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इमरजेंसी से गायब हुई महिला पेशेंट पलटन बाजार में मिली, दून अस्पताल बनाएगा डेस्टिट्यूट वॉर्ड

दून अस्पताल में डेस्टिट्यूट वॉर्ड बनाने की कवायद तेज कर दी गई है.

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दून अस्पताल में डेस्टिट्यूट वार्ड बनाने की कवायद तेज
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Published : Jul 15, 2021, 9:23 PM IST

देहरादून: दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय के इमरजेंसी में भर्ती एक बुजुर्ग महिला के गायब होने के बाद यहां एक अलग डेस्टिट्यूट वॉर्ड बनाने की कवायद तेज कर दी गई है. दरअसल, क्लेमेनटाउन में गुरुद्वारे के पास एक 55 वर्षीय बुजुर्ग महिला शर्मीली को 11 तारीख की रात अस्पताल के इमरजेंसी वॉर्ड में एडमिट कराया गया था. चिकित्सकों के मुताबिक उसके हाथ में एक घाव था. जिसके बाद अस्पताल के सर्जन को ऑन कॉल बुलाया गया. उस महिला का उपचार किया गया, लेकिन महिला सुबह अपने बिस्तर पर नहीं मिली.

पढ़ें- CMO जनसंपर्क अधिकारियों की तैनाती का आदेश निरस्त, 24 घंटे में शासन ने बदला फैसला

इसकी सूचना दून पुलिस चौकी को दी गई. दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय की इमरजेंसी के नोडल ऑफिसर डॉ धनंजय अग्रवाल के मुताबिक अस्पताल की इमरजेंसी से लगते तीन दरवाजे एग्जिट के हैं, ऐसे में जिसका लाभ उठाकर महिला कहीं चली गई. परसों रात को विक्षिप्त महिला अस्पताल के स्टाफ को पलटन बाजार में मिली. जिसके बाद महिला को मानसिक रोग चिकित्सालय में एडमिट करा दिया गया. उन्होंने बताया इमरजेंसी में विक्षिप्त या लावारिस मरीजों के ऊपर सर्विलांस रखना अस्पताल के लिए एक बड़ी चुनौती है.

पढ़ें- जल-जंगल-जमीन के लिए जीते थे सुंदरलाल बहुगुणा, पहाड़ों की थी चिंता

इस घटना के बाद दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में एक अलग डेस्टिट्यूट वार्ड बनाने की कवायद तेज हो गई है, ताकि ऐसी घटनाओं की दोबारा पुनरावृत्ति ना हो. इमरजेंसी के नोडल ऑफिसर डॉ धनंजय डोभाल के मुताबिक इस संबंध में दून अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट केसी पंत और मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ आशुतोष सयाना को उनकी ओर से पत्र लिखा गया है. जिसमें दस बेड के डेस्टिट्यूट वार्ड को बनाने का आग्रह किया गया है.

देहरादून: दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय के इमरजेंसी में भर्ती एक बुजुर्ग महिला के गायब होने के बाद यहां एक अलग डेस्टिट्यूट वॉर्ड बनाने की कवायद तेज कर दी गई है. दरअसल, क्लेमेनटाउन में गुरुद्वारे के पास एक 55 वर्षीय बुजुर्ग महिला शर्मीली को 11 तारीख की रात अस्पताल के इमरजेंसी वॉर्ड में एडमिट कराया गया था. चिकित्सकों के मुताबिक उसके हाथ में एक घाव था. जिसके बाद अस्पताल के सर्जन को ऑन कॉल बुलाया गया. उस महिला का उपचार किया गया, लेकिन महिला सुबह अपने बिस्तर पर नहीं मिली.

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इसकी सूचना दून पुलिस चौकी को दी गई. दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय की इमरजेंसी के नोडल ऑफिसर डॉ धनंजय अग्रवाल के मुताबिक अस्पताल की इमरजेंसी से लगते तीन दरवाजे एग्जिट के हैं, ऐसे में जिसका लाभ उठाकर महिला कहीं चली गई. परसों रात को विक्षिप्त महिला अस्पताल के स्टाफ को पलटन बाजार में मिली. जिसके बाद महिला को मानसिक रोग चिकित्सालय में एडमिट करा दिया गया. उन्होंने बताया इमरजेंसी में विक्षिप्त या लावारिस मरीजों के ऊपर सर्विलांस रखना अस्पताल के लिए एक बड़ी चुनौती है.

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इस घटना के बाद दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में एक अलग डेस्टिट्यूट वार्ड बनाने की कवायद तेज हो गई है, ताकि ऐसी घटनाओं की दोबारा पुनरावृत्ति ना हो. इमरजेंसी के नोडल ऑफिसर डॉ धनंजय डोभाल के मुताबिक इस संबंध में दून अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट केसी पंत और मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ आशुतोष सयाना को उनकी ओर से पत्र लिखा गया है. जिसमें दस बेड के डेस्टिट्यूट वार्ड को बनाने का आग्रह किया गया है.

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