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कैंपटी-थत्यूड़ मोटर मार्ग पर निर्माण कार्य से पेयजल लाइनें क्षतिग्रस्त, लोगों को हो रही किल्लत

मसूरी एजेंसी पंपिंग स्टेशन को पेयजल उपलब्ध कराए जाने वाली पेयजल लाइनें कैंपटी-थत्यूड़ मोटर मार्ग के निर्माण के कारण आए बोल्डर और पत्थर से क्षतिग्रस्त हो गई हैं. जिससे मसूरी में पेयजल की समस्या उत्पन्न हो गई है.

Drinking water lines damaged
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Published : Jul 21, 2021, 7:47 AM IST

Updated : Jul 21, 2021, 8:39 AM IST

मसूरी: कैंपटी-थत्यूड़ मोटर मार्ग (Kempty-thatyur motorway) निर्माण के कारण आए पत्थर और बोल्डर की वजह से एजेंसी पंपिंग स्टेशन (Mussoorie Jinsi Pumping Station) को पेयजल उपलब्ध कराए जाने वाली पेयजल लाइनें क्षतिग्रस्त हो गई. जिससे मसूरी में पेयजल की समस्या उत्पन्न हो गई है.

मसूरी गढ़वाल जल संस्थान (Garhwal Jal sansthan office Mussoorie) की ओर से वैकल्पिक व्यवस्था कर मसूरी के 30 प्रतिशत आबादी को पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है.

बता दें कि, मसूरी एजेंसी पंपिंग स्टेशन से कई क्षेत्रों में पेयजल की आपूर्ति की जाती है. लेकिन सोमवार को देर रात को सड़क निर्माण के कारण पाइप लाइन पर बड़े बोल्डर और पत्थर गिरने से पेयजल की मुख्य 3 लाइनें क्षतिग्रस्त हो गई. जिसमें से गढ़वाल जल संस्थान के अधिकारियों द्वारा मंगलवार की देर शाम तक दो लाइनों की मरम्मत की गई. जबकि, एक लाइन अभी भी क्षतिग्रस्त है.

कैंपटी-थत्यूड़ मोटर मार्ग के निर्माण को लेकर पहाड़ को काटा जा रहा है. जिससे मसूरी में पेयजल की आपूर्ति करने वाले सात प्राकृतिक जल स्रोतों को खतरा उत्पन्न हो गया है. यह माना जा रहा है कि अगर सड़क का निर्माण होता है तो आने वाले भविष्य में यह प्राकृतिक स्रोत सूख जाएंगे. जिससे मसूरी के 30 प्रतिशत आबादी को पेयजल का संकट उत्पन्न होगा.

वहीं, इसको लेकर पूर्व में ग्रामीणों और प्राकृतिक प्रेमियों द्वारा मांग की गई थी कि कैंपटी-थत्यूड़ मोटर मार्ग के एलाइनमेंट को बदल दिया जाए. जिससे कि मसूरी को पेयजल आपूर्ति करने वाले सात प्राकृतिक जल स्रोतों को बचाया जा सके. जिसको लेकर जिलाधिकारी टिहरी द्वारा टीम गठित की गई है. जिसमें नायब तहसीलदार, पीडब्ल्यूडी के अधिकारी और डिप्टी डायरेक्टर सीनियर जियोलॉजिस्ट टिहरी द्वारा संयुक्त निरीक्षण कर रहे हैं.

जिसमें जियोलॉजिस्ट (Geologist) का कहना है कि अगर इसी तरीके से पहाड़ काटकर सड़क का निर्माण किया गया तो प्राकृतिक जल स्रोतों को खतरा उत्पन्न हो सकता है. मसूरी गढ़वाल जल संस्थान के सहायक अभियंता त्रिपेन सिंह रावत ने बताया कि विभाग द्वारा पूर्व में जिंसी पंपिंग स्टेशन को पेयजल आपूर्ति कराने वाले जिंसी के सात जल स्रोतों को कैंपटी-थत्यूड़ मोटर मार्ग के निर्माण के लिए काटे जा रहे पहाड़ के कारण जल स्रोतों को खतरा होने की संभावना जताते हुए सड़क निर्माण के एलाइनमेंट को बदलने की मांग की गई थी.

पढ़ें: वन दारोगा भर्ती परीक्षा के बीच ऑडियो वायरल, 12 लाख में पास कराने की जिम्मेदारी!

उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी टिहरी द्वारा प्राकृतिक जल स्रोतों को बचाए जाने को लेकर संबधित विभाग के अधिकारियों का स्थलीय निरीक्षण कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं. जिसके बाद अधिकारियों द्वारा लगातार निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार की जा रही है. जिसको जल्द जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी.

मसूरी: कैंपटी-थत्यूड़ मोटर मार्ग (Kempty-thatyur motorway) निर्माण के कारण आए पत्थर और बोल्डर की वजह से एजेंसी पंपिंग स्टेशन (Mussoorie Jinsi Pumping Station) को पेयजल उपलब्ध कराए जाने वाली पेयजल लाइनें क्षतिग्रस्त हो गई. जिससे मसूरी में पेयजल की समस्या उत्पन्न हो गई है.

मसूरी गढ़वाल जल संस्थान (Garhwal Jal sansthan office Mussoorie) की ओर से वैकल्पिक व्यवस्था कर मसूरी के 30 प्रतिशत आबादी को पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है.

बता दें कि, मसूरी एजेंसी पंपिंग स्टेशन से कई क्षेत्रों में पेयजल की आपूर्ति की जाती है. लेकिन सोमवार को देर रात को सड़क निर्माण के कारण पाइप लाइन पर बड़े बोल्डर और पत्थर गिरने से पेयजल की मुख्य 3 लाइनें क्षतिग्रस्त हो गई. जिसमें से गढ़वाल जल संस्थान के अधिकारियों द्वारा मंगलवार की देर शाम तक दो लाइनों की मरम्मत की गई. जबकि, एक लाइन अभी भी क्षतिग्रस्त है.

कैंपटी-थत्यूड़ मोटर मार्ग के निर्माण को लेकर पहाड़ को काटा जा रहा है. जिससे मसूरी में पेयजल की आपूर्ति करने वाले सात प्राकृतिक जल स्रोतों को खतरा उत्पन्न हो गया है. यह माना जा रहा है कि अगर सड़क का निर्माण होता है तो आने वाले भविष्य में यह प्राकृतिक स्रोत सूख जाएंगे. जिससे मसूरी के 30 प्रतिशत आबादी को पेयजल का संकट उत्पन्न होगा.

वहीं, इसको लेकर पूर्व में ग्रामीणों और प्राकृतिक प्रेमियों द्वारा मांग की गई थी कि कैंपटी-थत्यूड़ मोटर मार्ग के एलाइनमेंट को बदल दिया जाए. जिससे कि मसूरी को पेयजल आपूर्ति करने वाले सात प्राकृतिक जल स्रोतों को बचाया जा सके. जिसको लेकर जिलाधिकारी टिहरी द्वारा टीम गठित की गई है. जिसमें नायब तहसीलदार, पीडब्ल्यूडी के अधिकारी और डिप्टी डायरेक्टर सीनियर जियोलॉजिस्ट टिहरी द्वारा संयुक्त निरीक्षण कर रहे हैं.

जिसमें जियोलॉजिस्ट (Geologist) का कहना है कि अगर इसी तरीके से पहाड़ काटकर सड़क का निर्माण किया गया तो प्राकृतिक जल स्रोतों को खतरा उत्पन्न हो सकता है. मसूरी गढ़वाल जल संस्थान के सहायक अभियंता त्रिपेन सिंह रावत ने बताया कि विभाग द्वारा पूर्व में जिंसी पंपिंग स्टेशन को पेयजल आपूर्ति कराने वाले जिंसी के सात जल स्रोतों को कैंपटी-थत्यूड़ मोटर मार्ग के निर्माण के लिए काटे जा रहे पहाड़ के कारण जल स्रोतों को खतरा होने की संभावना जताते हुए सड़क निर्माण के एलाइनमेंट को बदलने की मांग की गई थी.

पढ़ें: वन दारोगा भर्ती परीक्षा के बीच ऑडियो वायरल, 12 लाख में पास कराने की जिम्मेदारी!

उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी टिहरी द्वारा प्राकृतिक जल स्रोतों को बचाए जाने को लेकर संबधित विभाग के अधिकारियों का स्थलीय निरीक्षण कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं. जिसके बाद अधिकारियों द्वारा लगातार निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार की जा रही है. जिसको जल्द जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी.

Last Updated : Jul 21, 2021, 8:39 AM IST
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