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Corona Third Wave: दून मेडिकल कॉलेज की तैयारियां पूरी, अलर्ट पर चिकित्सक - corona in uttarakhand

उत्तराखंड में अब कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का असर कम होने के बाद अब तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है. जिसको लेकर दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय के बाल रोग विभाग ने अपनी ओर से समुचित तैयारियां की गई है.

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Published : Jul 9, 2021, 8:11 AM IST

Updated : Jul 9, 2021, 10:30 AM IST

देहरादून: प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का असर कम होने के बाद अब तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है. जिसको लेकर अभी से सतर्कता बरतने की सलाह दी जा रही है. बच्चों में तीसरी लहर के असर की संभावनाओं को देखते हुए दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय के बाल रोग विभाग ने अपनी ओर से समुचित तैयारियां की गई है. ताकि बच्चों का बेहतर इलाज किया जा सके.

विशेषज्ञ चिकित्सकों ने तीसरी लहर में सबसे ज्यादा बच्चों के प्रभावित होने की आशंकाओं से इनकार करते हुए कहा कि यह सब अनुमान है कि बच्चों में तीसरी लहर का असर देखने को मिलेगा.

दून मेडिकल कॉलेज की तैयारियां पूरी.

देहरादून के जाने-माने फिजिशियन डॉक्टर केपी जोशी का कहना है कि यह सब अनुमान है कि तीसरी लहर बच्चों या फिर बुजुर्गों को अपनी चपेट में लेगी. उन्होंने कहा कि लोगों को इससे बचने के लिए यूनिवर्सल बचाव के साधन अपनाने होंगे. उन्होंन मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और वैक्सीनेशन को ही तीसरी लहर से बचने का तरीका बताया है.

इसके अलावा ऑटोमेटिक एंटीबॉडी बनने से भी दूसरी लहर में कई लोग संक्रमित होने से बचे. उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि 10 में से 2 लोग ही इन्फेक्टेड हुए, जबकि 8 लोगों को कोरोना संक्रमण नहीं हुआ. उन्होंने तीसरी लहर के बचाव को लेकर जागरूकता पर बल दिया है.

पढ़ें:औचक निरीक्षण में 'भटके' स्वास्थ्य मंत्री, खस्ताहाल कैंटीन का रास्ता भूले

उन्होंने बताया कि तीसरी लहर की संभावनाओं को देखते हुए दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय ने अपनी ओर से समुचित तैयारियां की है.

दून अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉक्टर (superintendent doctor) केसी पंत का कहना है कि तीसरी लहर में यह संभावना व्यक्त की जा रही है कि यह लहर बच्चों को ज्यादा प्रभावित करेगी. जिसको देखते हुए अस्पताल में बच्चों के वार्ड को वेल इक्विप्ड किया है. इसके साथ ही बाल रोग विशेषज्ञों की संस्तुति पर बच्चों की दवाओं के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं. सभी चिकित्सकों को अंडर गाइडलाइन ऑफ पीडियाट्रिशियन (Under Guideline of Pediatricians) के तहत स्पेशल कोर्स करवाए जा चुके हैं, जो प्रोटोकॉल के मुताबिक हैं, ताकि बच्चों को आपातकाल में समुचित इलाज दिया जा सके.

पढ़ें:'कोरोना आया तो डंडे से मारेंगे'... तोतली जुबान में सुनें प्यारी बेबी टॉक

दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय के बाल रोग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अशोक ने तीसरी लहर की तैयारियों को लेकर कहा कि अस्पताल में तीन बाल रोग विशेषज्ञों ने ज्वाइनिंग दी है. इसके अलावा अस्पताल में पहले 8 पीआईसीयू बेड उपलब्ध थे लेकिन अब 32 वेंटीलेटर युक्त बेड बढ़ाए गए हैं. उसी तरह एक माह तक के शिशुओं के लिए एनआईसीयू बेड का विस्तार करते हुए 22 बेड की जगह 32 बेड किए गए हैं. उसी प्रकार दून अस्पताल में पहले 40 ऑक्सीजन युक्त बेड उपलब्ध थे लेकिन अब 70 बेड का विस्तार किया गया है.

देहरादून: प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का असर कम होने के बाद अब तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है. जिसको लेकर अभी से सतर्कता बरतने की सलाह दी जा रही है. बच्चों में तीसरी लहर के असर की संभावनाओं को देखते हुए दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय के बाल रोग विभाग ने अपनी ओर से समुचित तैयारियां की गई है. ताकि बच्चों का बेहतर इलाज किया जा सके.

विशेषज्ञ चिकित्सकों ने तीसरी लहर में सबसे ज्यादा बच्चों के प्रभावित होने की आशंकाओं से इनकार करते हुए कहा कि यह सब अनुमान है कि बच्चों में तीसरी लहर का असर देखने को मिलेगा.

दून मेडिकल कॉलेज की तैयारियां पूरी.

देहरादून के जाने-माने फिजिशियन डॉक्टर केपी जोशी का कहना है कि यह सब अनुमान है कि तीसरी लहर बच्चों या फिर बुजुर्गों को अपनी चपेट में लेगी. उन्होंने कहा कि लोगों को इससे बचने के लिए यूनिवर्सल बचाव के साधन अपनाने होंगे. उन्होंन मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और वैक्सीनेशन को ही तीसरी लहर से बचने का तरीका बताया है.

इसके अलावा ऑटोमेटिक एंटीबॉडी बनने से भी दूसरी लहर में कई लोग संक्रमित होने से बचे. उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि 10 में से 2 लोग ही इन्फेक्टेड हुए, जबकि 8 लोगों को कोरोना संक्रमण नहीं हुआ. उन्होंने तीसरी लहर के बचाव को लेकर जागरूकता पर बल दिया है.

पढ़ें:औचक निरीक्षण में 'भटके' स्वास्थ्य मंत्री, खस्ताहाल कैंटीन का रास्ता भूले

उन्होंने बताया कि तीसरी लहर की संभावनाओं को देखते हुए दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय ने अपनी ओर से समुचित तैयारियां की है.

दून अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉक्टर (superintendent doctor) केसी पंत का कहना है कि तीसरी लहर में यह संभावना व्यक्त की जा रही है कि यह लहर बच्चों को ज्यादा प्रभावित करेगी. जिसको देखते हुए अस्पताल में बच्चों के वार्ड को वेल इक्विप्ड किया है. इसके साथ ही बाल रोग विशेषज्ञों की संस्तुति पर बच्चों की दवाओं के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं. सभी चिकित्सकों को अंडर गाइडलाइन ऑफ पीडियाट्रिशियन (Under Guideline of Pediatricians) के तहत स्पेशल कोर्स करवाए जा चुके हैं, जो प्रोटोकॉल के मुताबिक हैं, ताकि बच्चों को आपातकाल में समुचित इलाज दिया जा सके.

पढ़ें:'कोरोना आया तो डंडे से मारेंगे'... तोतली जुबान में सुनें प्यारी बेबी टॉक

दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय के बाल रोग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अशोक ने तीसरी लहर की तैयारियों को लेकर कहा कि अस्पताल में तीन बाल रोग विशेषज्ञों ने ज्वाइनिंग दी है. इसके अलावा अस्पताल में पहले 8 पीआईसीयू बेड उपलब्ध थे लेकिन अब 32 वेंटीलेटर युक्त बेड बढ़ाए गए हैं. उसी तरह एक माह तक के शिशुओं के लिए एनआईसीयू बेड का विस्तार करते हुए 22 बेड की जगह 32 बेड किए गए हैं. उसी प्रकार दून अस्पताल में पहले 40 ऑक्सीजन युक्त बेड उपलब्ध थे लेकिन अब 70 बेड का विस्तार किया गया है.

Last Updated : Jul 9, 2021, 10:30 AM IST
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