देहरादून: उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के आदेश को विभागीय मंत्री ने रद्द करने के निर्देश दिए हैं. बता दें, आयुर्वेद विश्वविद्यालय ने 20 डॉक्टर्स की संबद्धता को आयुर्वेदिक कॉलेजों से समाप्त किए जाने के लिखित आदेश जारी किए थे.
उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के स्तर पर जारी किए गए आदेश को आयुष मंत्री हरक सिंह रावत ने रद्द कर दिया है. आयुष मंत्री हरक सिंह रावत ने इसके पीछे विश्वविद्यालय के आदेश को ही गलत ठहराया है. बता दें, विश्वविद्यालय ने राजकीय कॉलेजों से चिकित्सकों की संबद्धता को खत्म करने का निर्णय लिया था, लेकिन आयुष मंत्री ने यह कहते हुए इन आदेशों को रद्द करवा दिया कि विश्वविद्यालय द्वारा जिन 20 चिकित्सकों को स्नातक लिखकर उनकी सम्बद्धता खत्म की है, उनमें से 14 चिकित्सक पोस्ट ग्रेजुएट है.
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हरक सिंह रावत ने कहा कि इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री से भी बात की थी और उनकी सहमति के बाद इस आदेश को फिलहाल रोक दिया गया है. विभागीय मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि कॉलेजों की मान्यता के लिए भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद की टीम हर साल कॉलेजों का दौरा करती है. जिसके बाद बीआईएमएस की मान्यता कॉलेजों को मिल पाती है. ऐसे में राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेजों के मानकों के अनुसार चिकित्सकों की पर्याप्त संख्या होना बेहद जरूरी है और संबद्धता खत्म करने से पहले इसको भी देखा जाएगा.