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मालन नदी का पुल टूटने के लिए हम नहीं जिम्मेदार, संबंधित विभाग की है लापरवाही- रंजीत सिन्हा - पुरोला में आपदा

Disaster Management in Uttarakhand उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा का कहना है कि कोटद्वार में मालन नदी का पुल टूटने के लिए आपदा प्रबंधन विभाग नहीं बल्कि संबंधित विभाग जिम्मेदार है. रंजीत सिन्हा उत्तरकाशी के पुरोला में आपदा से हुए नुकसान का जायजा लेकर देहरादून लौटे हैं.

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उत्तराखंड आपदा समाचार
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Published : Jul 25, 2023, 10:29 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 2:14 PM IST

मालन पुल गिरने पर आपदा प्रबंधन सचिव का बयान

देहरादून: सोमवार को आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा पुरोला में आपदा प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर वापस लौटे. इस दौरान उन्होंने कोटद्वार में गिरे मालन नदी के पुल को लेकर के भी अपना पक्ष रखा.आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा पुल टूटने का ठीकरा संबंधित विभाग पर फोड़ा है. रंजीत सिन्हा का कहना है कि कोटद्वार में मालन नदी का पुल टूटने के लिए आपदा प्रबंधन विभाग नहीं बल्कि संबंधित विभाग जिम्मेदार है.

Disaster Management
उत्तरकाशी के पुरोला में आपदा से हुए नुकसान का जायजा लेते आपदा प्रबंधन सचिव

पुरोला में बादल फटने से आई है तबाही: उत्तरकाशी के पुरोला में बादल फटने की वजह से आई तबाही से शहर में काफी नुकसान हुआ है. इसको लेकर मुख्यमंत्री के सचिव और गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे के साथ आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने मौके पर जाकर निरीक्षण किया. पुरोला में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर वापस लौटे रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि पुरोला बाजार में पड़ने वाले नाले के दोनों तरफ काफी नुकसान हुआ है. उन्होंने बताया कि पूरे नाले की सेफ्टी वॉल टूट गई है. कृषि भूमि को भी नुकसान हुआ है. गनीमत रही कि किसी की जान का नुकसान नहीं हुआ है. उन्होंने बताया कि वह जल्द ही नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा राशि जारी कर देंगे, जिसके लिए प्रक्रिया चल रही है.

Disaster Management
पुरोला में आपदा से बहुत नुकसान हुआ है

मालन नदी का पुल टूटने का ठीकरा विभाग पर फोड़ा: वहीं इसके अलावा आपदा प्रबंधन सचिव ने कोटद्वार मालन नदी में पुल टूटने की घटना पर शुरू हुए विवाद पर अपना पक्ष रखते हुए बताया कि उनके पास कोटद्वार मालन नदी को लेकर इसी साल 28 अप्रैल को एक प्रस्ताव आया था. प्रस्ताव तकरीबन चार करोड़ का था. आपदा प्रबंधन सचिव ने बताया कि आपदा राहत मद के तहत पुल की मरम्मत के लिए केवल 75,000 रुपए का प्रावधान है. लिहाजा उसी वक्त इस प्रस्ताव पर उनके द्वारा जवाब दे दिया गया था कि यह आपदा प्रबंधन के तहत संभव नहीं है. इसके लिए विभागीय कार्रवाई की जा सकती है.
ये भी पढ़ें: आपदाग्रस्त उत्तरकाशी पहुंचे कमिश्नर और सचिव, प्रभावितों से मिलकर दिया मदद का आश्वासन

अपनी जिम्मेदारी हम ठीक से निभा रहे- रंजीत सिन्हा: आपदा प्रबंधन सचिव का कहना है कि मालन नदी का पुल टूटने का कारण आपदा प्रबंधन नहीं, बल्कि विभागीय लापरवाही है. वहीं इसके अलावा उनका यह भी कहना है कि लगातार नदियों में खनन हो रहा है. साथ ही लंबे समय से पुल कमजोर हो रहा था, जिसकी वजह से ही पुल टूटा है. लेकिन इसके लिए आपदा प्रबंधन में किसी भी तरह का कोई प्रावधान नहीं है. आपदा प्रबंधन के पास राहत और रेस्क्यू की तमाम जिम्मेदारियां हैं, जिन्हें वह निरंतर निभा रहा है.

मालन पुल गिरने पर आपदा प्रबंधन सचिव का बयान

देहरादून: सोमवार को आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा पुरोला में आपदा प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर वापस लौटे. इस दौरान उन्होंने कोटद्वार में गिरे मालन नदी के पुल को लेकर के भी अपना पक्ष रखा.आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा पुल टूटने का ठीकरा संबंधित विभाग पर फोड़ा है. रंजीत सिन्हा का कहना है कि कोटद्वार में मालन नदी का पुल टूटने के लिए आपदा प्रबंधन विभाग नहीं बल्कि संबंधित विभाग जिम्मेदार है.

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उत्तरकाशी के पुरोला में आपदा से हुए नुकसान का जायजा लेते आपदा प्रबंधन सचिव

पुरोला में बादल फटने से आई है तबाही: उत्तरकाशी के पुरोला में बादल फटने की वजह से आई तबाही से शहर में काफी नुकसान हुआ है. इसको लेकर मुख्यमंत्री के सचिव और गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे के साथ आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने मौके पर जाकर निरीक्षण किया. पुरोला में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर वापस लौटे रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि पुरोला बाजार में पड़ने वाले नाले के दोनों तरफ काफी नुकसान हुआ है. उन्होंने बताया कि पूरे नाले की सेफ्टी वॉल टूट गई है. कृषि भूमि को भी नुकसान हुआ है. गनीमत रही कि किसी की जान का नुकसान नहीं हुआ है. उन्होंने बताया कि वह जल्द ही नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा राशि जारी कर देंगे, जिसके लिए प्रक्रिया चल रही है.

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पुरोला में आपदा से बहुत नुकसान हुआ है

मालन नदी का पुल टूटने का ठीकरा विभाग पर फोड़ा: वहीं इसके अलावा आपदा प्रबंधन सचिव ने कोटद्वार मालन नदी में पुल टूटने की घटना पर शुरू हुए विवाद पर अपना पक्ष रखते हुए बताया कि उनके पास कोटद्वार मालन नदी को लेकर इसी साल 28 अप्रैल को एक प्रस्ताव आया था. प्रस्ताव तकरीबन चार करोड़ का था. आपदा प्रबंधन सचिव ने बताया कि आपदा राहत मद के तहत पुल की मरम्मत के लिए केवल 75,000 रुपए का प्रावधान है. लिहाजा उसी वक्त इस प्रस्ताव पर उनके द्वारा जवाब दे दिया गया था कि यह आपदा प्रबंधन के तहत संभव नहीं है. इसके लिए विभागीय कार्रवाई की जा सकती है.
ये भी पढ़ें: आपदाग्रस्त उत्तरकाशी पहुंचे कमिश्नर और सचिव, प्रभावितों से मिलकर दिया मदद का आश्वासन

अपनी जिम्मेदारी हम ठीक से निभा रहे- रंजीत सिन्हा: आपदा प्रबंधन सचिव का कहना है कि मालन नदी का पुल टूटने का कारण आपदा प्रबंधन नहीं, बल्कि विभागीय लापरवाही है. वहीं इसके अलावा उनका यह भी कहना है कि लगातार नदियों में खनन हो रहा है. साथ ही लंबे समय से पुल कमजोर हो रहा था, जिसकी वजह से ही पुल टूटा है. लेकिन इसके लिए आपदा प्रबंधन में किसी भी तरह का कोई प्रावधान नहीं है. आपदा प्रबंधन के पास राहत और रेस्क्यू की तमाम जिम्मेदारियां हैं, जिन्हें वह निरंतर निभा रहा है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 2:14 PM IST
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