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त्रिवेंद्र को केंद्र में मिल सकती है नई जिम्मेदारी, दुष्यंत ने ETV भारत को दिए संकेत

उत्तराखंड प्रभारी और भारतीय जनता पार्टी के सांसद दुष्यंत गौतम ने एक विशेष बातचीत में दी और कहा कि कल तक उत्तराखंड को नया मुख्यमंत्री भी मिल जाएगा. उन्होंने कहा कि त्रिवेंद्र सिंह रावत एक मंझे हुए राजनेता हैं और ऐसे राजनेताओं की राष्ट्रीय स्तर पर बहुत आवश्यकता है.

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Published : Mar 9, 2021, 7:07 PM IST

Updated : Mar 9, 2021, 10:46 PM IST

दुष्यंत ने ETV भारत से बीतचीत में दिए संकेत
दुष्यंत ने ETV भारत से बीतचीत में दिए संकेत

देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद से त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस्तीफा बेशक दे दिया हो, लेकिन केंद्र की राजनीति में उनके लिए एक विशेष जिम्मेदारी पार्टी ने सोच रखी है. हालांकि, ये जिम्मेदारी क्या होगी? अभी ये साफ नहीं है. ईटीवी भारत को ये एक्सक्लूसिव जानकारी उत्तराखंड प्रभारी और भारतीय जनता पार्टी के सांसद दुष्यंत गौतम ने एक विशेष बातचीत में दी और कहा कि कल तक उत्तराखंड को नया मुख्यमंत्री भी मिल जाएगा.

इस सवाल के जवाब में कि क्या वे मुख्यमंत्री पद के लिए कोई विशेष नाम लेकर जा रहे हैं, दुष्यंत गौतम ने ईटीवी भारत से कहा कि कल विधायक दल की बैठक सुबह बुलाई गयी है और विधायक ही तमाम बातों का निर्णय लेंगे. उन्होंने कहा कि त्रिवेंद्र सिंह रावत एक मंझे हुए राजनेता हैं और ऐसे राजनेताओं की राष्ट्रीय स्तर पर बहुत आवश्यकता है. राजनीति में आरोप लगते रहते हैं, लेकिन त्रिवेंद्र सिंह रावत एक ऐसे नेता हैं, जिन पर आज तक कोई आरोप नहीं लगा.

त्रिवेंद्र को केंद्र में मिल सकती है नई जिम्मेदारी.

ये पूछने पर कि फिर ऐसा क्या हुआ कि उन्हें चार साल पूरा करने से पहले ही हटा दिया गया, दुष्यंत गौतम ने कहा कि उन्हें कोई और भूमिका दी जाएगी. संभव है कि केंद्र की राजनीति में भी वे अपनी पारी की शुरुआत करें. गौतम का मानना है पार्टी में विधायकों की नाराजगी या सहमति का स्तर ऊपर-नीचे होता रहता है, लेकिन रावत के कार्यकाल में उत्तराखंड में केंद्र की जन कल्याण की बहुत सारी योजनाएं भी लाई गईं, जो अपने आप में सराहनीय है.

ये भी पढ़ें: 'डेढ़ लाइन' के इस्तीफे पर खत्म हुआ त्रिवेंद्र का 'चार साल' का कार्यकाल

उत्तराखंड में अब तक सिर्फ नारायण दत्त तिवारी ने ही बतौर मुख्यमंत्री अपने पांच साल पूरे किए हैं. रावत का मुख्यमंत्री काल खत्म होने में करीब एक साल बचा हुआ था. माना जा रहा था कि लंबे अर्से के बाद राज्य का कोई मुख्यमंत्री अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा कर पाएगा, लेकिन चुनाव से ठीक एक साल पहले उत्तराखंड में कप्तान का चेहरा बदले जाने पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. ऐसा माना जा रहा है कि बीजेपी के विधायक मुख्यमंत्री के कामकाज के तरीके से खुश नहीं थे. जाहिर है पार्टी ये नहीं चाहती कि अगले चुनाव से ठीक साल भर पहले विधायकों की नाराजगी मोल ली जाए और पार्टी सत्ता में आने से पहले ही बिखर जाए.

कल उत्तराखंड में विधायक दल की बैठक है और राज्य का नया मुख्यमंत्री चुना जाना है. राज्य के बीजेपी प्रभारी दुष्यंत गौतम दिल्ली में पार्टी आलाकमान से जरूरी निर्देश लेकर उत्तराखंड के लिए निकल गए हैं.

देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद से त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस्तीफा बेशक दे दिया हो, लेकिन केंद्र की राजनीति में उनके लिए एक विशेष जिम्मेदारी पार्टी ने सोच रखी है. हालांकि, ये जिम्मेदारी क्या होगी? अभी ये साफ नहीं है. ईटीवी भारत को ये एक्सक्लूसिव जानकारी उत्तराखंड प्रभारी और भारतीय जनता पार्टी के सांसद दुष्यंत गौतम ने एक विशेष बातचीत में दी और कहा कि कल तक उत्तराखंड को नया मुख्यमंत्री भी मिल जाएगा.

इस सवाल के जवाब में कि क्या वे मुख्यमंत्री पद के लिए कोई विशेष नाम लेकर जा रहे हैं, दुष्यंत गौतम ने ईटीवी भारत से कहा कि कल विधायक दल की बैठक सुबह बुलाई गयी है और विधायक ही तमाम बातों का निर्णय लेंगे. उन्होंने कहा कि त्रिवेंद्र सिंह रावत एक मंझे हुए राजनेता हैं और ऐसे राजनेताओं की राष्ट्रीय स्तर पर बहुत आवश्यकता है. राजनीति में आरोप लगते रहते हैं, लेकिन त्रिवेंद्र सिंह रावत एक ऐसे नेता हैं, जिन पर आज तक कोई आरोप नहीं लगा.

त्रिवेंद्र को केंद्र में मिल सकती है नई जिम्मेदारी.

ये पूछने पर कि फिर ऐसा क्या हुआ कि उन्हें चार साल पूरा करने से पहले ही हटा दिया गया, दुष्यंत गौतम ने कहा कि उन्हें कोई और भूमिका दी जाएगी. संभव है कि केंद्र की राजनीति में भी वे अपनी पारी की शुरुआत करें. गौतम का मानना है पार्टी में विधायकों की नाराजगी या सहमति का स्तर ऊपर-नीचे होता रहता है, लेकिन रावत के कार्यकाल में उत्तराखंड में केंद्र की जन कल्याण की बहुत सारी योजनाएं भी लाई गईं, जो अपने आप में सराहनीय है.

ये भी पढ़ें: 'डेढ़ लाइन' के इस्तीफे पर खत्म हुआ त्रिवेंद्र का 'चार साल' का कार्यकाल

उत्तराखंड में अब तक सिर्फ नारायण दत्त तिवारी ने ही बतौर मुख्यमंत्री अपने पांच साल पूरे किए हैं. रावत का मुख्यमंत्री काल खत्म होने में करीब एक साल बचा हुआ था. माना जा रहा था कि लंबे अर्से के बाद राज्य का कोई मुख्यमंत्री अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा कर पाएगा, लेकिन चुनाव से ठीक एक साल पहले उत्तराखंड में कप्तान का चेहरा बदले जाने पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. ऐसा माना जा रहा है कि बीजेपी के विधायक मुख्यमंत्री के कामकाज के तरीके से खुश नहीं थे. जाहिर है पार्टी ये नहीं चाहती कि अगले चुनाव से ठीक साल भर पहले विधायकों की नाराजगी मोल ली जाए और पार्टी सत्ता में आने से पहले ही बिखर जाए.

कल उत्तराखंड में विधायक दल की बैठक है और राज्य का नया मुख्यमंत्री चुना जाना है. राज्य के बीजेपी प्रभारी दुष्यंत गौतम दिल्ली में पार्टी आलाकमान से जरूरी निर्देश लेकर उत्तराखंड के लिए निकल गए हैं.

Last Updated : Mar 9, 2021, 10:46 PM IST
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