देहरादून: पद्म सम्मान से सम्मानित होने वाले योगी एरोन रविवार को देहरादून के गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में मौजूद रहे. 82 साल के प्लास्टिक सर्जन डॉ. योगी एरोन ऐसे लोगों के लिए देवदूत हैं, जो किसी दुर्घटना में अपनी बिगड़ी त्वचा का इलाज नहीं करा पाते हैं. वह अब तक 5 हजार से अधिक निशुल्क प्लास्टिक सर्जरी कर चुके हैं. उन्हीं के सेवाभाव का नतीजा है कि साल 2020 के पद्म पुरस्कारों की सूची में डॉ. एरोन का भी नाम शामिल है.
'मुश्किल जरूर है, मगर ठहरा नहीं हूं मैं, मंजिल से कह दो कि अभी पहुंचा नहीं हूं मैं..' देहरादून के बुजुर्ग चिकित्सक डॉ. योगी एरोन इन्हीं पंक्तियों को चरितार्थ करते आगे बढ़ रहे हैं. किसी न किसी दुर्घटना के चलते त्वचा में विकृति आ जाने पर तमाम लोग आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण प्लास्टिक सर्जरी नहीं करा पाते हैं. ऐसे लोगों के लिए डॉ. योगी एक आशा हैं.
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वहीं देहरादून में गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम के दौरान योगी एरोन ने सम्मान मिलने के बाद खुद में डर बढ़ने की बात कही. योगी ने कहा कि उन्हें अब अपना काम और भी संभलकर करना होगा. अमेरिका में प्लास्टिक सर्जन रह चुके डॉ. योगी में पिछले 14 साल से मानवता की सेवा करने में जुटे हुए हैं. उनका कहना है कि जलने या जानवर के हमले से घायल होने के चलते शारीरिक विकृति से जूझ रहे लोगों को दोबारा वही काया पाकर न सिर्फ नया जीवन, बल्कि सामान्य जीवन जीने का एक हौसला भी मिलता है.
डॉ. योगी के पास ऐसा हुनर होने के बावजूद उन्होंने अपना जीवन गरीबों की सेवा में समर्पित कर रखा है. डॉ. योगी कहते हैं कि इस उम्र में उन्हें धन-दौलत की नहीं, बल्कि आत्मिक शांति और सुकून की जरुरत है. लोगों की मुस्कान और दुआ के रूप में यह शांति भरपूर मिल रही है. उनका कहना है कि वह अब तक जो भी कर रहे हैं, अब उससे भी बेहतर करना चाहते हैं.