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रजनी भंडारी की बर्खास्तगी पर राजनीतिक घमासान, आमने-सामने आई भाजपा-कांग्रेस - चमोली जिला पंचायत अध्यक्ष

Political turmoil over Rajni Bhandari dismissal उत्तराखंड में राजनीतिक दलों के बीच चमोली जिला पंचायत अध्यक्ष सीट को लेकर घमासान शुरू हो गया है. दरअसल एक दिन पहले ही शासन ने चमोली की जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी को बर्खास्त कर दिया था. इसके बाद मामले में राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है. खास बात यह है कि शासन ने निविदा में गड़बड़ी मामले को लेकर रजनी भंडारी को बर्खास्त किया है. जबकि इससे पहले भी उन्हें सरकार उनके पद से हटा चुकी है. जिसको लेकर उन्होंने हाईकोर्ट से स्टे लिया था.

RAJNI BHANDARI
रजनी भंडारी
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 11, 2024, 4:25 PM IST

Updated : Jan 11, 2024, 5:08 PM IST

रजनी भंडारी की बर्खास्तगी पर राजनीतिक घमासान.

देहरादून: चमोली जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी को बर्खास्त करने के मामले में अब राजनीतिक दल आमने-सामने आ गए हैं. रजनी भंडारी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री राजेंद्र भंडारी की पत्नी हैं और ऐसे में रजनी भंडारी को पद से हटाए जाने के पीछे राजनीतिक द्वेष भावना को भी माना जा रहा है.

दरअसल, पंचायती राज्य सचिव हरिश्चंद्र सेमवाल ने आदेश जारी करते हुए गढ़वाल मंडल कमिश्नर की जांच के आधार पर जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी को हटाने का आदेश दिया है. आदेश में बताया गया था कि जिला पंचायत अध्यक्ष रहते हुए रजनी भंडारी ने नंदा देवी राजजात यात्रा के लिए पर्यटन विभाग की तरफ से दी गई धनराशि में जो काम किए जाने थे, उनके लिए निविदाएं आमंत्रित किए. लेकिन न्यूनतम बोलीदाता के बजाय अधिक बजट देने वाले बोलीदाता को टेंडर दे दिया गया. इस मामले में गढ़वाल कमिश्नर की तरफ से जांच शासन को भेजी गई थी और इसी आधार पर रजनी भंडारी को भी नोटिस जारी किया गया था. लेकिन उनकी तरफ से जो जवाब दिया गया उसे शासन ने सकारात्मक नहीं पाया और इसके बाद कार्रवाई का आदेश जारी कर दिया गया.

वैसे रजनी भंडारी पर शासन ने पहले भी कार्रवाई करते हुए उन्हें उनके पद से हटाने के आदेश किए थे लेकिन उसके खिलाफ रजनी भंडारी पूर्व में हाईकोर्ट चली गई थी. मामले में हाईकोर्ट से रजनी भंडारी को स्टे भी मिल गया था. ऐसे में अब एक बार फिर शासन ने उन पर कार्रवाई की है.
ये भी पढ़ेंः Rajni Bhandari Case: चमोली जिपं अध्यक्ष रजनी भंडारी की बर्खास्तगी पर HC की रोक, हरीश रावत ने सरकार पर साधा निशाना

इस पूरे मामले को लेकर अब राजनीति तेज होती हुई दिखाई दे रही है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री राजेंद्र भंडारी ने रजनी भंडारी का बचाव करते हुए कहा, क्योंकि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के खिलाफ वह विधानसभा चुनाव लड़ते हैं और उन्होंने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को चुनाव में हराया भी है. ऐसे में राजनीतिक द्वेष भावना के तहत रजनी भंडारी पर कार्रवाई की गई है.

इस मामले में जहां चमोली जनपद में राजनीतिक घमासान मचा हुआ है. वहीं राज्य स्तर पर भी बड़े नेता इस मामले को लेकर अपना पक्ष रख रहे हैं. कांग्रेस ने भी रजनी भंडारी के खिलाफ हुई कार्रवाई को गलत बताया है और ऐसी स्थिति में भाजपा ने सरकार के निर्णय के पक्ष में खड़ा होते हुए सरकार द्वारा की गई कार्रवाई को न्याय संगत माना है.
ये भी पढ़ेंः CM Dhami Action: धामी सरकार का बड़ा एक्शन, चमोली जिला पंचायत अध्यक्ष पद से हटाई गईं रजनी भंडारी

भाजपा के प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी ने बताया कि सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई को लेकर कटिबद्ध है. जो भी अपने दायित्व का निर्वहन न करते हुए भ्रष्टाचार को बढ़ावा देता है, उसके खिलाफ सरकार कार्रवाई कर रही है. रजनी भंडारी पर हुई कार्रवाई को भी उन्होंने इसी रूप में सरकार की तरफ से की गई कार्रवाई बताया.

रजनी भंडारी की बर्खास्तगी पर राजनीतिक घमासान.

देहरादून: चमोली जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी को बर्खास्त करने के मामले में अब राजनीतिक दल आमने-सामने आ गए हैं. रजनी भंडारी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री राजेंद्र भंडारी की पत्नी हैं और ऐसे में रजनी भंडारी को पद से हटाए जाने के पीछे राजनीतिक द्वेष भावना को भी माना जा रहा है.

दरअसल, पंचायती राज्य सचिव हरिश्चंद्र सेमवाल ने आदेश जारी करते हुए गढ़वाल मंडल कमिश्नर की जांच के आधार पर जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी को हटाने का आदेश दिया है. आदेश में बताया गया था कि जिला पंचायत अध्यक्ष रहते हुए रजनी भंडारी ने नंदा देवी राजजात यात्रा के लिए पर्यटन विभाग की तरफ से दी गई धनराशि में जो काम किए जाने थे, उनके लिए निविदाएं आमंत्रित किए. लेकिन न्यूनतम बोलीदाता के बजाय अधिक बजट देने वाले बोलीदाता को टेंडर दे दिया गया. इस मामले में गढ़वाल कमिश्नर की तरफ से जांच शासन को भेजी गई थी और इसी आधार पर रजनी भंडारी को भी नोटिस जारी किया गया था. लेकिन उनकी तरफ से जो जवाब दिया गया उसे शासन ने सकारात्मक नहीं पाया और इसके बाद कार्रवाई का आदेश जारी कर दिया गया.

वैसे रजनी भंडारी पर शासन ने पहले भी कार्रवाई करते हुए उन्हें उनके पद से हटाने के आदेश किए थे लेकिन उसके खिलाफ रजनी भंडारी पूर्व में हाईकोर्ट चली गई थी. मामले में हाईकोर्ट से रजनी भंडारी को स्टे भी मिल गया था. ऐसे में अब एक बार फिर शासन ने उन पर कार्रवाई की है.
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इस पूरे मामले को लेकर अब राजनीति तेज होती हुई दिखाई दे रही है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री राजेंद्र भंडारी ने रजनी भंडारी का बचाव करते हुए कहा, क्योंकि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के खिलाफ वह विधानसभा चुनाव लड़ते हैं और उन्होंने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को चुनाव में हराया भी है. ऐसे में राजनीतिक द्वेष भावना के तहत रजनी भंडारी पर कार्रवाई की गई है.

इस मामले में जहां चमोली जनपद में राजनीतिक घमासान मचा हुआ है. वहीं राज्य स्तर पर भी बड़े नेता इस मामले को लेकर अपना पक्ष रख रहे हैं. कांग्रेस ने भी रजनी भंडारी के खिलाफ हुई कार्रवाई को गलत बताया है और ऐसी स्थिति में भाजपा ने सरकार के निर्णय के पक्ष में खड़ा होते हुए सरकार द्वारा की गई कार्रवाई को न्याय संगत माना है.
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भाजपा के प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी ने बताया कि सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई को लेकर कटिबद्ध है. जो भी अपने दायित्व का निर्वहन न करते हुए भ्रष्टाचार को बढ़ावा देता है, उसके खिलाफ सरकार कार्रवाई कर रही है. रजनी भंडारी पर हुई कार्रवाई को भी उन्होंने इसी रूप में सरकार की तरफ से की गई कार्रवाई बताया.

Last Updated : Jan 11, 2024, 5:08 PM IST
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