरफ आखिरी दिन के प्रचार के दौरान भाजपा के दो सबसे टॉप नेता पीएम मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की रैली पर भाजपा के ऑफिशियल पेज पर केवल 1.8K (1800) और 1.2K (1200) लोग सुन और देख रहे थे. वहीं, कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को 42K (42000) और प्रियंका गांधी को 52K (52000) लोग देख रहे थे.

ये भी पढ़ेंः Uttarakhand Election: इस सीट पर पिछले 21 सालों से महिलाओं का वर्चस्व, पुरुषों का नहीं खुल सका खाता

वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता मथुरा दत्त जोशी ने भी कहा कि कांग्रेस पिछले लंबे समय से अपने चुनावी प्रचार प्रसार को युद्धस्तर पर चला रही थी और सभी ने बहुत मेहनत की है. जिसका परिणाम 10 मार्च को कांग्रेस के पक्ष में देखने को मिलेगा.

देहरादूनः उत्तराखंड में 8 जनवरी को विधानसभा चुनावों की अधिसूचना जारी हुई थी. 12 फरवरी को चुनाव का प्रचार प्रसार थम गया है. अब प्रत्याशियों के परीक्षा की घड़ी है. इन 35 दिनों के सियासी दंगल में सभी सियासी दलों ने वोटरों को रिझाने में एड़ी चोटी का जोर लगाया. इस 35 दिनों के चुनावी सफर में कौन से दल ने कितनी चुनावी सरगर्मियां बढ़ाई और कितनी वर्चुअल और भौतिक रैलियां उत्तराखंड में हुईं ETV भारत की इस खास रिपोर्ट में पढ़िए.

उत्तराखंड में चुनावी बिगुल बजने के बाद देश का ऐसा कोई बड़ा नेता नहीं बचा, जिसने देवभूमि के सियासी मंच से वोटों की फसल काटने की कोशिश न की हो. इन 35 दिनों में देश के प्रधानमंत्री से लेकर गृहमंत्री तक ने देवभूमि के पहाड़ों पर वोट मांगा. विपक्ष की बात करें तो विपक्ष ने भी अपना कोई नेता ऐसा नहीं छोड़ा जिसका इस्तेमाल उत्तराखंड में न किया हो. ऐसे में भाजपा से लेकिन कांग्रेस ने अपनी पूरी जान इन चुनाव में माहौल अपनी तरफ करने की कोशिश में झोंक दी. लेकिन वास्तव में माहौल किसके पक्ष में हुआ, यह 10 मार्च को स्पष्ट हो जाएगा. लेकिन दोनों दलों के चुनावी प्रचार का अगर विश्लेषण करें तो भारतीय जनता पार्टी के आंकड़ें इस प्रकार हैं.

भाजपा के चुनावी प्रचार

  • भाजपा ने उत्तराखंड में वर्चुअल और भौतिक कुल मिलाकर- 695 चुनावी रैलियां की.
  • इनमें से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 148 स्थानों के लिए वर्चुअल और 3 भौतिक रैलियां.
  • केंद्रीय नेताओं की 177 भौतिक रैलियां और प्रदेश के नेताओं की 87 वर्चुअल और 280 भौतिक रैलियां की गईं.

ये भी पढ़ेंः खटीमा से कांग्रेस प्रत्याशी भुवन कापड़ी का कथित वीडियो वायरल, खनन को लेकर हो रही है डील

भाजपा चुनाव प्रबंधन समिति के सह-संयोजक ज्योति प्रसाद गैरोला ने बताया कि प्रदेश में केवल चुनावी रैलियां ही नहीं, बल्कि इसके अलावा 43 ऑडियो ब्रिज जनसभाएं और 70 विधानसभाओं में 109 स्थानों पर चुनाव अभियान की एक साथ शुरुआत की गई. सामाजिक संवाद मोर्चों द्वार 131 सभाएं व प्रदेश में अलग-अलग मोर्चों द्वारा प्लेकार्ड कैंपेन चलाए गए. इसके अलावा कोविड में बदली हुई परिस्थितियों के चलते ऐतिहासिक 81,578 कमरा बैठकें की गई.

वहीं, कोविड की बंदिशों के चलते डोर टू डोर कैंपेन पर ज्यादा फोकस करते हुए इस बार 14,245 डोर टू डोर कैंपेन चलाये गए. जिसमें खुद देश के गृह मंत्री अमित शाह ने भी रुद्रप्रयाग में डोर-टू-डोर कैंपेन में भाग लिया. इसके अलावा 4480 नुक्कड़ सभाएं और 8 हजार से ज्यादा एलईडी प्रचार रथ के जरिए सभाएं की गई.

ये भी पढ़ेंः अमित शाह की टिप्पणी पर बोले हरदा- 'उत्तराखंड के लिए भौकूंगा, ज्यादा गड़बड़ की तो काटूंगा भी'

कांग्रेस के चुनावी प्रचार

  • कांग्रेस ने चुनाव में 30 स्टार प्रचारक उतारे थे, जिनमें से 21 स्टार प्रचारकों ने उत्तराखंड में रैलियां की.
  • 21 स्टार प्रचारकों ने 200 से ज्यादा रैलियां की.
  • हरीश रावत ने 70 विधानसभाओं में वर्चुअल रैलियां की
  • राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की उत्तराखंड में ताबतोड़ रैलियां हुई. पूरे प्रदेश के लोग वर्चुअल जुड़े.
  • वर्चुअल प्रचार में कांग्रेस का दावा, व्यूवरशिप में रही भाजपा से आगे.

कांग्रेस के आईटी सचिव वसी जैदी ने बताया कि उत्तराखंड में कांग्रेस के लिए यह बड़े गर्व का विषय है कि उनके दोनों बड़े नेताओं की उत्तराखंड में रैली के दौरान वर्चुअल जुड़े लोगों का अपार समर्थन देखने को मिला. कांग्रेस के आईटी सचिव वसी जैदी ने बताया कि जहां एक तरफ आखिरी दिन के प्रचार के दौरान भाजपा के दो सबसे टॉप नेता पीएम मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की रैली पर भाजपा के ऑफिशियल पेज पर केवल 1.8K (1800) और 1.2K (1200) लोग सुन और देख रहे थे. वहीं, कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को 42K (42000) और प्रियंका गांधी को 52K (52000) लोग देख रहे थे.

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वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता मथुरा दत्त जोशी ने भी कहा कि कांग्रेस पिछले लंबे समय से अपने चुनावी प्रचार प्रसार को युद्धस्तर पर चला रही थी और सभी ने बहुत मेहनत की है. जिसका परिणाम 10 मार्च को कांग्रेस के पक्ष में देखने को मिलेगा.

Last Updated : Feb 13, 2022, 10:35 PM IST
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