देहरादून: महाराजगंज जिले की नौतनवा विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी और उनके 7 समर्थकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. बिजनौर के नजीबाबाद में इंस्पेक्टर ने अमनमणि और उसके साथियों पर लॉकडाउन उल्लंघन और एपीडेमिक एक्ट में एफआईआर दर्ज की गई है. ETV BHARAT ने अमनमणि त्रिपाठी और उनके समर्थकों के साथ बदरीनाथ जाने और स्थानीय प्रशासन के साथ अभद्रता की खबर को प्रमुखता से दिखाया था.
बता दें कि विधायक अमनमणि त्रिपाठी के खिलाफ उत्तराखंड के टिहरी जिले में मुकदमा दर्ज किया गया है. उन पर लॉकडाउन का उल्लंघन करने का आरोप है. खास बात है कि नियमों की अनदेखी सीएम योगी आदित्यनाथ के पिता स्वर्गीय आनंद सिंह बिष्ट के पितृ कार्य के नाम पर की गई थी. हालांकि सीएम योगी के भाई महेंद्र ने किसी भी पितृ कार्य से इनकार किया था.
क्या था मामला
लॉकडाउन के बीच अमनमणि त्रिपाठी तीन कार के काफिले के साथ कर्णप्रयाग के पास गौचर चेकपोस्ट पर पहुंचे. यहां तैनात पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोककर पूछताछ शुरू की. जिस पर विधायक ने उन्हें अनुमति पत्र दिखाया. पत्र उत्तराखंड के अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश और देहरादून के अपर जिलाधिकारी रामजी शरण के हस्ताक्षर से जारी हुआ था. लेकिन पुलिस ने उन्हें आगे जाने की अनुमति नहीं दी. जिसके बाद अमनमणि त्रिपाठी ने पुलिसकर्मियों पर रौब गालिब करने की कोशिश की. साथ ही कर्णप्रयाग के एसडीएम के साथ अभद्रता भी की. विधायक ने बताया कि वे यूपी के सीएम योगी के स्वर्गीय पिता के पितृ कार्य करने बदरीनाथ जा रहे थे.
दो से सात मई तक का यात्रा कार्यक्रम
विधायक को जारी पत्र के अनुसार 2 मई से 7 मई तक यात्रा करने का पास दिया गया था. कार्यक्रम के अनुसार, दो मई को देहरादून से श्रीनगर पहुंचना था, लेकिन वे गौचर पहुंच गए. इसी तरह तीन मई को बदरीनाथ, पांच को केदारनाथ और सात मई को वापस लौटना था.
कौन हैं अमनमणि त्रिपाठी
विधायक अमनमणि पूर्वांचल के बाहुबली नेता अमरमणि त्रिपाठी के बेटे हैं. अमरमणि वर्तमान में जेल में हैं. अमनमणि महाराजगंज जिले की नौतनवा विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक हैं. लखनऊ में आयुष नाम के शख्स की कई बीघा जमीन कब्जाने को लेकर चर्चा में आए निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी का विवादों से पुराना नाता रहा है. उनका और उनके परिवार का पहले भी कई बार बड़े विवादों में नाम आता रहा है.
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अमरमणि से अमनमणि का तक का सफर
मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में पत्नी समेत जेल में बंद पूर्व विधायक अमरमणि त्रिपाठी के बेटे अमनमणि त्रिपाठी भी पत्नी की हत्या के आरोपी हैं और फिलहाल जमानत पर बाहर हैं. अमनमणि ने घरवालों की मर्जी के खिलाफ जाकर सारा ने लवमैरिज की थी. नौ जुलाई 2015 को फिरोजाबाद में हुए एक सड़क हादसे में अमनमणि त्रिपाठी की पत्नी सारा सिंह की मौत हो गई थी. उसी गाड़ी में बैठे सारा के पति अमनमणि त्रिपाठी चमत्कारी तरीके से बच निकलते हैं.
सारा के पिता की मांग पर तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अमनमणि के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिये. ये वही अमनमणि हैं जो सपा के ही टिकट से 2012 में नौतनवा से चुनाव लड़े थे और सिर्फ 4 प्रतिशत के मामूली अंतर से हार गए थे. मधुमिता और सारा सिंह हत्याकांड के आरोपी और सज़ा के चलते यूपी की सियासत में बाहुबली त्रिपाठी परिवार की राजनीतिक हैसियत कुछ कम हुई है.
अमरमणि त्रिपाठी का इतिहास
अमरमणि त्रिपाठी उन नेताओं में से थे जो उस दौर में हर बदलती सत्ता का जरूरी हिस्सा हुआ करते थे. अमरमणि त्रिपाठी एक लंबे समय तक कांग्रेस विधायक हरिशंकर तिवारी के सहयोगी थे और राजनीतिक वारिस थे. गुरु की तर्ज पर अमरमणि भी हमेशा सत्ता के पाले में रहे. सपा, बसपा और भाजपा में जो भी लखनऊ के पंचम तल पर आया अमरमणि उसके खास हो गए.
लगातार 6 बार विधायक रहे हरिशंकर तिवारी की विरासत को आसानी से समझने के लिए जान लीजिए कि वो जेल से चुनाव जीतने वाले पहले नेताओं में से एक थे. भले ही अमरमणि और उनकी पत्नी जेल में हैं, लेकिन उनका पूरा कारोबार उनके बेटे अमनमणि ने संभाल रखा है. अमनमणि को कुछ बड़े नेताओं का भी आशीर्वाद प्राप्त है.