देहरादूनः उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के लिए चुनाव आयोग की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. इसी के तहत राजधानी देहरादून में ईवीएम, वीवीपैट और हैंड्स ऑन व कंट्रोल यूनिट मशीनों की ट्रेनिंग शुरू कर दी गई है. राजधानी में 10,500 निर्वाचन कर्मचारियों को बारी-बारी ईवीएम की जानकारियों से अवगत कराया जा रहा है. इतना ही नहीं, ईवीएम किस तरह तकनीकी रूप में काम करेगी और कैसे उनको इस्तेमाल में लाया जाता है, इसके लिए तकनीकी विशेषज्ञ द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
ईवीएम से किसी प्रकार की छेड़छाड़ न हो इसके साथ ही वीवीपैट और हैंड्स ऑन मशीन कैसे काम करेगी, इसके बारे में विस्तृत जानकारी दी जा रही है. वहीं, मतदान पूरा होने के बाद ईवीएम से वोटों की काउंटिंग किस तरह से की जाती है, इस बारे में भी निर्वाचन कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. ताकि चुनाव के समय किसी तरह का व्यवधान सामने न आए.
वहीं, चुनाव के लिए निर्वाचन कर्मचारियों को इस बात की भी जानकारी दी जा रही है कि कौन-कौन सी मशीनें ईवीएम के साथ इस्तेमाल होंगी और कैसे उनको नियंत्रित किया जाएगा. इस बारे में प्रथम चरण प्रोजेक्टर के माध्यम से और प्रैक्टिकली तौर पर प्रशिक्षण शुरू हो चुका है. हालांकि, चुनाव से पहले, दूसरे चरण में भी निर्वाचन ऑब्जर्वर द्वारा एक बार फिर ईवीएम के बारे में तकनीकी रूप से जानकारियों को साझा किया जाएगा. ताकि ईवीएम के इस्तेमाल से जुड़े सवालों का समाधान भी किया जा सके. इस प्रशिक्षण का मकसद यह है कि कौन-कौन सी मशीनें कंट्रोल यूनिट मतदान के समय इस्तेमाल होंगी और उसको किस तरह से बिना छेड़छाड़ के उपयोग में लाना है. इसकी जानकारी चुनाव से पहले महत्वपूर्ण रूप में दी जा रही है.
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वहीं, ईवीएम व कंट्रोल यूनिट जैसी मशीनों के संबंध में जानकारी देते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी डॉक्टर राजेश कुमार ने बताया कि किस विधानसभा सीट में किन-किन मशीनों का आंवटन हुआ है, इसका संबंधित राजनीतिक पार्टियों के सामने प्रदर्शन कर निर्वाचन कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. विधानसभा सीटों में मतदान के लिए उपयोग होने वाली ईवीएम सहित अन्य मशीनों के संबंध में वीडियोग्राफी भी कराई जा चुकी है. ताकि हर कोई इन मशीनों को लेकर कुशल हो जाए.
विधानसभावार EVM होंगी आवंटितः ईवीएम के संबंध में जानकारी देते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी डॉक्टर आर राजेश कुमार ने बताया कि दूसरे राउंड में इस बात की भी जानकारी निर्वाचन कर्मचारी और राजनीतिक पार्टियों को दे दी जाएगी कि कौन-कौन सी ईवीएम उनकी विधानसभा सीट में भेजी जाएंगी. ताकि उनकी पहचान सहित किसी प्रकार की अन्य बातें सामने न सकें.