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दून हॉस्पिटल के डॉक्टर शशांक ने पेश की मिसाल, मरीज को पहले दिया खून, फिर किया ऑपरेशन - देहरादून लेटेस्ट न्यूज

दून मेडिकल कॉलेज के एक डॉक्टर ने आखिरी समय पर देवदूत बनकर न सिर्फ गंभीर रूप से घायल हुए मरीज का ऑपरेशन किया, बल्कि जान बचाने के लिए ऑपरेशन से पहले मरीज को ब्लड भी डोनेट किया. मरीज के परिजन खून का इंतजाम नहीं कर पा रहे थे. ऐसे हालत में डॉक्टर शशांक सीमा से अधिक जाकर मरीज की मदद की.

Doon Hospital
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Published : Nov 24, 2022, 5:35 PM IST

Updated : Nov 25, 2022, 2:12 PM IST

देहरादून: सूबे के सबसे बड़े सरकारी दून मेडिकल कॉलेज में एक डॉक्टर ने मिसाल पेश की है. दून अस्पताल के ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉक्टर शशांक ने पहले मरीज को ब्लड डोनेट किया और फिर ऑपरेशन कर उसकी जान भी बचाई. डॉक्टर शशांक के इस प्रयास की हर कोई सराहना कर रहा है.

अस्पताल के डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट प्रशासन डॉक्टर एनएस खत्री के मुताबिक, देहरादून के रहने वाले अवधेश गहरे गड्ढे में गिर गया था, जिससे उसकी गंभीर चोटें आई थी. जांच में उसके सीने, बाएं हाथ और जांघ की हड्डी फ्रैक्चर हो गई थी. इसके बाद चिकित्सकों ने मरीज का ऑपरेशन करने का निर्णय लिया, लेकिन खून की कमी के कारण ऑपरेशन नहीं हो पाया.
पढ़ें- MRI के लिए नहीं कटाने होगे प्राइवेट अस्पतालों के चक्कर, दून हॉस्पिटल में होगी ये तीन जांच

डॉक्टर एनएस खत्री ने बताया कि दून ब्लक बैंक में मरीजों की ग्रुप का ब्लड नहीं था. ऐसे में मरीज के परिजनों को खून का इंतजाम करने के लिए कहा गया है. परिजन खून के लिए इधर-उधर भटक रहे थे, लेकिन उन्हें खून नहीं मिल रहा था. इस बात की जानकारी डॉक्टर शाशांक को लगी. उन्होंने देरी किए बिना मरीज को अपना ब्लड डोनेट किया और मरीज की जांग की हड्डी का ऑपरेशन किया. ऐसे में दून अस्पताल के प्रशासन ने भी डॉक्टर शशांक के इस प्रयास की काफी सराहना की है.

देहरादून: सूबे के सबसे बड़े सरकारी दून मेडिकल कॉलेज में एक डॉक्टर ने मिसाल पेश की है. दून अस्पताल के ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉक्टर शशांक ने पहले मरीज को ब्लड डोनेट किया और फिर ऑपरेशन कर उसकी जान भी बचाई. डॉक्टर शशांक के इस प्रयास की हर कोई सराहना कर रहा है.

अस्पताल के डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट प्रशासन डॉक्टर एनएस खत्री के मुताबिक, देहरादून के रहने वाले अवधेश गहरे गड्ढे में गिर गया था, जिससे उसकी गंभीर चोटें आई थी. जांच में उसके सीने, बाएं हाथ और जांघ की हड्डी फ्रैक्चर हो गई थी. इसके बाद चिकित्सकों ने मरीज का ऑपरेशन करने का निर्णय लिया, लेकिन खून की कमी के कारण ऑपरेशन नहीं हो पाया.
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डॉक्टर एनएस खत्री ने बताया कि दून ब्लक बैंक में मरीजों की ग्रुप का ब्लड नहीं था. ऐसे में मरीज के परिजनों को खून का इंतजाम करने के लिए कहा गया है. परिजन खून के लिए इधर-उधर भटक रहे थे, लेकिन उन्हें खून नहीं मिल रहा था. इस बात की जानकारी डॉक्टर शाशांक को लगी. उन्होंने देरी किए बिना मरीज को अपना ब्लड डोनेट किया और मरीज की जांग की हड्डी का ऑपरेशन किया. ऐसे में दून अस्पताल के प्रशासन ने भी डॉक्टर शशांक के इस प्रयास की काफी सराहना की है.

Last Updated : Nov 25, 2022, 2:12 PM IST
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